बांसवाड़ा. विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के पंचायत सहायकों को स्थाई करने का वादा किया था. लेकिन 2 साल बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया. ऐसे में इस मामले को लेकर राजस्थान ग्राम पंचायत सहायक संघ ने अपनी आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है. संगठन ने जिला स्तरीय बैठक में रणनीति तैयार करने के बाद शुक्रवार को बांसवाड़ा कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सरकार को उसके वादे को याद दिलाया है.
बता दें कि ज्ञापन सौंपने से पहले भारत माता मंदिर के पास मैदान में संगठन ने बैठक कर इस मसले पर विस्तार से चर्चा की. जिसमें विस्तार से चर्चा के बाद अध्यक्ष बालचंद निनामा, उपाध्यक्ष राज किशोर वर्मा, महासचिव धनपाल पारगी और कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान का एक प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर से मिला और उन्हें अपनी मांग से अवगत कराया.
संगठन का कहना है कि, पंचायत सहायकों ने बीएलओ के रूप में विधानसभा लोकसभा चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वहीं, 2006 से 2014 तक विद्यार्थी मित्र के रुप में कार्य करने का भी अनुभव रहा है. प्रदेश में 26 हजार 381 पंचायत सहायक सरकारी स्कूलों में शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वहीं, ग्राम पंचायतों में सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार में भी अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों की भी ड्यूटी लगाई गई, जिसे वो बखूबी निभाया रहे हैं.
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कोषाध्यक्ष चौहान ने बताया कि इन सब पहलुओं को देखते हुए राज्य सरकार को अपने घोषणा पत्र को लागू करना चाहिए. इस संबंध में ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री को अपनी भावनाओं से अवगत कराया गया है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि, इसके बाद भी सरकार अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो, आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की होगी.