बांसवाड़ा/उदयपुर. शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन रविवार को दोपहर बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अचानक माता त्रिपुर सुंदरी के दरबार में पहुंचीं. दर्शन करने से पहले उन्होंने पार्टी के विधायकों से बंद कमरे में वार्ता की. इससे पहले वसुंधरा राजे ने उदयपुर में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से भी मुलाकात की थी. वसुंधरा राजे के इस दौरे और पार्टी नेताओं के साथ हुई मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
वसुंधरा राजे उदयपुर से निजी वाहन के जरिए तलवाड़ा स्थित त्रिपुर सुंदरी मंदिर परिसर पहुंचीं. इस दौरान गढ़ी विधायक कैलाश मीणा और घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा के साथ ही पार्टी जिला अध्यक्ष लाभचंद पटेल ने मंदिर के गेस्ट हाउस में वसुंधरा राजे से मुलाकात की. उन्होंने गढ़ी विधायक कैलाश मीणा से वीआईपी गेस्ट हाउस के एक बंद कमरे में काफी देर तक बात की. इसके बाद घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा को भी उसी कमरे में बुलाया गया. उनसे भी करीब 5 मिनट तक वसुंधरा राजे ने अकेले में बातचीत की. इस मुलाकात के बाद सियासी पारा चढ़ा हुआ है.
आधे घंटे गर्भ गृह में पूजा अर्चना की : विधायकों से वार्ता के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मंदिर के मुख्य दरवाजे पर पहुंचीं तो उन्हें सीधे गर्भ गृह ले जाया गया. यहां पर पंडित निकुंज मोहन पांडे ने करीब आधे घंटे तक पूजा अर्चना कराई. इस दौरान मंदिर समिति से जुड़े कई लोग वहां पर मौजूद रहे. मंदिर परिसर में करीब 1 घंटे तक रहीं वसुंधरा राजे ने मीडिया कर्मियों से कोई बात नहीं की. पूजा अर्चना के बाद वसुंधरा राजे उदयपुर के लिए रवाना हो गईं.
उदयपुर में कटारिया से भी गुप्त वार्ता : इससे पहले उदयपुर में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से उनके आवास पर वसुंधरा राजे ने 45 मिनट तक मुलाकात की. इस गुप्त मुलाकात ने राजस्थान के सियासी पारे को और गर्म कर दिया है. राजे के इस अल्प प्रवास को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था. दोनों की मुलाकात के समय पार्टी का कोई पदाधिकारी और बड़ा नेता मौजूद नहीं था.