बांसवाड़ा. नवागांव ग्राम पंचायत के पनियाला गांव में शनिवार को एक सामूहिक भोज का कार्यक्रम आयोजित था. कार्यक्रम में मीठा खाने से बड़ी संख्या में लोगों में फूड प्वाइजनिंग फैल (People got food poisoning by eating sweets) गई. पहला मरीज शनिवार शाम करीब 7:00 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया उसके बाद रात 11:00 बजे तक करीब 125 लोग अस्पताल में भर्ती हुए. मामले की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर प्रकाश चंद शर्मा, एसपी राजेश कुमार मीणा और उप जिला प्रमुख डॉक्टर विकास बामनिया ने गांव का दौरा किया और फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए मरीजों के लिए अस्पताल की व्यवस्थाएं कराई.
जिला कलेक्टर प्रकाश चंद शर्मा ने बताया कि गांव में सामाजिक कार्यक्रम के बाद करीब 200 लोगों का भोज रखा गया था. जिसमें मीठा खाने से फूड प्वाइजनिंग की शिकायत सामने आई है. श्राद्ध पक्ष के दौरान आदिवासी परिवारों में बाडी विसर्जन का कार्यक्रम होता है. बाड़ी कार्यक्रम में कई प्रकार की धार्मिक पूजा-अर्चना होती है, जो पूर्वजों को याद कर की जाती है. यह कार्यक्रम एक रात या दो रात्रि तक चलता है और दिन में भी कार्यक्रम होते हैं. ऐसे ही एक कार्यक्रम का आयोजन पनियाला गांव में किया जा रहा था. बाड़ी कार्यक्रम संपन्न होने पर खाने का कार्यक्रम रखा गया था. जिसमें बूंदी चावल व अन्य सामग्री तैयार कराई गई थी. इसमें बूंदी खाने से लोगों की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद बच्चे बूढ़े जवान सभी को एक-एक कर उल्टी या दस्त होने की शिकायत हो गई.
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पहला मरीज करीब 7:00 बजे अस्पताल पहुंचा: महात्मा गांधी अस्पताल में सबसे पहले पनियाला का एक परिवार पहुंचा. जिसमें बच्ची भी थी. परिवार ने बताया अभी के गांव में बहुत सारे लोग बीमार हो रहे हैं पर उनकी बात पर किसी को यकीन नहीं हुआ. फिर एक के बाद एक मरीज आने लगे तो प्रशासन की नींद उड़ गई. तत्काल जिला प्रशासन को सूचना दी गई और सूचना पर महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ के साथ ही अन्य डॉक्टर भी तुरंत अस्पताल पहुंच गए.
टीएडी मंत्री का फोन पहुंचते ही 2 वार्ड खाली कराए: बांसवाड़ा विधायक और टीएडी मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया को घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल जिला प्रशासन को व्यवस्था करने के निर्देश दिए. इसके बाद पीएमओ डॉ खुशपाल सिंह राठौड़ ने अस्पताल में 2 वार्ड खाली कराए. जिसमें रोगियों को भर्ती कराया गया.
उप जिला प्रमुख ने भी कराई व्यवस्थाएं: उप जिला प्रमुख डॉक्टर विकास बामणिया को जैसे ही घटना की जानकारी हुई तो वह एमजी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने एक के बाद एक एंबुलेंस को गांव के लिए रवाना कराया. इसके साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टर से बात कर गांव में निजी वाहन भी उपलब्ध कराएं. जिससे सभी रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया जा सके.