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बांसवाड़ाः क्वॉरेंटाइन से बचने के लिए प्रवासी दे रहे थे गलत पता, पुलिस ने अपनाया वेरिफिकेशन का रास्ता... - ETV bharat news

कोरोना महामारी के बीच हुए लॉकडाउन से सभी प्रवासी अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं. इस बीच बांसवाड़ा पुलिस की ओर से चेक पोस्ट पार करने वाले हर व्यक्ति के फोन नंबर का वेरिफिकेशन किया जा रहा है. अब चेक पोस्ट पार करने वाले सभी प्रवासी अपना फोन नंबर का वेरिफिकेशन करवाने के बाद ही आगे बढ़ पाएंगे.

बांसवाड़ा समाचार, banswara news
प्रवासियों के गलत पता देने पर पुलिस ने अपनाया वेरिफिकेशन का रास्ता
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Published : May 27, 2020, 8:59 PM IST

बांसवाड़ा. कोरोना संकट काल में सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के चलते प्रवासी अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. ऐसे में ये प्रवासी अब क्वॉरेंटाइन से बचने के लिए नए-नए तरीके इजाफ कर रहे है. इन प्रवासियों की ओर से जंगल के रास्ते पुलिस को गच्चा देकर बॉर्डर क्रास करना तो देखा ही जा रही था. लेकिन इसके साथ ही इन सभी ने एक नया तरीका इजाफ कर लिया.

प्रवासियों के गलत पता देने पर पुलिस ने अपनाया वेरिफिकेशन का रास्ता

दरअसल, इनकी ओर से पुलिस के चेक पोस्ट पर गलत पते के साथ गलत नंबर भी दिया जाने लगा था, जिससे प्रशासन को इन्हें ढूंढ पाना मुश्किल हो रहा था. अब प्रशासन ने भी एक नया तरीका खोज निकाला, अब चेक पोस्ट को पार करने वाले प्रवासी अपने फोन से वेरिफिकेशन करके ही आगे बढ़ पाएंगे. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से एक टीम गठित कर गांव वालों को अन्य राज्यों से आने वाले लोगों से फैलने वाले संक्रमण की आशंका से अवगत कराया जा रहा है. अब से चेक पोस्ट पार करने वाले हर व्यक्ति को अपने फोन नंबर का वेरिफिकेशन कर ही आगे बढ़ने दिया जा रहा है. पुलिस प्रशासन की इस मुहिम के चलते आज बांसवाड़ा काफी हद सुरक्षित माना जा सकता है.

पढ़ें- जानलेवा हमले के मामले में 20 दिन बाद भी नहीं हुई कार्रवाई, पीड़ित परिवार ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

हालांकि, बाहर से आने वाले प्रवासियों को बकायदा वाहन लगाकर उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से संक्रमण की आशंका को देखते हुए इन लोगों को होम क्वॉरेंटाइन या फिर इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी जो 14 दिन तक एक ही स्थान पर रहना पचा नहीं पा रहे हैं. इससे सबक लेते हुए बड़ी संख्या में लोग पुलिस को गच्चा देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. अब भी बाहरी राज्य गुजरात और महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लोग अपने गृह राज्य पहुंच रहे हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी लोग है, जो कई चेक पोस्ट पर स्क्रीनिंग करवाने के बाद अपना मोबाइल नंबर ही गलत दे रहे हैं.

इसके चलते ऐसे लोग प्रशासन के दायरे में नहीं आ पाते, इसकी शिकायतें जिला पुलिस को काफी दिनों से मिल रही थी. ऐसे में इस प्रकार के लोगों के लिए प्रशासन ने एक नई तरकीब अपनाया है. अब टेक पोस्ट पार करने वाले लोगों का वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है. इसके साथ ही उनके नंबरों को आरोग्य सेतु ऐप पर डाल दिया जाता है, जिससे लोकेशन के आधार पर निगरानी और भी आसान हो जाती है. इससे चेक पोस्ट से सीधे थाने पर पता और मोबाइल नंबर के साथ संबंधित व्यक्ति की डिटेल भेज दी जाती है. इस आधार पर प्रशासनिक टीम पहले से ही सतर्क हो जाती है, जिससे उन पर संबंधित थानों की निगरानी बढ़ जाती है.

अब तक 23694 प्रवासी पहुंचे बांसवाड़ा

बांसवाड़ा में अब तक 23694 प्रवासी गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से आ चुके हैं, इनमें सर्वाधिक प्रवासी गुजरात और महाराष्ट्र से हैं. आंकड़ों के अनुसार, जिले में अब तक 9228 लोग गुजरात, 5445 लोग महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 3614 लोग आ चुके हैं. इस प्रकार से सबसे ज्यादा लोग गुजरात और महाराष्ट्र से आने वाले है जबकि इन्हीं दोनों राज्यों में सबसे अधिक कोरोना का संक्रमण पाया गया है.

