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SPECIAL: मुंबई के रास्ते बांसवाड़ा में Corona की घुसपैठ, यूं भेदा कुशलगढ़ का किला - Corona transition to Bohra society

कोरोना संक्रमण के संकट से मुक्त रहे बांसवाड़ा का किला भी आखिर कोरोना ने भेद ही दिया. जिले के कुशलगढ़ कस्बे में बोहरा समाज के 24 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. आखिर ये मामले यहां कैसे फैले देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

बोहरा समाज में कैसे बोहरा समाज में कैसे फैला कोरोना संक्रमण, देखें रिपोर्टफैला कोरोना संक्रमण, How Corona infection spread in Bohra society
बोहरा समाज में कैसे फैला कोरोना संक्रमण, देखें रिपोर्ट
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Published : Apr 11, 2020, 1:58 PM IST

Updated : Apr 11, 2020, 3:49 PM IST

बांसवाड़ा. राजस्थान में कोरोना संक्रमण के आतंक की चपेट में प्रदेश के आधे से ज्यादा जिले आ चुके हैं. ऐसे में अपने आप को सुरक्षित बताने वाला बांसवाड़ा भी इससे अछूता नहीं रहा. बांसवाड़ा के लोग खुद को जहां रक्षा कवच के रूप में देख रहे थे. वहीं, लोगों का ये भ्रम 31 मार्च को टूट गया. जब जिले के कुशलगढ़ कस्बे की रहने वाली एक महिला की आइसोलेशन वार्ड में मौत हो गई.

हालांकि उसकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. लेकिन स्वास्थ विभाग ने जब इस मामले में जांच पड़ताल शुरू की और महिला के पति और पुत्र के सैंपल जांच के लिए भेजे तो उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. ऐसे में चिकित्सा महकमें में हड़कंप मच गया. 4 अप्रैल को पिता पुत्र की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने उनके आसपास के 1 किलोमीटर के एरिया में कर्फ्यू लगा दिया गया.

बोहरा समाज में कैसे फैला कोरोना संक्रमण, देखें रिपोर्ट

लेकिन तो कोरोना संक्रमण की शुरूआत थी. एक के बाद एक पॉजिटिव केस आना शुरू हो गए. 7 अप्रैल को आई रिपोर्ट ने प्रशासन की परेशानी और बढ़ा दी. मंगलवार को चार और लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई. वहीं, 8 अप्रैल को भी दो और महिलाओं सहित तीन संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव पाए गए. वहीं देर रात तक मिली रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे में पॉजिटिव रोगियों की संख्या 6 हो गई.

पढ़ें- SPECIAL: आइसोलेशन, अनुशासन और अनिवार्यता का उदाहरण बने 'कोचिंग की मक्का' के छात्र

4 से 9 अप्रैल तक कस्बे में रोगियों की संख्या 12 हो गई. वहीं, 9 अप्रैल को आई रिपोर्ट के आंकड़े ने सभी को चौंका दिया. 9 अप्रैल को देर रात तक आई रिपोर्ट में एक ही दिन में आंकड़ा दोगुना हो गया. अब कोरोना से कुशलगढ़ के 24 लोग संक्रमित हो गए.

मुंबई के रास्ते महामारी ने खोला मुंह

पहले दो रोगियों में कोरोना पुष्टि के बाद से ही चार-पांच दिन तक पुलिस के साथ चिकित्सा विभाग कुशलगढ़ में कोरोना की दस्तक की पड़ताल कर रहा था. लेकिन समुदाय के लोगों का उचित सहयोग नहीं मिल रहा था. ऐसे में कांटेक्ट में आने वाले लोगों का डेटाबेस भी तैयार करने में मुश्किल आ रही थी. लेकिन जांच अधिकारी इसकी बैक हिस्ट्री निकालने में कामयाब हो गए.

पढ़ें- कोरोना से मृत डॉक्टर को बेटों ने वीडियो कॉल से दी अंतिम विदाई

पड़ताल में सामने आया कि 31 मार्च को जिस महिला की मौत हुई थी, वह अपने पति और परिवार के साथ 11 मार्च को मुंबई गई थी और वहां से 15 मार्च को कुशलगढ़ लौटी. 16 मार्च को कुशलगढ़ में परिवार के लोगों सहित जमात के भोज में शामिल हुए. जिसके बाद 23 मार्च को लॉकडाउन के बाद समुदाय के लोगों के साथ घर में नमाज अदा की.

