बांसवाड़ा. अमूमन एक विधायक के साथ भी 15 से 20 लोग साथ चलते नजर आते हैं, लेकिन जिला प्रभारी मंत्री राजेन्द्र यादव के कांग्रेस कार्यालय पहुंचने तक हालत यह थी कि वहां जिलाध्यक्ष चांदमल जैन सहित 10 से 12 लोग भी मौजूद नहीं थे. यहां तक कि कार्यालय से कार्यकर्ताओं को फोन भी लगाए गए लेकिन मंत्री के निकलने तक दो दर्जन लोग भी वहां नहीं पहुंच पाए. कुल मिलाकर अंगुली पर गिनने लायक लोग मौजूद थे.
समितियों में मनोनयन पर चर्चा
मंत्री यादव ने कार्यालय में पहुंचते ही बैठक शुरू कर दी. इस दौरान सबसे पहले उन्होंने ब्लॉक और जिला स्तर पर गठित की जाने वाली समितियों के लिए कार्यकर्ताओं के चयन के संबंध में बताया और कार्यकर्ताओं से नाम देने को कहा गया. इसके लिए फॉर्मेट दिए गए और मौके पर ही इन्हें भर कर देने को कहा गया. मंत्री के दौरे के संबंध में पूर्व में सूचना नहीं दिए जाने के कारण पदाधिकारियों को आनन-फानन में अपने-अपने नाम देने पड़े. कई पदाधिकारी तो वांछित नाम तक नहीं दे पाए.
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नीचे तक नहीं पहुंचा संदेश
बैठक में मौजूद कुछ पदाधिकारी आपस में कानाफूसी करते नजर आए. पता चला है कि बैठक में ब्लॉक और जिला पदाधिकारियों को शामिल होना था लेकिन इसकी सूचना नीचे तक नहीं पहुंची. इस कारण कोई ब्लॉक मुख्यालयों से पदाधिकारी नहीं पहुंच पाए. कुल मिलाकर यह बैठक औपचारिकता के तौर पर ही हो पाई.
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बैठक में प्रदेश सचिव जैनेंद्र त्रिवेदी, जिला प्रमुख रेशमा मालवीय, तलवाड़ा प्रधान प्रज्ञा, जिला संगठन मंत्री नटवर तेली और शैलेंद्र वोरा आदि मौजूद थे. पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश पांडेय से जब इस मसले पर बातचीत की गई तो उन्होंने जिला पदाधिकारियों की गलती को छुपाते हुए बताया कि बैठक सीमित कार्यकर्ताओं की थी. इसमें केवल समितियों में मनोनयन के लिए पदाधिकारियों से चर्चा की जानी थी.