बांसवाड़ा. जिले के सदर थाना क्षेत्र के गलकिया गांव में रहने वाले महेंद्र कलाल नाम के युवक की 29 जुलाई को मध्य प्रदेश के सैलाना थाना इलाके में पेड़ से टंगी हुई लाश मिली थी. पुलिस इस मामले को आत्महत्या मान रही है. वहीं, पुलिस की जांच को लेकर कलाल समाज असंतोष जता रहा है. गुरुवार को मेवाड़ा कलाल समाज के जिलाध्यक्ष हरीश कलाल के नेतृत्व में मामले को लेकर जिले भर के समाज के प्रतिनिधि जिला मुख्यालय पहुंचे और रैली निकालकर अपना विरोध जताया.
इस संबंध में समाज के लोगों ने पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात की और उन्हें मामले के विभिन्न तथ्यों से अवगत कराते हुए पुलिस जांच के प्रति असंतोष जताया. बताया जा रहा है कि शादी के दूसरे ही दिन पत्नी मीनाक्षी सहित कुछ लोग महेंद्र कलाल को उठा ले गए थे. ऐसे में समाज के लोगों का कहना है कि उच्च स्तरीय जांच पर उसकी मौत की हकीकत सामने लाई जा सकती है.
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बता दें कि रतलाम पुलिस ने मामले में महज कुछ दिनों में ही शादी के नाम पर धोखाधड़ी का खुलासा किया था और दुल्हन मीनाक्षी पुरोहित को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस के मुताबिक आरोपी मीनाक्षी ने साजिश कर कुछ लोगों के साथ पहले में भी शादियां की थी. साथ ही लोगों के गहने और कैश आदि पर हाथ साफ करने का गुनाह कबूल किया है. महेंद्र भी उनकी धोखाधड़ी का शिकार हुआ और मीनाक्षी ने अपने गैंग के लोगों के साथ मिलकर सोने-चांदी के आभूषण और कैश आदि भी हड़प लिए थे. समाज के लोगों का कहना है कि मीनाक्षी से शादी कराने के नाम पर उसके फर्जी रिश्तेदार 3 लाख रुपये कैश भी ले गए थे.
मामले में 28 जुलाई को मीनाक्षी अपने फर्जी रिश्तेदारों के साथ महेंद्र को जबरन साथ ले गई और अगले दिन उसकी लाश ही मिली. ऐसे में समाज के लोगों का कहना है कि उसकी हत्या कर गहने आदि निकाल लिए गए. ऐसे में इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होने से महेंद्र कलाल की मौत की वास्तविकता सामने लाई जा सकती है. अपनी इस मांग के साथ समाज के लोग रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे और नारेबाजी करते हुए जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने एसपी के समक्ष अपनी बात रखी.
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समाज के प्रतिनिधिमंडल ने इस प्रकरण में शामिल मुकेश जोशी पुष्पेंद्र उर्फ गजेंद्र संगीता उर्फ सारिका को गिरफ्तार करने के साथ ही मीनाक्षी के खिलाफ हत्या, लूट, अपहरण और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर सोने-चांदी के गहने और 3 लाख रुपये कैश उसके परिजनों को दिलवाने का आग्रह किया. जिलाध्यक्ष हरीश कलाल के अनुसार पुलिस फिलहाल इसे आत्महत्या मान रही है, जिसे लेकर समाज के लोग आहत हैं. उच्च स्तरीय जांच से महेंद्र की मौत की वास्तविकता सामने लाई जा सकती है. जरूरत पड़ने पर समाज के लोग आंदोलन भी कर सकते हैं.