बांसवाड़ा. नागरिकता संशोधन अधिनियम की खिलाफत को देखते हुए बांसवाड़ा में प्रशासन ने इस मुद्दे को लेकर एक अहम फैसला किया है. इसके तहत जुलूस पर पूरी तरह से प्रशासन की ओर से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके समर्थन या खिलाफ होने वाले किसी भी प्रकार के जुलूस को अनुमति नहीं दी जाएगी.
इस मामले को लेकर दोनों ही पक्षों की ओर से पुलिस की परमिशन मांगी गई थी. पहले मुस्लिम वर्ग की ओर से अधिनियम की खिलाफत करते हुए अनुमति मांगी गई थी. जिसे पुलिस प्रशासन की सिफारिश के आधार पर जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया. इसके बावजूद हजारों की संख्या में समुदाय विशेष के लोगों ने जुलूस निकालने का प्रयास किया.
वहीं जुलूस को लेकर प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं देने के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों का यह पहुंचना, पुलिस प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गया. हालांकि पुलिस की सख्ती के आगे आखिर में मुस्लिम वर्ग ने जुलूस कैंसिल कर दिया. जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने किसी वर्ग को जुलूस की अनुमति नहीं देने की बात कही थी. इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से अधिनियम के समर्थन में जुलूस के लिए मांगी गई अनुमति निरस्त कर दी गई है.
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अधिनियम के समर्थन में हिंदू संगठनों की ओर से 23 दिसंबर को शहर में जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई थी. जुलूस की अनुमति पर दोनों ही संप्रदायों में प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होने की आशंका में प्रशासन ने हिंदू संगठनों का आवेदन भी खारिज कर दिया. जुलूस की अनुमति से शहर का माहौल बिगड़ने की आशंका के चलते हिंदू संगठनों को जुलूस की अनुमति भी नहीं दी गई. इस संबंध में जानकारी संबंधित संगठनों को दे दी गई है.
जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के अनुसार मुद्दे को लेकर हम किसी भी प्रकार के जुलूस की अनुमति नहीं देने जा रहे हैं. इससे दोनों ही संप्रदायों में प्रतिस्पर्धा उत्पन्न हो सकती है. जो कि शहर की शांति के लिए ठीक नहीं है. यह देखते हुए हमने 23 दिसंबर को जुलूस के लिए मांगी गई अनुमति को खारिज कर दिया है. इस मुद्दे पर हम किसी भी संगठन को जुलूस या प्रदर्शन की अनुमति नहीं देंगे.