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बांसवाड़ा: सभापति पद को लेकर तस्वीर साफ, कांग्रेस के जैनेंद्र और भाजपा के ओम के बीच सीधा मुकाबला

बांसवाड़ा जिले में नगर परिषद के सभापति पद के लिए शनिवार को नामांकन वापस लेने का अन्तिम दिन था. इस दौरान कांग्रेस से जैनेंद्र त्रिवेदी और भाजपा से ओम पालीवाल के नामांकन पत्रों की जांच में दोनों पर्चे सही पाए गए है. अब दोनों के बीच का मुकाबला देखना दिलचस्प होगा.

बांसवाड़ा की खबर, banswara news
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Published : Nov 23, 2019, 9:17 PM IST

बांसवाड़ा. जिले में नगर परिषद के सभापति पद के लिए शनिवार को नामांकन वापस लेने का अन्तिम दिन था. अब कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा. सभापति पद के लिए जहां कांग्रेस की ओर से जैनेंद्र त्रिवेदी को मैदान में उतारा गया है, वहीं भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता ओम पालीवाल पर भरोसा जताया है. नामांकन पत्रों की जांच के दौरान भी दोनों के पर्चे सही पाए गए है.

बांसवाड़ा में सभापति पद को लेकर तस्वीर हुई साफ

बता दें कि समयावधि के बाद रिटर्निंग ऑफिसर पर्वत सिंह चुंडावत की ओर से दोनों को चुनाव चिन्ह का आवंटन कर दिया गया है. अब 26 नवंबर को सभापति पद के लिए दोनों ही प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा. बता दें कि नगर के 60 वार्डों में से कांग्रेस 36 वार्डों में जीत दर्ज की और बहुमत से आगे निकल गई. वहीं सत्तारूढ़ भाजपा 21 सीटों पर ही सिमट गई. तीन निर्दलीय भी वार्ड चुनाव जीतने में कामयाब रहे, इनमें से एक निर्दलीय ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है. वहीं दो अन्य भाजपा के बागी माने जाते हैं.

पढ़ें- बांसवाड़ा में भाजपा की हार का कारण राज्य सरकार की ओर से कराया गया परिसीमन रहाः ओम पालीवाल

इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी त्रिवेदी का कहना है कि शहर की जनता ने हमें बहुमत दिया है और हम अगले 5 साल में शहर की दिशा को बदलने का प्रयास करेंगे. वहीं भाजपा प्रत्याशी पालीवाल ने कहां कि भले ही बहुमत सामने वाले के साथ है, लेकिन हम सभापति पद का निर्विरोध निर्वाचन भी नहीं होने देंगे. इस चुनाव के जरिए हम कांग्रेस को अपनी ताकत का एहसास जरूर करवाएंगे. फिलहाल चुनावी गणित कांग्रेस के त्रिवेदी के पक्ष में नजर आ रही है.

बांसवाड़ा. जिले में नगर परिषद के सभापति पद के लिए शनिवार को नामांकन वापस लेने का अन्तिम दिन था. अब कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा. सभापति पद के लिए जहां कांग्रेस की ओर से जैनेंद्र त्रिवेदी को मैदान में उतारा गया है, वहीं भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता ओम पालीवाल पर भरोसा जताया है. नामांकन पत्रों की जांच के दौरान भी दोनों के पर्चे सही पाए गए है.

बांसवाड़ा में सभापति पद को लेकर तस्वीर हुई साफ

बता दें कि समयावधि के बाद रिटर्निंग ऑफिसर पर्वत सिंह चुंडावत की ओर से दोनों को चुनाव चिन्ह का आवंटन कर दिया गया है. अब 26 नवंबर को सभापति पद के लिए दोनों ही प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा. बता दें कि नगर के 60 वार्डों में से कांग्रेस 36 वार्डों में जीत दर्ज की और बहुमत से आगे निकल गई. वहीं सत्तारूढ़ भाजपा 21 सीटों पर ही सिमट गई. तीन निर्दलीय भी वार्ड चुनाव जीतने में कामयाब रहे, इनमें से एक निर्दलीय ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है. वहीं दो अन्य भाजपा के बागी माने जाते हैं.

पढ़ें- बांसवाड़ा में भाजपा की हार का कारण राज्य सरकार की ओर से कराया गया परिसीमन रहाः ओम पालीवाल

इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी त्रिवेदी का कहना है कि शहर की जनता ने हमें बहुमत दिया है और हम अगले 5 साल में शहर की दिशा को बदलने का प्रयास करेंगे. वहीं भाजपा प्रत्याशी पालीवाल ने कहां कि भले ही बहुमत सामने वाले के साथ है, लेकिन हम सभापति पद का निर्विरोध निर्वाचन भी नहीं होने देंगे. इस चुनाव के जरिए हम कांग्रेस को अपनी ताकत का एहसास जरूर करवाएंगे. फिलहाल चुनावी गणित कांग्रेस के त्रिवेदी के पक्ष में नजर आ रही है.

Intro:बांसवाड़ा। नाम वापसी की अवधि खत्म होने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि बांसवाड़ा में नगर परिषद सभापति पद के लिए कॉन्ग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होगा। यहां कांग्रेस द्वारा जैनेंद्र त्रिवेदी को मैदान में उतारा गया है वही भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता ओम पालीवाल पर दांव लगाया है।


Body:नामांकन पत्रों की जांच के दौरान दोनों के पर्चे सही पाए गए वही आज नाम वापसी का अंतिम दिन था। निर्धारित समय तक किसी भी दावेदार द्वारा नाम वापस नहीं दिया गया। समयावधि बाद रिटर्निंग ऑफिसर पर्वत सिंह चुंडावत द्वारा दोनों को चुनाव चिन्ह का आवंटन कर दिया गया है। अब 26 नवंबर को सभापति पद के लिए दोनों ही प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला होगा। आपको बता दे की नगर के 60 वार्डों में से कांग्रेस 36 वार्डों में विजय रही और बहुमत से आगे निकल गई वही सत्तारूढ़ भाजपा 21 सीटों पर सिमट गई। तीन निर्दलीय वार्ड चुनाव जीतने में कामयाब रहे इनमें से एक निर्दलीय द्वारा कांग्रेस को समर्थन दे दिया गया है वही दो अन्य भाजपा के बागी माने जाते हैं।


Conclusion:इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी त्रिवेदी का कहना है कि शहर की जनता ने हमें बहुमत दिया है और हम अगले 5 साल में शहर की दिशा को बदलने का प्रयास करेंगे वही भाजपा प्रत्याशी पालीवाल मैं कहां की भले ही बहुमत सामने वाले के साथ है लेकिन हम सभापति पद का निर्विरोध निर्वाचन भी नहीं होने देंगे। इस चुनाव के जरिए हम कांग्रेस को अपनी ताकत का एहसास जरूर करवाएंगे। फिलहाल चुनावी गणित कांग्रेस के त्रिवेदी के पक्ष में नजर आ रही है। अब देखना यह होगा कि तीन निर्दलीय पार्षदों में से 26 नवंबर को होने वाले सभापति के चुनाव के दौरान कौन किसका दामन थामता है।

बाइट...... जैनेंद्र त्रिवेदी प्रत्याशी कांग्रेस
........ ओम पालीवाल उम्मीदवार भाजपा
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