बांसवाड़ा. कोरोना को लेकर अब तक सुरक्षित माने जा रहे बांसवाड़ा में कोरोना एक बार फिर सिर उठाता दिख रहा है. पिछले 10 दिनों से हर रोज रोगियों का ग्राफ बढ़ रहा है और यह संख्या 150 तक पहुंच गई है. खासकर पिछले चार-पांच दिन से हालात बिगड़ते देख रहे हैं. इसे लेकर जिला प्रशासन के माथे पर भी चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है. कोरोना को कंट्रोल करने के लिए जिला प्रशासन के जरिए चिकित्सा विभाग नई रणनीति तैयार कर रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एचएल ताबियार से बातचीत की और जाना कि आखिर प्रशासन क्या नए कदम उठाने जा रहा है.
26 जुलाई तक जिले में रोगियों का आंकड़ा 148 पर जा पहुंचा. चिंता की बात यह है कि शहर के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों से भी रोगी सामने आ रहे हैं. बांसवाड़ा शहर और कुशलगढ़ नगर पालिका क्षेत्र पर नजर डालें तो यहां कुल 109 रोगी रिपोर्ट किए गए हैं. वहीं 39 रोगी गांवों से आ चुके हैं. 10 दिन पहले तक रोगियों की संख्या 100 के अंदर थी. जो धीरे-धीरे 148 तक पहुंच गई. इनमें से 35 रोगी महात्मा गांधी चिकित्सालय में उपचाररत है. एक सवाल के जवाब में डॉ. ताबियार ने बताया कि जिस प्रकार से रोगी बढ़ रहे हैं. आने वाले दिनों में खतरा और भी बढ़ सकता है. इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन के साथ अधिक से अधिक सैंपल लेने की रणनीति तैयार की गई है.
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सीएमएचओ ने बताया कि सर्दी, खांसी, जुकाम से पीड़ित लोगों को सस्पेक्टेड मानते हुए उनकी सैंपलिंग पर जोर दिया जाएगा. इसके अलावा पॉजिटिव रोगियों के कॉटैक्ट में आने वाले लोगों की सैंपलिंग बढ़ाई जाएगी. आवश्यकता पड़ने पर रैंडम सैंपल लिए जाने का भी प्लान है. अचानक रोगियों की संख्या बढ़ने के कारण पर सीएमएचओ ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोगों में कोरोना को लेकर लापरवाही बढ़ गई है. लोगों के बेरोकटोक आने-जाने का क्रम बना हुआ है और दोपहिया वाहन से लेकर बस कार ऑटो आदि में भी कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना नहीं की जा रही है. खासकर मास्क का उपयोग नहीं हो रहा है.