बांसवाड़ा. महात्मा गांधी चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों में ऑक्सीजन सिलेंडर के दिन अब खत्म होते दिखाई दे रहे हैं. इसके स्थान पर अब आईसीयू सहित विभिन्न वार्डों में सीधे बेड पर ही मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगी. इसके लिए चिकित्सालय परिसर में ही ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित किया गया है.
यहां से पाइपलाइन के जरिए जीवनदायिनी ऑक्सीजन सीधे बेड पर पहुंचेगी. फिलहाल करीब पौने दो सौ बेड पर यह सुविधा उपलब्ध होगी. प्रारंभ में गहन चिकित्सा इकाई के साथ-साथ कोविड-19 के वार्डों को प्राथमिकता दी गई है. इसके लिए पाइप लाइन बिछाने का काम लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया है.
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हॉस्पिटल में आए दिन ऑक्सीजन सिलेंडर की मारामारी के साथ-साथ नर्सिंग स्टाफ को भी कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 10 रोज पहले भी इसी प्रकार की एक शिकायत आई थी. जिसमें एक रोगी को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने का आरोप लगाया था. यह मामला काफी गरमाया. हालांकि चिकित्सालय प्रशासन इस दिशा में कदम उठा चुका था. इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए बेड तक सीधी सप्लाई की प्लानिंग के तहत आईसीयू के पिछवाड़े ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित किया गया. यहां से कोरोना वार्ड के साथ-साथ गहन चिकित्सा इकाई तक हर वार्ड के लिए अलग-अलग लाइन बिछाई गई.
लाइन बिछाने का काम करीब-करीब अंतिम चरण में पहुंच गया है. 40 बेड के 1 वार्ड को डायरेक्ट सप्लाई सिस्टम से जोड़ दिया गया है. कोविड-19 के महिला और पुरुष वार्ड तक भी पाइपलाइन पहुंच चुकी है और आवश्यक उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं. पहले चरण में करीब 160 से 170 बेड पर सीधी ऑक्सीजन सप्लाई की योजना है.
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प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल भाटी के अनुसार ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट से ऑक्सीजन सीधी बेड तक सप्लाई होगी. इससे अचानक गैस खत्म होने के बाद होने वाले झंझट से मुक्ति मिल सकेगी. प्रारंभ में लगभग पौने दो सो बेड तक ऑक्सीजन सप्लाई की जा सकेगी.