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बांसवाड़ाः गुड और बैड टच प्रशिक्षण का आयोजन, करीब डेढ़ हजार संभागीय हुए प्रशिक्षित - rajasthan news

बांसवाड़ा में सरकारी और गैर सरकारी स्कूल महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए गुड और बैड टच प्रशिक्षण रखा गया. डेढ़ हजार संभागीय को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नवीन जैन ने प्रशिक्षण दिया. वहीं नवीन जैन ने संभागीयो से संवाद स्थापित करते हुए स्लाइड के माध्यम से बताया कि अच्छा या बुरा स्पर्श क्या होता है और बुरा स्पर्श होने पर बच्चों को क्या करना चाहिए.

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गुड और बैड टच प्रशिक्षण
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Published : Jan 31, 2020, 10:22 PM IST

बांसवाड़ा. हरिदेव जोशी रंगमंच पर सरकारी और गैर सरकारी स्कूल महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए गुड और बैड टच का प्रशिक्षण रखा गया. तीन सत्रों में करीब डेढ़ हजार संभागीय को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नवीन जैन ने प्रशिक्षण दिया. पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से श्रम विभाग के सचिव जैन ने बाल यौन शोषण के संबंध में तथ्य पेश किए और कहा कि कम उम्र के बच्चे हवस की शिकार हो रहे हैं. जिसे लेकर सावधान होने की जरूरत है.

गुड और बैड टच प्रशिक्षण

नवीन जैन ने संभागीयो से संवाद स्थापित करते हुए स्लाइड के माध्यम से बताया कि अच्छा या बुरा स्पर्श क्या होता है और बुरा स्पर्श होने पर बच्चों को क्या करना चाहिए. वहीं इस दिशा में विकल्प भी बताए गए. साथ ही उन्होंने नो गो एव टेल की अवधारणा के बारे में विस्तार से बताया. प्रशिक्षण के दौरान कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित एक छोटी मूवी प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाई गई तो कई संभागी भावुक हो गए और इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का विश्वास दिलाया है.

पढ़ेंः नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को आजीवन कारावास, 2 लाख जुर्माना

जैन ने बताया कि नाजुक उम्र में गलत हरकत का जो शिकार हो रहे हैं उनमें 53% लड़के और 47% लड़कियां हैं. उन्होंने यौन अपराध को रोकने की दिशा में तकनीकी और कानूनी पहलुओं की जानकारी दी है और समझाया कि किस प्रकार कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के साथ बात करनी है. विभिन्न स्लाइड के माध्यम से गुड और बेड टच की भी प्रस्तुति दी गई.

कोमल एवं संदेश फिल्म के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया कि, ऐसा करने वाले परिचित और अजनबी लोग मानसिक रूप से विकृत है वो ही बच्चों के साथ घिनौनी हरकत करते हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी जैन ने संभागियों के बीच जाकर व्यवहारिक अंदाज में प्रभावी ढंग से अपना प्रस्तुतीकरण दिया और संवेदनशील मुद्दे पर किस तरह चर्चा को आगे बढ़ा सकता है उसका तरीका बताया.

जैन ने टच की घंटी के माध्यम से नादान बच्चों को अप्रिय घटना के बारे में समझ विकसित करने की कोशिश की. किसी भी व्यक्ति के निजी अंग को अगर कोई छुने की कोशिश करे तो वो बैड टच है. ऐसी स्थिति में बच्चों को क्या करना चाहिए, इसका भी तरीका बताया गया. वहीं इस दौरान संभागीय को स्पर्श की बुकलेट भी वितरित की गई, जिसमें इसके उद्देश्य और कार्य प्रणाली के संबंध में जानकारी दी गई है.

पढ़ेंः राजस्थान में 40 आईपीएस अधिकारियों के तबादले

प्रशिक्षण के बाद शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में बच्चों को इस बारे में बताएंगे. अंत में विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की ओर से जैन को प्रणाम, डॉक्टर माल्यार्पण कर और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया. कार्यक्रम का संचालन अल्पसंख्यक विभाग के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर पीयूष पंड्या ने किया. इस दौरान श्रम निरीक्षक कुलदीप सिंह शक्तावत, ओके जिला शिक्षा अधिकारी एंजेलिका प्लाट, जिला शिक्षा अधिकारी मावजी खाट आदि भी मौजूद रहे.

बांसवाड़ा. हरिदेव जोशी रंगमंच पर सरकारी और गैर सरकारी स्कूल महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए गुड और बैड टच का प्रशिक्षण रखा गया. तीन सत्रों में करीब डेढ़ हजार संभागीय को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नवीन जैन ने प्रशिक्षण दिया. पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से श्रम विभाग के सचिव जैन ने बाल यौन शोषण के संबंध में तथ्य पेश किए और कहा कि कम उम्र के बच्चे हवस की शिकार हो रहे हैं. जिसे लेकर सावधान होने की जरूरत है.

गुड और बैड टच प्रशिक्षण

नवीन जैन ने संभागीयो से संवाद स्थापित करते हुए स्लाइड के माध्यम से बताया कि अच्छा या बुरा स्पर्श क्या होता है और बुरा स्पर्श होने पर बच्चों को क्या करना चाहिए. वहीं इस दिशा में विकल्प भी बताए गए. साथ ही उन्होंने नो गो एव टेल की अवधारणा के बारे में विस्तार से बताया. प्रशिक्षण के दौरान कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित एक छोटी मूवी प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाई गई तो कई संभागी भावुक हो गए और इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का विश्वास दिलाया है.

