बांसवाड़ा. पंचायती राज चुनाव के पहले चरण में पंच और सरपंचों के चुनाव के बाद शनिवार को उपसरपंच पद के चुनाव कराए गए. इस पद के चुनावी नतीजे बड़े ही रोचक रहे. आधे से अधिक ग्राम पंचायतों में वार्ड पंचों ने मतदान केंद्रों के बाहर ही उपसरपंचों का फैसला कर लिया और निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता भी साफ हो गया.
वहीं, 5 ग्राम पंचायतों में लॉटरी से उपसरपंच का फैसला किया गया. साथ ही एक ग्राम पंचायत ऐसा रहा. जिसमें किसी ने भी दावेदारी नहीं दिखाई. इस दौरान वार्ड पंच चुनाव की प्रक्रिया सुबह से ही शुरू हो गई थी. जनजाति बहुल बांसवाड़ा में सरपंच से लेकर प्रधान, जिला प्रमुख से लेकर विधायक तक और साथ ही मेंबर ऑफ पार्लियामेंट की सीट भी जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. ऐसे में उपसरपंच पद का इस जिले में बड़ा महत्व माना जाता है.
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वार्ड पंचों की खातिरदारी
प्रथम चरण में जिले के 198 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए गए थे. जिसमें पंच और सरपंच की तस्वीर साफ होने के साथ ही उपसरपंच पद के दावेदार रणनीति बनाने में जुट गए और बहुमत के लिए आवश्यक संख्या को जुटाकर अपने अपने वार्ड पंचों को अपने-अपने ठिकानों पर ले गए और वहां उनकी खूब खातिरदारी की. सुबह जैसे ही नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हुई, वार्ड पंचों के रुख को देखते हुए दावेदारों की ओर से नामांकन पत्र भर दिए गए.
मतदान केंद्रों से बाहर ही हो गया था फैसला
हालांकि, प्रारंभ में हर पंचायत में 2 से लेकर 3 दावेदारों ने अपने नामांकन पत्र भरें, लेकिन बाद में उनके बीच समझौता होने के साथ ही निर्धारित समय में अपने-अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए गए और निर्विरोध निर्वाचन का रास्ता साफ हो गया. निर्वाचन विभाग की ओर से जारी की गई सूची के अनुसार आनंदपुरी पंचायत समिति क्षेत्र में कुल 34 में से 22 ग्राम पंचायतों में उपसरपंचों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ. इसी प्रकार गढ़ी में 45 में से 24, कुशलगढ़ में 51 में से 33 और घाटोल पंचायत समिति के अधीन आने वाले 68 में से 28 ग्राम पंचायतों में उपसरपंचों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ.
5 ग्राम पंचायतों में लॉटरी से उपसरपंच का चुनाव
इस दौरान 5 ग्राम पंचायतों में उपसरपंच का फैसला लॉटरी के जरिए किया गया. इनमें घाटोल पंचायत समिति क्षेत्र की डूंगर सेनावासा व दूदका और आनंदपुरी के ओबला व सेमलिया ग्राम पंचायत में उपसरपंच पद के दोनों ही प्रमुख प्रत्याशियों को वार्ड पंचों के बराबर-बराबर मत मिले. ऐसे में रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से लॉटरी के जरिए फैसला किया गया. सोना माल पंचायत में उपसरपंच पद के लिए एक भी नामांकन पत्र नहीं आया, ऐसे में यहां का पद रिक्त घोषित किया गया.