बांसवाड़ा. लगातार बिगड़ते पर्यावरण संतुलन को देखते हुए देश ही नहीं दुनिया भर के लोग चिंतित है. अधिकाधिक पौधरोपण की स्कीम्स लाई जा रही है. लेकिन, राजस्थान में 1 साल बाद भी आरएफबीपी के थर्ड फेज पर नौकरशाही फैसला नहीं कर पाई है. ऐसे में वर्ष 2019 में योजना के तहत पौधारोपण मुश्किल होगा.
प्रदेश में वन विभाग अपनी विभिन्न योजनाओं के तहत मानसून के दौरान वन विस्तार के लिए पौधारोपण करता है. लेकिन, इसके लिए स्पेशल कोई फंड नहीं होता. ऐसे में रूटीन में प्लांटेशन किया जाता है. स्पेशल प्लांटेशन के लिए सरकार समय-समय पर योजनाएं लेकर आती है. पिछले 5 साल से आरएफबीपी-1 और इसका सेकंड फेज चल रहा था. सेकंड फेज में बांसवाड़ा में लाखों पेड़ लगाने के साथ सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण के कार्य को विस्तार दिया गया. यह स्कीम वर्ष 2017 में कंप्लीट हो गई.
लाखों की संख्या में पौधे लगाए
स्कीम के सेकंड फेज में बांसवाड़ा जिले में वर्ष 2015 के दौरान कुल 556 हेक्टेयर में 219200 पौधे लगाए गए. जबकि इस साल कुल मिलाकर 1276 हेक्टेयर में 523700 पौधे लगाए गए थे. इसी प्रकार वर्ष 2016 में योजना के अंतर्गत 500 हेक्टेयर में ढाई लाख और वर्ष 2017 में 752 हेक्टर में 181 500 पौधे लगाए गए.
और गिरता गया ग्राफ
योजना के इस पेज का काम 2017 में कंप्लीट होने के साथ ही जिले में पौधा रोपण का ग्राफ गिरता जा रहा है. 2018 में 1000 हेक्टर में पौधे लगाए गए. वहीं 2019 में 700 हेक्टर में पौधारोपण का लक्ष्य है. इस दौरान 260000 पौधारोपण का लक्ष्य है. इस प्रकार स्कीम के अभाव में पौधारोपण का ग्राफ जिले ही नहीं पूरे प्रदेश में गिर रहा है. योजना के थर्ड फेज का प्रपोजल राज्य सरकार के समक्ष पिछले 1 साल से विचाराधीन है. इसके बावजूद अब तक सरकारी कारिंदे इस पर कोई फैसला नहीं ले पाए. इस संबंध में उप वन संरक्षक सुगनाराम जाट का कहना है कि आरएफ बीपी सेकंड फेज का काम खत्म होने के साथ ही थर्ड फेज का प्लान सरकार के समक्ष विचाराधीन है. फिलहाल हम 2019 में होने वाले पौधारोपण की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं. इसके लिए गड्ढे आदि खो दिए गए हैं.