बांसवाड़ा. आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में लॉकडाउन के दौरान लोगों ने नियमों का जमकर उल्लंघन किया है. इसका फायदा पुलिस ने राजस्व बटोरने में किया. यही कारण है कि मई माह में पुलिस ने जिले भर में 24000 से ज्यादा लोगों के चालान काट कर करीब 37 लाख रुपये राजस्व की वसूली की है. दूसरी तरफ बांसवाड़ा का कोविड-19 प्रबंधन प्रदेश में अव्वल रहा है. प्रभारी मंत्री रहे हों या फिर जिले के मंत्री या अन्य की तरफ से कलेक्टर को बधाई दी गई है. कोविड-19 प्रबंधन में सबसे अहम रोल पुलिस का रहा है.
लॉकडाउन के दौरान निजी वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध था. बावजूद इसके लोग अपने निजी वाहन लेकर सड़क पर निकले तो पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट में चालान बनाने शुरू कर दिए. अकेले मई माह में पुलिस ने 24 हजार 951 वाहन चालकों के चालान काट कर 36 लाख 79 हजार 900 जुर्माना वसूला है. जब इस संबंध में हमने एसपी कावेन्द्र सिंह सागर से बात की, तो उन्होंने बताया कि हम सिर्फ कानून की पालना कर रहे हैं. जो नियमों की अवहेलना करते हैं, उन्हें पहले समझाते हैं, फिर चालान बनाते हैं.
मई माह के 31 में से 18 दिन ऐसे जब एक लाख से ज्यादा जुर्माना
मई माह के 31 दिन में से 18 दिन ऐसे थे, जब 1 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूला गया. जिस दिन 1 लाख जुर्माना वसूला गया, उस दिन 900 से ज्यादा वाहनों के चालान बनाए गए. जिले में 3 दिन ऐसे भी आए, जब 1000 से जादा वाहन चालकों के चालान काटे गए.
3 मई को 2 लाख से ज्यादा जुर्माना
पुलिस रिकॉर्ड को जब हमने खंगाला तो सामने आया कि 3 मई को पुलिस ने जिले भर में 1452 वाहन चालकों के चालान काटे. उस दिन पुलिस ने 2 लाख 23 हजार 800 का जुर्माना वसूला. चिकित्सा विभाग के अनुसार बांसवाड़ा जिले की जनसंख्या 20 लाख के आसपास है. जिले में जुर्माना 37 लाख के करीब वसूला गया है. जिले भर का औसत निकालें तो लगभग प्रति 2 व्यक्ति ने अवैध रूप से वाहन संचालन पर जुर्माना दिया है.