जहां डॉक्टर मजहर के घर में हुई नमाज में मृतक महिला के पति और पुत्र ने भी नमाज पढ़ी. वहीं, कुशलगढ़ कस्बे में बोहरा समाज के 24 लोगों में अबतक कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. इसे लेकर प्रशासन समुदाय के हर शख्स के सैंपल लेने में जुटा है. अब भी 76 लोगों कि जांच रिपोर्ट पेंडिंग चल रही है, ऐसे में यहां रोगियों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका है.

बांसवाड़ा. राजस्थान में कोरोना संक्रमण के आतंक की चपेट में प्रदेश के आधे से ज्यादा जिले आ चुके हैं. ऐसे में अपने आप को सुरक्षित बताने वाला बांसवाड़ा भी इससे अछूता नहीं रहा. बांसवाड़ा के लोग खुद को जहां रक्षा कवच के रूप में देख रहे थे. वहीं, लोगों का ये भ्रम 31 मार्च को टूट गया. जब जिले के कुशलगढ़ कस्बे की रहने वाली एक महिला की आइसोलेशन वार्ड में मौत हो गई.

हालांकि उसकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. लेकिन स्वास्थ विभाग ने जब इस मामले में जांच पड़ताल शुरू की और महिला के पति और पुत्र के सैंपल जांच के लिए भेजे तो उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. ऐसे में चिकित्सा महकमें में हड़कंप मच गया. 4 अप्रैल को पिता पुत्र की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने उनके आसपास के 1 किलोमीटर के एरिया में कर्फ्यू लगा दिया गया.

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लेकिन तो कोरोना संक्रमण की शुरूआत थी. एक के बाद एक पॉजिटिव केस आना शुरू हो गए. 7 अप्रैल को आई रिपोर्ट ने प्रशासन की परेशानी और बढ़ा दी. मंगलवार को चार और लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई. वहीं, 8 अप्रैल को भी दो और महिलाओं सहित तीन संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव पाए गए. वहीं देर रात तक मिली रिपोर्ट के अनुसार 24 घंटे में पॉजिटिव रोगियों की संख्या 6 हो गई.

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4 से 9 अप्रैल तक कस्बे में रोगियों की संख्या 12 हो गई. वहीं, 9 अप्रैल को आई रिपोर्ट के आंकड़े ने सभी को चौंका दिया. 9 अप्रैल को देर रात तक आई रिपोर्ट में एक ही दिन में आंकड़ा दोगुना हो गया. अब कोरोना से कुशलगढ़ के 24 लोग संक्रमित हो गए.

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पहले दो रोगियों में कोरोना पुष्टि के बाद से ही चार-पांच दिन तक पुलिस के साथ चिकित्सा विभाग कुशलगढ़ में कोरोना की दस्तक की पड़ताल कर रहा था. लेकिन समुदाय के लोगों का उचित सहयोग नहीं मिल रहा था. ऐसे में कांटेक्ट में आने वाले लोगों का डेटाबेस भी तैयार करने में मुश्किल आ रही थी. लेकिन जांच अधिकारी इसकी बैक हिस्ट्री निकालने में कामयाब हो गए.

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पड़ताल में सामने आया कि 31 मार्च को जिस महिला की मौत हुई थी, वह अपने पति और परिवार के साथ 11 मार्च को मुंबई गई थी और वहां से 15 मार्च को कुशलगढ़ लौटी. 16 मार्च को कुशलगढ़ में परिवार के लोगों सहित जमात के भोज में शामिल हुए. जिसके बाद 23 मार्च को लॉकडाउन के बाद समुदाय के लोगों के साथ घर में नमाज अदा की.

जहां डॉक्टर मजहर के घर में हुई नमाज में मृतक महिला के पति और पुत्र ने भी नमाज पढ़ी. वहीं, कुशलगढ़ कस्बे में बोहरा समाज के 24 लोगों में अबतक कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. इसे लेकर प्रशासन समुदाय के हर शख्स के सैंपल लेने में जुटा है. अब भी 76 लोगों कि जांच रिपोर्ट पेंडिंग चल रही है, ऐसे में यहां रोगियों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका है.

Last Updated : Apr 11, 2020, 3:49 PM IST
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