बांसवाड़ा. जब से कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया में महामारी की तरह फैला है, चिकित्सकों का दर्जा और भी अहम हो गया है. चिकित्सक और नर्सिंग कर्मी अपने परिवार को भूलकर मानवता की सेवा में जुटे हैं. लेकिन यहां एक निजी क्लीनिक की इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक करतूत सामने आई है.
निजी क्लीनिक के डॉक्टरों सहित कर्मचारियों ने समुदाय विशेष की एक गर्भवती महिला का इलाज करने से इंकार कर दिया. यहां तक की क्लीनिक के कर्मचारी महिला के परिजनों के साथ बदतमीजी से पेश आए और धक्का-मुक्की करने से भी नहीं चूके. अंततः मानवता को शर्मसार करने वाला यह मामला पुलिस और प्रशासन तक पहुंचा. इस संबंध में कोतवाली पुलिस थाने में हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.
दरअसल महिला का उपचार शहर के एक निजी क्लीनिक में चल रहा है. महिला 8 माह के गर्भ से है और इसी क्लीनिक में उसका रेगुलर ट्रीटमेंट चल रहा था. कल शाम महिला को दर्द उठने पर वह क्लीनिक पर गई. जहां स्टाफ ने कथित तौर पर उनके साथ बदतमीजी की डॉक्टर के उदयपुर में होने की बात कहकर उन्हें घर भेज दिया और सुबह आने को कहा.
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परिजनों के अनुसार जैसे ही वे लोग आज सुबह क्लीनिक पर पहुंचे, तो कर्मचारियों का व्यवहार बदला-बदला नजर आया और डॉक्टर के भाई सहित अन्य कर्मचारी कंपाउंड में आ गए और उन्हें इलाज नहीं करने की बात कहते हुए बाहर निकलने को कहा. इस मामले को लेकर परिजनों और हॉस्पिटल स्टाफ के बीच काफी समय तक हंगामा होता रहा.
अब तक 37 पॉजिटिव
बता दें कि जिले के कुशलगढ़ कस्बे में अब तक 37 संदिग्ध रोगियों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है. कोरोना का यह संक्रमण कस्बे के बोहरा समुदाय बाहुल्य वार्ड 11 और 12 में फैला है और अब तक के सारे रोगी इसी समुदाय की पाए गए हैं.