चारों दिशाओं में चेक पोस्ट कायम

इस दौरान बाहर से आने वाले प्रवासियों के लिए चारों ओर चेक पोस्ट बनाए गए है. ताकि दूसरे राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से आने लोगों की स्क्रीनिंग और डिटेल जुटाई जा सके. इसके लिए बाहरी राज्यों से आने वालों के लिए सल्लोपाट थाने में, डूंगरपुर-उदयपुर से आने वाले लोगों के लिए लताड़ा और अगरपुरा-प्रतापगढ़ की ओर से आने वाले लोगों के लिए पीपलखूंट में चेक पोस्ट कायम की गई है.

ग्रामीणों को किया जा रहा जागरूक

किसी भी संक्रमण को रोकथाम में ग्रामीणों की अहम भूमिका होती है. इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन की ओर से गांवों में पहुंचकर वहां के मौतबीर लोगों को बाहर से आने वाले लोगों से उन्हें और उनके परिवार को जागरूक करने की बात की जा रही है. इसके साथ ही क्वॉरेंटाइन के बारे में जानकारी दी जा रही है. इससे कोरोना की महामारी को लेकर अब ग्रामीण भी बहुत ज्यादा सतर्क हो गए है और मुख्य मार्ग को छोड़कर गांव में आने वाले कच्चे मार्गों की खुदाई कर दी गई है. इसके अलावा बाहर के आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के बारे में तत्कल रूप से सूचना दी जा रही है, इससे जिला प्रशासन को काफी मदद मिल रही हैं.

पढ़ें- मंगेतर की आंखों के सामने युवती को जबरन ले गए बदमाश, सामूहिक दुष्कर्म के बाद घर छोड़ गए

अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण मीणा के अनुसार ग्रामीण लोगों का सतर्क होना प्रशासन के लिए काफी अहम पहलू है. कोई भी व्यक्ति बाहर से आने पर आसपास के लोगों की ओर से तत्काल प्रभाव से पुलिस और प्रशासन को जानकारी दी जाती है. वहीं, बड़ी संख्या में चेक पोस्ट पर बाहरी लोगों द्वारा गलत मोबाइल नंबर दिए जाने की शिकायतें भी आ रही थी. इस प्रकार के लोगों पर शिकंजा कसने के लिए के लिए एक नीति अपनाई गई, अब जो भी चेक पोस्ट को पार करता है, उसके मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन किया जाता है, इसका काफी अच्छा परिणाम भी मिल रहा है. उसी का नतीजा है कि आज बांसवाड़ा दूसरे जिलों के मुकाबले अधिक सुरक्षित जोन में है.

बांसवाड़ा. कोरोना संकट काल में सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के चलते प्रवासी अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. ऐसे में ये प्रवासी अब क्वॉरेंटाइन से बचने के लिए नए-नए तरीके इजाफ कर रहे है. इन प्रवासियों की ओर से जंगल के रास्ते पुलिस को गच्चा देकर बॉर्डर क्रास करना तो देखा ही जा रही था. लेकिन इसके साथ ही इन सभी ने एक नया तरीका इजाफ कर लिया.

प्रवासियों के गलत पता देने पर पुलिस ने अपनाया वेरिफिकेशन का रास्ता

दरअसल, इनकी ओर से पुलिस के चेक पोस्ट पर गलत पते के साथ गलत नंबर भी दिया जाने लगा था, जिससे प्रशासन को इन्हें ढूंढ पाना मुश्किल हो रहा था. अब प्रशासन ने भी एक नया तरीका खोज निकाला, अब चेक पोस्ट को पार करने वाले प्रवासी अपने फोन से वेरिफिकेशन करके ही आगे बढ़ पाएंगे. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से एक टीम गठित कर गांव वालों को अन्य राज्यों से आने वाले लोगों से फैलने वाले संक्रमण की आशंका से अवगत कराया जा रहा है. अब से चेक पोस्ट पार करने वाले हर व्यक्ति को अपने फोन नंबर का वेरिफिकेशन कर ही आगे बढ़ने दिया जा रहा है. पुलिस प्रशासन की इस मुहिम के चलते आज बांसवाड़ा काफी हद सुरक्षित माना जा सकता है.

