बांसवाड़ा. राज्य के बजट में भारी टैक्स बढ़ोतरी को लेकर निजी बस ऑपरेटर भड़क गए. बस ऑपरेटर सोमवार को नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर टैक्स बढ़ोतरी को निरस्त करने की मांग की.
बस ऑपरेटरों के राज्यव्यापी आंदोलन के तहत वागड़ मोटर यूनियन के बैनर तले निजी बस ऑपरेटर नारेबाजी करते हुए बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट पहुंचे. कलेक्ट्रेट परिसर में इन लोगों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की. यूनियन उपाध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन दिया.
उनके द्वारा आरोप लगाया गया कि विभिन्न रूटों पर भारी पैमाने पर अवैध तरीके से वाहनों का संचालन किया जा रहा है लेकिन उन पर कार्रवाई की बजाय टैक्स घटा दिया गया है. निजी बस ऑपरेटर वैसे भी घाटे में काम करने को मजबूर है. वहीं इस उद्योग को प्रोत्साहन के स्थान पर सरकार द्वारा टैक्स में भारी बढ़ोतरी कर दी गई है. इससे उनका बस संचालन मुश्किल होगा और बस सेवा को बंद करना ही एकमात्र विकल्प रहेगा.
ज्ञापन में स्टेट कैरिज वाहनों का टैक्स स्लैब 100 से शुरू करके 50 किलोमीटर का करने के साथ ही 100 रुपए प्रति सीट 100 किलोमीटर से शुरू करने और अधिकतम 250 रुपए प्रति सीट करने का सुझाव दिया गया. वहीं उपनगरीय मार्ग का टैक्स यथावत रखने के साथ अस्थाई परमिट की सीलिंग हटाने की मांग की गई.
साथ ही ऑल रीजन संविदा वाहन परमिट प्रणाली लागू करने और सौ रुपए प्रति सीट तथा 500 रुपए टीपी करने का सुझाव दिया गया. ज्ञापन में कहा गया कि शीघ्र ही टैक्स बढ़ोतरी के निर्णय को वापस नहीं लेने पर ऑपरेटर अपने वाहनों की आरसी और परमिट जिला परिवहन कार्यालय में सरेंडर करने को मजबूर होंगे.