उदयपुर : उदयपुर सिटी पैलेस के धूणी दर्शन को लेकर हुए विवाद को लेकर पूर्व राजपरिवार सदस्य और नाथद्वारा से विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि इस पर विवाद होने की चीज नहीं थी. राजतिलक के बाद धूणी के दर्शन करने के लिए जाना था और दर्शन के बाद बाहर आना था. इसपर मनाही नहीं होनी चाहिए थी.
धूणी के दर्शन करने में गलत कैसा ? : विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि ये एक तरह से अधिकार भी था और कानूनी तरीके से या सामाजिक तरीके से भी देखा जाए तो वहां जाने से रोकना गलत बात है. इतना विवाद होना नहीं चाहिए था. धूणी एक पवित्र स्थान है. धूणी एक स्थल है जहां पूर्वजों को आशीर्वाद मिला था कि उदयपुर बसाएं, यहीं रहें. तब से यहां धोक देने जाते हैं और यहां गहरी आस्था है, लेकिन अभी तक दर्शन नहीं कर पाए तो एक कमी जरूर रह गई है.
उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन ने नोटिस चस्पा करके पजेशन लेने की बात कही थी, लेकिन अभी तक पजेशन नहीं ली गई है, जिस तरह की स्थितियां उत्पन्न हुईं, ऐसी स्थितियां उत्पन्न नहीं होनी चाहिए थी. बात छोटी सी थी, ज्यादा कम्यूनिकेशन की जरूरत नहीं थी. कुछ लोगों का कहना है कि हम मंदिर में क्रिमिनल ट्रेसपास कर रहे हैं, तो ये अजीब बात है. बिलकुल बेबुनियाद बात है. मेवाड़ ने प्रशासन पर भी सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने पथराव किया उन पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं हुई.
विश्वराज सिंह मेवाड़ करेंगे एकलिंग नाथ के दर्शन : विश्वराज सिंह मेवाड़ ने बताया कि आज भगवान एकलिंग नाथ के दर्शन करने के लिए जाएंगे. शहर से करीब 22 किलोमीटर दूर भगवान एकलिंग नाथ का मंदिर स्थित है. कैलाशपुरी नामक स्थान पर भगवान एकलिंग नाथ विराजमान है, जहां भगवान भोलेनाथ का भव्य मंदिर बना हुआ है. भगवान एकलिंग नाथ ही मेवाड़ के महाराजाओं और यहां की प्रजा के कुल देवता के रूप में पूजे जाते हैं.
बता दें कि विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक के बाद उदयपुर में धूणी दर्शन को लेकर एक ऐसा विवाद छिड़ा कि पूर्व राजपरिवार का झगड़ा सड़कों पर नजर आया. पूरे घटनाक्रम के बाद पत्थरबाजी देखने को भी मिली. इस कारण माहौल तनावपूर्ण रहा. फिलहाल माहौल शांत है. उदयपुर शासन प्रशासन की ओर से फिलहाल उस इलाके में धारा 163 लगाई गई है.
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