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बांसवाड़ा में पौधारोपण की हुई शुरुआत, कलेक्टर ने कहा- जिले का नाम बांसवाड़ा, लेकिन नहीं दिखता बांस

बांसवाड़ा में गुरुवार को पौधारोपण की शुरुआत हुई. राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में विभिन्न प्रकार के 250 से अधिक पौधे लगाए गए. इस दौरान जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने अफसोस जताते हुए कि मैंने बांसवाड़ा के नाम से सोचा था कि यहां बांस अधिक मात्रा में होंगे. लेकिन, अब तक कहीं पर भी बांस देखने को नहीं मिला.

बांसवाड़ा न्यूज़,  Plantation in Banswara
बांसवाड़ा में पौधारोपण की हुई शुरुआत
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Published : Jul 23, 2020, 11:10 PM IST

बांसवाड़ा. जिले में गुरुवार को लोधा स्थित राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण की शुरुआत हुई. जिला स्तरीय वन महोत्सव की शुरुआत के दौरान जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह मुख्य अतिथि रहे. इस दौरान राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में विभिन्न प्रकार के 250 से अधिक पौधे लगाए गए.

बांसवाड़ा में पौधारोपण की हुई शुरुआत

इसके बाद आयोजित समारोह में वक्ताओं ने निरंतर वनों की कटाई पर चिंता जताते हुए आगामी पीढ़ी के भविष्य के लिए पर्यावरण संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया. वहीं, जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने अफसोस जताते हुए कि मैंने बांसवाड़ा के नाम से सोचा था कि यहां बांस अधिक मात्रा में होंगे. लेकिन, अब तक कहीं पर भी बांस देखने को नहीं मिला. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम पर्यावरण को लेकर कितने गंभीर हैं.

पढ़ें: राजस्थानियों की तो इम्युनिटी पावर सही और कांग्रेस की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है: सतीश पूनिया

मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि एक समय था, जब पर्यावरण के बदलाव पर चर्चा होने पर विकास पर फोकस किया जाता था. लेकिन, जैसे-जैसे प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया, अब उस सोच मैं बदलाव आता जा रहा है. सरकार की जो भी नई योजनाएं आ रही है, उनमें प्लांटेशन एक अहम पार्ट बनता जा रहा है. कुल मिलाकर हमें अब नैसर्गिक संसाधनों को बचाने की जरूरत है.

वहीं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने वनों की कटाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि समय रहते हमें संभलना होगा, अन्यथा कोरोना की तरह और भी कई संकट झेलने होंगे. इस मौके पर उन्होंने शहर में नगर परिषद द्वारा 8-8 फीट लंबे करीब 2,000 पौधे लगाने के बारे में भी बताया. इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश देवेंद्र सिंह भाटी ने इस मुद्दे को जनसंख्या वृद्धि से जोड़ते हुए कहा कि जैसे-जैसे आबादी बढ़ती है, आवश्यकता बढ़ती जाती है और उसी का नतीजा प्रकृति को भुगतना पड़ता है.

पढ़ें: क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ जांच के आदेश

राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शिवलाल ने बताया कि 2 साल पहले भी महाविद्यालय परिसर में वन महोत्सव के तहत करीब 3000 पौधे लगाए गए थे, जिनमें से आज 90 फीसदी पौधे लगे हुए हैं और फल-फूल रहे हैं. उन्होंने कन्या छात्रावास लैब और गेस्ट हाउस निर्माण के लिए भेजे गए प्रस्ताव की ओर जिला कलेक्टर का ध्यान दिलाया और सहयोग का आग्रह किया. वहीं, उप वन संरक्षक सारस्वत ने बताया कि वन महोत्सव के तहत जिले में 253 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब ढाई लाख पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी तैयारियां पूर्ण की जा चुकी हैं.

वहीं, कार्यक्रम की शुरूआत में उप वन संरक्षक हरिकिशन सारस्वत ने अतिथियों का स्वागत किया. प्रशिक्षु आईएफएस अभिमन्यु सारण ने आभार जताया. पुलिस अधीक्षक कवेंद्र सिंह सागर, पर्यावरणविद डॉ. दीपक द्विवेदी और अतिरिक्त उप वन संरक्षक सेद्धा हुसैन भी मंच पर मौजूद रहे.

बांसवाड़ा. जिले में गुरुवार को लोधा स्थित राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण की शुरुआत हुई. जिला स्तरीय वन महोत्सव की शुरुआत के दौरान जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह मुख्य अतिथि रहे. इस दौरान राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में विभिन्न प्रकार के 250 से अधिक पौधे लगाए गए.

बांसवाड़ा में पौधारोपण की हुई शुरुआत

इसके बाद आयोजित समारोह में वक्ताओं ने निरंतर वनों की कटाई पर चिंता जताते हुए आगामी पीढ़ी के भविष्य के लिए पर्यावरण संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया. वहीं, जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने अफसोस जताते हुए कि मैंने बांसवाड़ा के नाम से सोचा था कि यहां बांस अधिक मात्रा में होंगे. लेकिन, अब तक कहीं पर भी बांस देखने को नहीं मिला. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हम पर्यावरण को लेकर कितने गंभीर हैं.

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मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए जिला कलेक्टर ने कहा कि एक समय था, जब पर्यावरण के बदलाव पर चर्चा होने पर विकास पर फोकस किया जाता था. लेकिन, जैसे-जैसे प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया, अब उस सोच मैं बदलाव आता जा रहा है. सरकार की जो भी नई योजनाएं आ रही है, उनमें प्लांटेशन एक अहम पार्ट बनता जा रहा है. कुल मिलाकर हमें अब नैसर्गिक संसाधनों को बचाने की जरूरत है.

वहीं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने वनों की कटाई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि समय रहते हमें संभलना होगा, अन्यथा कोरोना की तरह और भी कई संकट झेलने होंगे. इस मौके पर उन्होंने शहर में नगर परिषद द्वारा 8-8 फीट लंबे करीब 2,000 पौधे लगाने के बारे में भी बताया. इस दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश देवेंद्र सिंह भाटी ने इस मुद्दे को जनसंख्या वृद्धि से जोड़ते हुए कहा कि जैसे-जैसे आबादी बढ़ती है, आवश्यकता बढ़ती जाती है और उसी का नतीजा प्रकृति को भुगतना पड़ता है.

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राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शिवलाल ने बताया कि 2 साल पहले भी महाविद्यालय परिसर में वन महोत्सव के तहत करीब 3000 पौधे लगाए गए थे, जिनमें से आज 90 फीसदी पौधे लगे हुए हैं और फल-फूल रहे हैं. उन्होंने कन्या छात्रावास लैब और गेस्ट हाउस निर्माण के लिए भेजे गए प्रस्ताव की ओर जिला कलेक्टर का ध्यान दिलाया और सहयोग का आग्रह किया. वहीं, उप वन संरक्षक सारस्वत ने बताया कि वन महोत्सव के तहत जिले में 253 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब ढाई लाख पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी तैयारियां पूर्ण की जा चुकी हैं.

वहीं, कार्यक्रम की शुरूआत में उप वन संरक्षक हरिकिशन सारस्वत ने अतिथियों का स्वागत किया. प्रशिक्षु आईएफएस अभिमन्यु सारण ने आभार जताया. पुलिस अधीक्षक कवेंद्र सिंह सागर, पर्यावरणविद डॉ. दीपक द्विवेदी और अतिरिक्त उप वन संरक्षक सेद्धा हुसैन भी मंच पर मौजूद रहे.

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