बांसवाड़ा. कलिंजरा थाना पुलिस ने 24 घंटे में ही पारस की हत्या की गुत्थी को सुलझा दिया है. पारस की हत्या किसी दुश्मन ने नहीं, बल्कि उसके भाई ने अपने साथियों के साथ मिलकर की थी. पुलिस ने हत्या के पीछे अवैध संबंध कारण बताया है. पुलिस ने हत्यारे भाई सहित 3 को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
कलिंजरा थाना पुलिस ने 24 घंटे में ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने में कामयाब रही. मामले में पुलिस को रिपोर्ट देने वाला मृतक का भाई ही गुनहगार निकला. अपने साथियों के साथ कुल्हाड़ी से वार कर भाई को मौत के घाट उतार दिया और भाई के 3 दिन से लापता होने की बात गांव में फैला दी. कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने एक साथी को दबोचा तो, वो पुलिस के सामने तोते की तरह बोल पड़ा. पुलिस ने आरोपी भाई सहित उसके दो अन्य साथियों को हत्या के इस मामले में गिरफ्तार कर लिया.
दरअसल, कलिंजरा थाना पुलिस को शनिवार दोपहर में सूचना मिली की छींच गांव से पिंडारमा की ओर जाने वाली मुख्य नहर के पास एक नाले में अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी है. जिसके बाद थानाधिकारी देवीलाल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तो देखा कि, वहां अज्ञात युवक की सड़ी गली लाश औंधे मुंह पड़ी थी. उसके सिर पर पीछे से अज्ञात लोगों ने वार किया था. मौके पर मोबाइल का एक स्टीकर और किसी दुकान का विजिटिंग कार्ड पड़ा था. आसपास के लोगों से पूछताछ की गई, लेकिन मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई. विजिटिंग कार्ड और मोबाइल स्टिकर के आधार पर शिनाख्त चिरोला बड़ा गांव निवासी 27 वर्षीय पारस पुत्र लावा रावत भील के रूप में की गई. पुलिस की सूचना पर वर्तक का भाई हुक्का ग्राम पंचायत के सरपंच राकेश भाई के साथ मौके पर पहुंचा.
कॉल डिटेल से खुला राज...
पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत और बागीदौरा पुलिस उपाधीक्षक गोपीचंद मीणा के निर्देशानुसार थानाधिकारी देवीलाल ने मृतक के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई और तकनीकी का उपयोग करते हुए गांव के ही शांतिलाल पुत्र मोहनलाल रावत को दबोचा लिया. पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो शांतिलाल घबरा गया और उसने हुक्का के साथ मिलकर पारस को मौत के घाट उतारने का अपराध कबूल कर लिया. पूछताछ के आधार पर पुलिस ने हुक्का और उसके एक अन्य साथी रमेश पुत्र गंग जी को भी गिरफ्तार कर लिया.
पढ़ेंः कांग्रेस नेताओं के नाम पर वोट मांगती है BJP, पीएम मोदी खुद ऐसा करते हैं : महेश जोशी
पत्नी से अवैध संबंधों से था गुस्से में...
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि, पारस अपने छोटे भाई गणेश के साथ रह रहा था, जबकि हुक्का उनसे अलग मकान में निवास कर रहा था. हुक्का ने पुलिस को बताया कि, पारस के उसकी पत्नी के साथ अवैध संबंध थे. इस कारण वो इससे परेशान था और अपने भाई को समझाया भी लेकिन वो नहीं माना. इसलिए अंत में उसने अपने भाई को मौत के घाट उतार दिया.
प्लान में लिया गांव के ही दो साथियों को...
थानाधिकारी देवीलाल ने बताया कि, हुक्का ने अपने मित्र शांतिलाल और रमेश के सामने अपनी परेशानी रखते हुए उन्हें प्लान में शरीक किया. योजना के अनुसार हुक्का और रमेश पहले से ही मौके पर पहुंच गए. शांतिलाल ने पारस को फोन कर बड़ोदिया गांव बुलाया और बाइक से लेकर मौके पर पहुंचा. यहां पहले से ही हुक्का अपने साथी के साथ घात लगाकर पारस का इंतजार कर रहा था. जैसे ही पारस पहुंचा हुक्का ने पीछे से उसके सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया और जब तक उसकी मौत नहीं हो गई ताबड़तोड़ वार करता रहा. बाद में सबूत मिटाने की नियत से उन्होंने लाश को घसीटते हुए नाले में फेंक दिया. मोबाइल छीनते समय खून से सना मोबाइल कवर विजिटिंग कार्ड सहित वहीं फेंककर तीनों वहां से निकल गए.