बांसवाड़ा. ब्लैक फंगस के मरीजों को देखते हुए जिले के एमजी अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनेगा. इसके लिए जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने एमजी अस्पताल का दौरा किया और तमाम व्यवस्थाओं को देखा.
इस वार्ड को बहुत जल्द ही बांसवाड़ा में शुरू कर दिया जाएगा. शहर हो या फिर जिला सभी जगह ब्लैक फंगस के रोगी सामने आने लगे हैं. इसको लेकर प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. कलेक्टर की ओर से बांसवाड़ा एमजी अस्पताल का दौरा किया गया और तमाम अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस को हमारे यहां यानी कि बांसवाड़ा में डायग्नोज नहीं किया जाता ऐसे में डॉक्टर को जब भी लगता है कि ब्लैक फंगस है तो तत्काल उन्हें उदयपुर के लिए रेफर कर दिया जाता है.
पढ़ें- राजस्थान में 10 जून तक बढ़ सकती है लॉक डाउन की अवधि
इसके साथ ही उन्होंने एमजी अस्पताल के पीएमओ डॉ रवि उपाध्याय को एक नया आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश भी दिए हैं. जिसमें ब्लैक फंगस के रोगियों को रखा जाएगा. वहीं ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर सर्वेश बिसारिया ने बताया कि जो लोग कोविड-19 रोगी रह चुके हैं उनमें ब्लैक फंगस की सबसे ज्यादा आशंका रहती है. उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा शहर में जो रोगी मिला है उसकी बड़ौदा में ब्लैक फंगस होने की पुष्टि हो चुकी है.
उन्होंने बताया यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि उन्हें ब्लैक फंगस है तो तत्काल सबसे पहले चिकित्सक से उचित सलाह लेनी चाहिए. इसके बाद ही कोई कदम उठाना चाहिए. उन्होंने बताया हम प्रयास कर रहे हैं समय रहते पहचान हो सके और उन्हें रेफर किया जा सके. बांसवाड़ा में अभी तक 4 रोगी सामने आए हैं जिसमें एक बांसवाड़ा शहर में तो दो प्रतापपुर में पाए गए हैं. वहीं कुशलगढ़ का रोगी बिना चिकित्सा विभाग को सूचना दिए ही सीधे बड़ौदा चला गया और वहीं पर उपचार चल रहा है.