बांसवाड़ा. पिछले 4 माह से कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है. इसके चलते लंबे समय से मार्केट भी मंदा चल रहा है. भाई-बहन के स्नेह के प्रतीक रक्षाबंधन को लेकर मार्केट में कुछ हलचल की उम्मीद थी, लेकिन अंतिम दिन तक बाजार की खामोशी नहीं टूटी. बाजार में सन्नाटा पसरा रहा. ग्राहकों के अभाव में व्यापारी हाथ पर हाथ धरे बैठे नजर आए. कई व्यापारी स्टाफ को लेकर चिंतित दिखाई दिए.
ईटीवी भारत की टीम ने रक्षाबंधन पर्व को लेकर मार्केट के हाल जाने तो मार्केट की तस्वीर व्यापारियों की उम्मीद के उलट ही नजर आई. इक्का-दुक्का लोगों के अलावा मार्केट में खामोशी ही छाई हुई थी. हालांकि बड़ी संख्या में व्यापारियों ने रक्षाबंधन पर मार्केट उठने की आस में राज्यों का बड़ा स्टॉक मंगवा लिया था. लेकिन खरीददार नदारद थे.
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व्यापारियों का कहना है कि गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 25 से 30 प्रतिशत राखियों की बिक्री भी नहीं हो पाई. व्यापारियों के सामने अब चिंता इस स्टॉक को लेकर है, जिन्हें अगले साल तक सुरक्षित रखने के लिए अलग से इंतजाम करने होंगे.