पढ़ें- जानलेवा हमले के मामले में 20 दिन बाद भी नहीं हुई कार्रवाई, पीड़ित परिवार ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार

हालांकि, बाहर से आने वाले प्रवासियों को बकायदा वाहन लगाकर उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है. इसके साथ ही प्रशासन की ओर से संक्रमण की आशंका को देखते हुए इन लोगों को होम क्वॉरेंटाइन या फिर इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी जो 14 दिन तक एक ही स्थान पर रहना पचा नहीं पा रहे हैं. इससे सबक लेते हुए बड़ी संख्या में लोग पुलिस को गच्चा देने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. अब भी बाहरी राज्य गुजरात और महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लोग अपने गृह राज्य पहुंच रहे हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी लोग है, जो कई चेक पोस्ट पर स्क्रीनिंग करवाने के बाद अपना मोबाइल नंबर ही गलत दे रहे हैं.

इसके चलते ऐसे लोग प्रशासन के दायरे में नहीं आ पाते, इसकी शिकायतें जिला पुलिस को काफी दिनों से मिल रही थी. ऐसे में इस प्रकार के लोगों के लिए प्रशासन ने एक नई तरकीब अपनाया है. अब टेक पोस्ट पार करने वाले लोगों का वेरिफिकेशन करवाया जा रहा है. इसके साथ ही उनके नंबरों को आरोग्य सेतु ऐप पर डाल दिया जाता है, जिससे लोकेशन के आधार पर निगरानी और भी आसान हो जाती है. इससे चेक पोस्ट से सीधे थाने पर पता और मोबाइल नंबर के साथ संबंधित व्यक्ति की डिटेल भेज दी जाती है. इस आधार पर प्रशासनिक टीम पहले से ही सतर्क हो जाती है, जिससे उन पर संबंधित थानों की निगरानी बढ़ जाती है.

अब तक 23694 प्रवासी पहुंचे बांसवाड़ा

बांसवाड़ा में अब तक 23694 प्रवासी गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से आ चुके हैं, इनमें सर्वाधिक प्रवासी गुजरात और महाराष्ट्र से हैं. आंकड़ों के अनुसार, जिले में अब तक 9228 लोग गुजरात, 5445 लोग महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से 3614 लोग आ चुके हैं. इस प्रकार से सबसे ज्यादा लोग गुजरात और महाराष्ट्र से आने वाले है जबकि इन्हीं दोनों राज्यों में सबसे अधिक कोरोना का संक्रमण पाया गया है.

चारों दिशाओं में चेक पोस्ट कायम

इस दौरान बाहर से आने वाले प्रवासियों के लिए चारों ओर चेक पोस्ट बनाए गए है. ताकि दूसरे राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से आने लोगों की स्क्रीनिंग और डिटेल जुटाई जा सके. इसके लिए बाहरी राज्यों से आने वालों के लिए सल्लोपाट थाने में, डूंगरपुर-उदयपुर से आने वाले लोगों के लिए लताड़ा और अगरपुरा-प्रतापगढ़ की ओर से आने वाले लोगों के लिए पीपलखूंट में चेक पोस्ट कायम की गई है.

ग्रामीणों को किया जा रहा जागरूक

किसी भी संक्रमण को रोकथाम में ग्रामीणों की अहम भूमिका होती है. इसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन की ओर से गांवों में पहुंचकर वहां के मौतबीर लोगों को बाहर से आने वाले लोगों से उन्हें और उनके परिवार को जागरूक करने की बात की जा रही है. इसके साथ ही क्वॉरेंटाइन के बारे में जानकारी दी जा रही है. इससे कोरोना की महामारी को लेकर अब ग्रामीण भी बहुत ज्यादा सतर्क हो गए है और मुख्य मार्ग को छोड़कर गांव में आने वाले कच्चे मार्गों की खुदाई कर दी गई है. इसके अलावा बाहर के आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के बारे में तत्कल रूप से सूचना दी जा रही है, इससे जिला प्रशासन को काफी मदद मिल रही हैं.

पढ़ें- मंगेतर की आंखों के सामने युवती को जबरन ले गए बदमाश, सामूहिक दुष्कर्म के बाद घर छोड़ गए

अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण मीणा के अनुसार ग्रामीण लोगों का सतर्क होना प्रशासन के लिए काफी अहम पहलू है. कोई भी व्यक्ति बाहर से आने पर आसपास के लोगों की ओर से तत्काल प्रभाव से पुलिस और प्रशासन को जानकारी दी जाती है. वहीं, बड़ी संख्या में चेक पोस्ट पर बाहरी लोगों द्वारा गलत मोबाइल नंबर दिए जाने की शिकायतें भी आ रही थी. इस प्रकार के लोगों पर शिकंजा कसने के लिए के लिए एक नीति अपनाई गई, अब जो भी चेक पोस्ट को पार करता है, उसके मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन किया जाता है, इसका काफी अच्छा परिणाम भी मिल रहा है. उसी का नतीजा है कि आज बांसवाड़ा दूसरे जिलों के मुकाबले अधिक सुरक्षित जोन में है.

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