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टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ निजी बस संचालकों का प्रदर्शन, परमिट सरेंडर करने की दी चेतावनी

राज्य के बजट में भारी टैक्स बढ़ोतरी को लेकर निजी बस संचालक भड़क गए है. जिसके बाद उन्होंने नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. बस संचालको ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर टैक्स बढ़ोतरी को निरस्त करने की मांग की है.

टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ भड़के बस संचालक
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Published : Jul 22, 2019, 5:45 PM IST

बांसवाड़ा. राज्य के बजट में भारी टैक्स बढ़ोतरी को लेकर निजी बस ऑपरेटर भड़क गए. बस ऑपरेटर सोमवार को नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर टैक्स बढ़ोतरी को निरस्त करने की मांग की.

बस ऑपरेटरों के राज्यव्यापी आंदोलन के तहत वागड़ मोटर यूनियन के बैनर तले निजी बस ऑपरेटर नारेबाजी करते हुए बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट पहुंचे. कलेक्ट्रेट परिसर में इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की. यूनियन उपाध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन दिया.

टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ भड़के बस संचालक

उनके द्वारा आरोप लगाया गया कि विभिन्न रूटों पर भारी पैमाने पर अवैध तरीके से वाहनों का संचालन किया जा रहा है लेकिन उन पर कार्रवाई की बजाय टैक्स घटा दिया गया है. निजी बस ऑपरेटर वैसे भी घाटे में काम करने को मजबूर है. वहीं इस उद्योग को प्रोत्साहन के स्थान पर सरकार द्वारा टैक्स में भारी बढ़ोतरी कर दी गई है. इससे उनका बस संचालन मुश्किल होगा और बस सेवा को बंद करना ही एकमात्र विकल्प रहेगा.

ज्ञापन में स्टेट कैरिज वाहनों का टैक्स स्लैब 100 से शुरू करके 50 किलोमीटर का करने के साथ ही 100 रुपए प्रति सीट 100 किलोमीटर से शुरू करने और अधिकतम 250 रुपए प्रति सीट करने का सुझाव दिया गया. वहीं उपनगरीय मार्ग का टैक्स यथावत रखने के साथ अस्थाई परमिट की सीलिंग हटाने की मांग की गई.

साथ ही ऑल रीजन संविदा वाहन परमिट प्रणाली लागू करने और सौ रुपए प्रति सीट तथा 500 रुपए टीपी करने का सुझाव दिया गया. ज्ञापन में कहा गया कि शीघ्र ही टैक्स बढ़ोतरी के निर्णय को वापस नहीं लेने पर ऑपरेटर अपने वाहनों की आरसी और परमिट जिला परिवहन कार्यालय में सरेंडर करने को मजबूर होंगे.

बांसवाड़ा. राज्य के बजट में भारी टैक्स बढ़ोतरी को लेकर निजी बस ऑपरेटर भड़क गए. बस ऑपरेटर सोमवार को नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर टैक्स बढ़ोतरी को निरस्त करने की मांग की.

बस ऑपरेटरों के राज्यव्यापी आंदोलन के तहत वागड़ मोटर यूनियन के बैनर तले निजी बस ऑपरेटर नारेबाजी करते हुए बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट पहुंचे. कलेक्ट्रेट परिसर में इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की. यूनियन उपाध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन दिया.

टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ भड़के बस संचालक

उनके द्वारा आरोप लगाया गया कि विभिन्न रूटों पर भारी पैमाने पर अवैध तरीके से वाहनों का संचालन किया जा रहा है लेकिन उन पर कार्रवाई की बजाय टैक्स घटा दिया गया है. निजी बस ऑपरेटर वैसे भी घाटे में काम करने को मजबूर है. वहीं इस उद्योग को प्रोत्साहन के स्थान पर सरकार द्वारा टैक्स में भारी बढ़ोतरी कर दी गई है. इससे उनका बस संचालन मुश्किल होगा और बस सेवा को बंद करना ही एकमात्र विकल्प रहेगा.

ज्ञापन में स्टेट कैरिज वाहनों का टैक्स स्लैब 100 से शुरू करके 50 किलोमीटर का करने के साथ ही 100 रुपए प्रति सीट 100 किलोमीटर से शुरू करने और अधिकतम 250 रुपए प्रति सीट करने का सुझाव दिया गया. वहीं उपनगरीय मार्ग का टैक्स यथावत रखने के साथ अस्थाई परमिट की सीलिंग हटाने की मांग की गई.

साथ ही ऑल रीजन संविदा वाहन परमिट प्रणाली लागू करने और सौ रुपए प्रति सीट तथा 500 रुपए टीपी करने का सुझाव दिया गया. ज्ञापन में कहा गया कि शीघ्र ही टैक्स बढ़ोतरी के निर्णय को वापस नहीं लेने पर ऑपरेटर अपने वाहनों की आरसी और परमिट जिला परिवहन कार्यालय में सरेंडर करने को मजबूर होंगे.

Intro:बांसवाड़ाl राज्य के बजट में भारी टैक्स बढ़ोतरी को लेकर निजी बस ऑपरेटर भड़क गएl बस ऑपरेटर सोमवार को नारेबाजी के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर टैक्स बढ़ोतरी को निरस्त करने की मांग की गईl


Body:बस ऑपरेटरों के राज्यव्यापी आंदोलन के तहत वागड़ मोटर यूनियन के बैनर तले निजी बस ऑपरेटर नारेबाजी करते हुए बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट पहुंचेl कलेक्ट्रेट परिसर में इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी कीl बाद में यूनियन के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश जोशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन दियाl जापान में आरोप लगाया गया कि विभिन्न रूटों पर भारी पैमाने पर अवैध तरीके से वाहनों का संचालन किया जा रहा है लेकिन उन पर कार्रवाई की बजाय टैक्स घटा दिया गया हैl इसके चलते निजी बस ऑपरेटर वैसे भी घाटे में काम करने को मजबूर हैl इस उद्योग को प्रोत्साहन के स्थान पर सरकार द्वारा टैक्स में भारी बढ़ोतरी कर दी गईl


Conclusion:इससे उनका बस संचालन मुश्किल होगा और बस सेवा को बंद करना ही एकमात्र विकल्प रहेगाl ज्ञापन में स्टेट कैरिज वाहनों का टैक्स स्लैब 100 से शुरू करके 50 किलोमीटर का करने के साथ ही 100 रुपए प्रति सीट 100 किलोमीटर से शुरू करने और अधिकतम ₹250 प्रति सीट करने का सुझाव दिया गया वही उपनगरीय मार्ग का टैक्स यथावत रखने के साथ अस्थाई परमिट की सीलिंग हटाने की मांग की गईl साथ ही ऑल रीजन संविदा वाहन परमिट प्रणाली लागू करने और सो रुपए प्रति सीट तथा ₹500 टीपी के करने का सुझाव दिया गयाl ज्ञापन में कहा गया कि शीघ्र ही टैक्स बढ़ोतरी के निर्णय को वापस नहीं लेने पर ऑपरेटर अपने वाहनों की आरसी और परमिट जिला परिवहन कार्यालय में सरेंडर करने को मजबूर होंगेl

बाइट......... ओम प्रकाश जोशी उपाध्यक्ष वागड़ मोटर यूनियन
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