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धोखाधड़ी: नौकरी के लिए एमपी से आए बांसवाड़ा...15 दिन काम के बाद मजदूरी के नाम पर मिला 5 किलो आटा और दाल

मध्यप्रदेश से मजदूरी के लिए बांसवाड़ा आए करीब 50 मजदूरों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मजदूरों से करीब 15 दिन काम कराने के बाद मजदूरी के नाम पर एक रुपए भी नहीं दिया गया है. बस थोड़ा सा राशन देकर चलता कर दिया.

मजदूरों के साथ धोखा
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Published : Sep 10, 2021, 6:28 PM IST

Updated : Sep 10, 2021, 10:12 PM IST

बांसवाड़ा. मध्यप्रदेश से मजदूरी के लिए बांसवाड़ा आए करीब 50 मजदूरों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मजदूर शुक्रवार को श्रम विभाग में पहुंचे तो पूरा मामला खुला. मजदूरों को बांसवाड़ा लाकर उनसे 15 दिन मजदूरी कराने के बाद भी उनको एक रुपए नहीं मिला है. मजदूरी के नाम पर केवल आटा और दाल ही हाथ लग सका है. प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करने की बात कही है.

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के विदिशा के रहने वाले नारायण और महिला कांति ने बताया कि कमल नाम का एक ठेकेदार उनका परिचित है. वह उन्हें गांव से मजदूरी कराने के लिए एमपी में ही एक जगह ले कर गया. वहां दो से तीन दिन मजदूरी कराने के बाद उन्हें बांसवाड़ा लाया गया और यहां एक मार्बल मिल में लगा दिया. मिल में उन्हें 5 किलो आटा व रोटी बनाने के लिए जरूरी सामान व दाल दी गई.

मजदूरों के साथ धोखा

पढ़ें: भीलवाड़ा में अंतराज्यीय चोर गैंग गिरफ्तार, यूपी के मुख्य आरोपी सहित तीन गिरफ्तार

करीब 15 दिन नौकरी करने के बाद उन्हें पता चला कि उनका ठेकेदार मार्बल व्यवसाई से रुपए लेकर फरार हो गया है. जबकि 15 दिन मजदूरी के बाद भी उनके हाथ में केबल आटा दाल के अलावा कुछ भी नहीं है. ऐसे में उन्होंने श्रम विभाग पहुंचकर मदद के लिए गुहार लगाई है. विदिशा निवासी मजदूरों ने बताया कि एमपी में भी मजदूरी के दौरान केवल राशन ही मिला था. इसके बाद बांसवाड़ा लाया गया यहां भी केवल राशन ही मिला है.

बांसवाड़ा. मध्यप्रदेश से मजदूरी के लिए बांसवाड़ा आए करीब 50 मजदूरों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. मजदूर शुक्रवार को श्रम विभाग में पहुंचे तो पूरा मामला खुला. मजदूरों को बांसवाड़ा लाकर उनसे 15 दिन मजदूरी कराने के बाद भी उनको एक रुपए नहीं मिला है. मजदूरी के नाम पर केवल आटा और दाल ही हाथ लग सका है. प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करने की बात कही है.

जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के विदिशा के रहने वाले नारायण और महिला कांति ने बताया कि कमल नाम का एक ठेकेदार उनका परिचित है. वह उन्हें गांव से मजदूरी कराने के लिए एमपी में ही एक जगह ले कर गया. वहां दो से तीन दिन मजदूरी कराने के बाद उन्हें बांसवाड़ा लाया गया और यहां एक मार्बल मिल में लगा दिया. मिल में उन्हें 5 किलो आटा व रोटी बनाने के लिए जरूरी सामान व दाल दी गई.

मजदूरों के साथ धोखा

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करीब 15 दिन नौकरी करने के बाद उन्हें पता चला कि उनका ठेकेदार मार्बल व्यवसाई से रुपए लेकर फरार हो गया है. जबकि 15 दिन मजदूरी के बाद भी उनके हाथ में केबल आटा दाल के अलावा कुछ भी नहीं है. ऐसे में उन्होंने श्रम विभाग पहुंचकर मदद के लिए गुहार लगाई है. विदिशा निवासी मजदूरों ने बताया कि एमपी में भी मजदूरी के दौरान केवल राशन ही मिला था. इसके बाद बांसवाड़ा लाया गया यहां भी केवल राशन ही मिला है.

Last Updated : Sep 10, 2021, 10:12 PM IST
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