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जैन ने बताया कि नाजुक उम्र में गलत हरकत का जो शिकार हो रहे हैं उनमें 53% लड़के और 47% लड़कियां हैं. उन्होंने यौन अपराध को रोकने की दिशा में तकनीकी और कानूनी पहलुओं की जानकारी दी है और समझाया कि किस प्रकार कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के साथ बात करनी है. विभिन्न स्लाइड के माध्यम से गुड और बेड टच की भी प्रस्तुति दी गई.

कोमल एवं संदेश फिल्म के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया कि, ऐसा करने वाले परिचित और अजनबी लोग मानसिक रूप से विकृत है वो ही बच्चों के साथ घिनौनी हरकत करते हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी जैन ने संभागियों के बीच जाकर व्यवहारिक अंदाज में प्रभावी ढंग से अपना प्रस्तुतीकरण दिया और संवेदनशील मुद्दे पर किस तरह चर्चा को आगे बढ़ा सकता है उसका तरीका बताया.

जैन ने टच की घंटी के माध्यम से नादान बच्चों को अप्रिय घटना के बारे में समझ विकसित करने की कोशिश की. किसी भी व्यक्ति के निजी अंग को अगर कोई छुने की कोशिश करे तो वो बैड टच है. ऐसी स्थिति में बच्चों को क्या करना चाहिए, इसका भी तरीका बताया गया. वहीं इस दौरान संभागीय को स्पर्श की बुकलेट भी वितरित की गई, जिसमें इसके उद्देश्य और कार्य प्रणाली के संबंध में जानकारी दी गई है.

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प्रशिक्षण के बाद शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में बच्चों को इस बारे में बताएंगे. अंत में विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की ओर से जैन को प्रणाम, डॉक्टर माल्यार्पण कर और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया. कार्यक्रम का संचालन अल्पसंख्यक विभाग के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर पीयूष पंड्या ने किया. इस दौरान श्रम निरीक्षक कुलदीप सिंह शक्तावत, ओके जिला शिक्षा अधिकारी एंजेलिका प्लाट, जिला शिक्षा अधिकारी मावजी खाट आदि भी मौजूद रहे.

Intro:बांसवाड़ा। हरिदेव जोशी रंगमंच पर सरकारी और गैर सरकारी स्कूल महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए गुड एवं बैड टच प्रशिक्षण रखा गया। तीन सत्रों में करीब डेढ़ हजार संभागीय को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नवीन जैन ने प्रशिक्षण दिया।


Body:पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से श्रम विभाग के सचिव जैन ने बाल यौन शोषण के संबंध में तथ्य पेश किए और कहा कि कम उम्र के बच्चे हवस की शिकार हो रहे हैं जिसे लेकर सावधान होने की जरूरत है। उन्होंने संभागीयो से संवाद स्थापित करते हुए स्लाइड के माध्यम से बताया कि अच्छा या बुरा स्पर्श क्या होता है और बुरा स्पर्श होने पर बच्चों को क्या करना चाहिए। इस दिशा में विकल्प भी बताए गए। उन्होंने नो गो एव टेल की अवधारणा के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण के दौरान कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित एक छोटी मूवी प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाई गई तो कई संभागी भावुक हो गए एवं इस सामाजिक बुराई को खत्म करने का विश्वास दिलाया।


Conclusion:जैन ने बताया कि नाजुक उम्र में गलत हरकत का जो शिकार हो रहे हैं उनमें 53% लड़के एवं 47% लड़कियां हैं । उन्होंने यौन अपराध को रोकने की दिशा में तकनीकी एवं कानूनी पहलुओं की जानकारी दी और समझाया कि किस प्रकार कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के साथ बात करनी है। विभिन्न स्लाइड के माध्यम से गुड एवं बेड टच की भी प्रस्तुति दी गई। कोमल एवं संदेश फिल्म के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया कि किस प्रकार परिचित एम अजनबी लोग जो मानसिक रूप से विकृत है और बच्चों के साथ घिनौनी हरकत करते हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी जैन ने संभागियों के बीच जाकर व्यवहारिक अंदाज में प्रभावी ढंग से अपना प्रस्तुतीकरण दिया एवं संवेदनशील मुद्दे पर किस तरह चर्चा को आगे बढ़ा सकता है उसका तरीका बताया । उन्होंने टच की घंटी के माध्यम से नादान बच्चों को अप्रिय घटना के बारे में समझ विकसित करने की कोशिश की। किसी भी व्यक्ति को और छाती दोनों पैरों के बीच में आगे एवं पीछे की तरफ चुनने का अधिकार नहीं है ऐसी स्थिति में बच्चों को क्या करना चाहिए । इसका भी तरीका बताया गया। इस दौरान संभागीय को स्पर्श की बुकलेट भी वितरित की गई जिसमें इसके उद्देश्य तथा कार्य प्रणाली के संबंध में जानकारी दी गई है । प्रशिक्षण के बाद शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में बच्चों को इस बारे में बताएंगे । अंत में विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की ओर से जैन का को प्रणाम और डॉक्टर माल्यार्पण कर तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया । कार्यक्रम का संचालन अल्पसंख्यक विभाग के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर पीयूष पंड्या ने किया। इस दौरान श्रम निरीक्षक कुलदीप सिंह शक्तावत ओके जिला शिक्षा अधिकारी एंजेलिका प्लाट जिला शिक्षा अधिकारी मावजी खाट आदि भी मौजूद थे।

बाइट....... डॉ पीयूष पांड्या कार्यक्रम अधिकारी
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