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'फुटबॉल' बने बांसवाड़ा के 2 गांव के लोग, हर चुनाव में बदलती है ग्राम पंचायत

सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन ये सच है कि बांसवाड़ा जिले में दो गांव ऐसे है जिनकी ग्राम पंचायत हर पांच वर्ष में होने वाले पंचायत चुनाव के बाद बदल जाती है. इससे आहत होकर यहां के स्थानीय लोगों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और उनके ही गांव को नई ग्राम पंचायत घोषित करने की मांग की.

हर चुनाव में बदल जाती है ग्राम पंचायत
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Published : Jul 16, 2019, 8:37 PM IST

बांसवाड़ा. जिले की गांगड़तलाई पंचायत समिति में आने वाले दो गांव ऐसे हैं जहां के लोगों को प्रशासन ने फुटबॉल बना रखा है. हर पंचायत चुनाव में उनके गांव की ग्राम पंचायत बदल जाती है. इससे दोनो गांव के लोगों में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए जिला मुख्यालय पर स्थित जिला कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन सौंपा. साथ ही अपने ही गांव को ग्राम पंचायत का दर्जा दिलाने की मांंग की.

हर चुनाव में बदल जाती है ग्राम पंचायत

मामला टांडी नानी ग्राम पंचायत में आने वाले गढ़ा और पंचाल गांव का है. ग्रामीणों की शिकायत है कि बरसों पहले उनकी ग्राम पंचायत खोड़ालीम चली आ रही थी. गत पंचायत राज चुनाव में उनकी पंचायत बदलकर टांडी नानी कर दी गई. यह पंचायत मुख्यालय उनके लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि टांडी नानी ग्राम पंचायत मुख्यालय गढ़ा और पंचाल से मात्र 2 किलोमीटर दूर है जबकि इससे पहले वाली पंचायत 4 किलोमीटर दूर पड़ती थी. इस कारण ग्रामीणों को कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

साल के अंत में होने वाले पंचायत राज चुनाव के लिए परिसीमन किया जा रहा है. इसमें फिर से इन दोनों ही गांव की पंचायत खोड़ालीम की जा रही है जबकि यह काफी दूर है. ग्राम पंचायत के सरपंच ने भी इसका विरोध करते हुए जिला कलेक्टर को पत्र भेजा है. ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में गढ़ा को ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाए जाने की मांग रखी.

ग्रामीण नाथूराम गरासिया ने कहा कि जिला प्रशासन ने उनके गांव को फुटबॉल बना दिया है. क्षेत्र के राजनेता जब भी चाहते हैं उनकी पंचायत बदल दी जाती है जिससे उन्हें कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है. दोनों ही गांव की आबादी को देखते हुए गड़ा को नई पंचायत का दर्जा दिया जाना चाहिए.

बांसवाड़ा. जिले की गांगड़तलाई पंचायत समिति में आने वाले दो गांव ऐसे हैं जहां के लोगों को प्रशासन ने फुटबॉल बना रखा है. हर पंचायत चुनाव में उनके गांव की ग्राम पंचायत बदल जाती है. इससे दोनो गांव के लोगों में आक्रोश व्याप्त है. उन्होंने इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए जिला मुख्यालय पर स्थित जिला कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन सौंपा. साथ ही अपने ही गांव को ग्राम पंचायत का दर्जा दिलाने की मांंग की.

हर चुनाव में बदल जाती है ग्राम पंचायत

मामला टांडी नानी ग्राम पंचायत में आने वाले गढ़ा और पंचाल गांव का है. ग्रामीणों की शिकायत है कि बरसों पहले उनकी ग्राम पंचायत खोड़ालीम चली आ रही थी. गत पंचायत राज चुनाव में उनकी पंचायत बदलकर टांडी नानी कर दी गई. यह पंचायत मुख्यालय उनके लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि टांडी नानी ग्राम पंचायत मुख्यालय गढ़ा और पंचाल से मात्र 2 किलोमीटर दूर है जबकि इससे पहले वाली पंचायत 4 किलोमीटर दूर पड़ती थी. इस कारण ग्रामीणों को कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता था.

साल के अंत में होने वाले पंचायत राज चुनाव के लिए परिसीमन किया जा रहा है. इसमें फिर से इन दोनों ही गांव की पंचायत खोड़ालीम की जा रही है जबकि यह काफी दूर है. ग्राम पंचायत के सरपंच ने भी इसका विरोध करते हुए जिला कलेक्टर को पत्र भेजा है. ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में गढ़ा को ग्राम पंचायत मुख्यालय बनाए जाने की मांग रखी.

ग्रामीण नाथूराम गरासिया ने कहा कि जिला प्रशासन ने उनके गांव को फुटबॉल बना दिया है. क्षेत्र के राजनेता जब भी चाहते हैं उनकी पंचायत बदल दी जाती है जिससे उन्हें कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता है. दोनों ही गांव की आबादी को देखते हुए गड़ा को नई पंचायत का दर्जा दिया जाना चाहिए.

Intro:बांसवाड़ाl गांगड़तलाई पंचायत समिति अंतर्गत आने वाले 2 गांव के लोग फुटबॉल बन चुके हैंl उनकी हर पंचायत राज चुनाव में ग्राम पंचायत बदल जाती हैl इसका विरोध करते हुए ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर के समक्ष हाजिर होकर उनके गांव को नई पंचायत घोषित करने का आग्रह कियाl


Body:मामला टांडी नानी ग्राम पंचायत में आने वाले गढ़ा एवं पंचाल गांव का हैl ग्रामीणों की शिकायत है कि बरसों पहले उनकी ग्राम पंचायत खोड़ालीम चली आ रही थीl गत पंचायत राज चुनाव में उनकी पंचायत बदलकर टांडी नानी कर दी गईl यह पंचायत मुख्यालय उनके लिए काफी फायदेमंद है क्योंकि टांडी नानी ग्राम पंचायत मुख्यालय गढ़ा और पंचायत से मात्र 2 किलोमीटर दूर है जबकि इससे पहले वाली पंचायत 4 किलोमीटर दूर पड़ती थीl इस कारण ग्रामीणों को कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता थाl साल के अंत में होने वाले पंचायत राज चुनाव के लिए परिसीमन किया जा रहा हैl


Conclusion:इसमें फिर से इन दोनों ही गांव की पंचायत खोड़ालीम की जा रही है जबकि यह काफी दूर हैl ग्राम पंचायत के सरपंच नानी ने भी इसका विरोध करते हुए जिला कलेक्टर को पत्र भेजा हैl ग्रामीणों ने अपने ज्ञापन में उन्हें अन्य पंचायत में शामिल करने की वजह गढ़ा और पंचाल गांव को मिलाकर गढ़ा ग्रामपंचायत मुख्यालय बनाए जाने की मांग रखीl नाथूराम गरासिया ने कहा कि जिला प्रशासन ने उनके गांव को फुटबॉल बना दिया हैl क्षेत्र के राजनेता जब भी चाहते हैं उनकी पंचायत बदल दी जाती है जिससे उन्हें कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ता हैl दोनों ही गांव की आबादी को देखते हुए गड़ा को नई पंचायत का दर्जा दिया जाना चाहिएl

बाइट..... नाथूराम गरासिया
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