बांसवाड़ा. कोरोना महामारी को लेकर सरकार की प्रस्तावित वेतन कटौती पर कर्मचारी और अधिकारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. खासकर शिक्षक संगठन और राज्य अधिकारी कर्मचारी महासंघ के सदस्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते दिख रहे हैं.
बता दें कि कर्मचारी अधिकारियों की ओर से सोमवार को रैली निकाली गई. नारेबाजी और प्रदर्शन के जरिए ना केवल राज्य सरकार बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष तक अपनी गुहार भेजी गई. कर्मचारी नेताओं का आरोप था कि सरकार कोरोना के बहाने जैसलमेर खर्च की उगाही कर रही है. कर्मचारी संगठन इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.
जब से सरकार की ओर से वेतन कटौती के आदेश जारी किए गए हैं, विभिन्न कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ लामबंद होते दिखाई दे रहे हैं. राजस्थान राज्य अधिकारी कर्मचारी महासंघ (tsp) के बैनर तले कर्मचारी अधिकारी अपनी मांग के समर्थन में रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे.
वेतन कटौती के खिलाफ कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की और कहा कि जुलाई से महंगाई भत्ता प्रदान नहीं किया जा रहा है, जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है. वहीं, कार्मिकों का उपार्जित अवकाश का नकद भुगतान 2021 तक रोक लिया गया. महिला शाखा की जिला महामंत्री रागिनी त्रिवेदी सरकार के इस निर्णय पर भड़क उठी.
उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना के नाम पर वेतन काटा जा रहा है, जबकि हकीकत में जैसलमेर के खर्चे की भरपाई की जा रही है. संगठन के महामंत्री अनिल व्यास ने कहा कि कोरोना के नाम पर ये कटौती एक बहाना है. हकीकत में सरकार अपना खजाना भरने की कोशिश कर रही है.
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कर्मचारी इस प्रकार के निर्णय बर्दाश्त नहीं करेंगे और जरूरत पड़ने पर आंदोलन को और उग्र किया जाएगा. जिला अध्यक्ष नाथूलाल पाटीदार, हरि प्रकाश गुप्ता सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे. बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया.
वहीं शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष आशीष द्विवेदी के नेतृत्व में कोविड-19 के परिपेक्ष में प्रस्तावित वेतन कटौती के विरोध में संगठन के सदस्यों ने मुख्य सचिव के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. संगठन ने प्रस्तावित वेतन कटौती पर पुनर्विचार करने की जरूरत बताई है.