बांसवाड़ा. जिले में अब तक 62 में से 50 प्रतिशत रोगी पॉजिटिव से निगेटिव की क्लास में आ चुके हैं और डिस्चार्ज होकर क्वॉरेंटाइन की अनिवार्यता को पूरा कर रहे हैं. सबसे खुशी की बात यह है कि जिले के कुशलगढ़ कस्बे पर जो कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा था, वह एक प्रकार से टल चुका है. जो भी सैंपल लिए जा रहे हैं, उनका रिजल्ट नेगेटिव के तौर पर सामने आ रहा है.
जिला प्रशासन द्वारा समुदाय विशेष के तमाम लोगों को स्क्रीन किया जा चुका है. स्क्रीनिंग के साथ-साथ सैंपल लेने का क्रम लगातार बना हुआ है. चिकित्सा विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 27 अप्रैल तक कुशलगढ़-बांसवाड़ा सहित जिले भर से कुल 1 हजार 696 संदिग्ध रोगियों के सैंपल भेजे गए थे, जिनमें से 16 से 20 की रिपोर्ट आ चुकी है. इनमें से 62 की रिपोर्ट पॉजिटिव और 1 हजार 558 नेगेटिव पाए गए हैं. वहीं 34 लोगों की रिपोर्ट पेंडिंग चल रही है. इस प्रकार आंकड़ों का विश्लेषण करें तो संक्रमण की दर लगभग 3.85 प्रतिशत आ रही है. जो कि प्रदेश स्तर के आंकड़ों को देखें तो बहुत ही कम है. अर्थात जिन संदिग्ध रोगियों के सैंपल भेजे गए, उनमें से पौने चार प्रतिशत संक्रमित पाए गए.
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सबसे बड़ी बात यह है कि इस वायरस से कोई भी मौत नहीं हो पाई. हालांकि 31 मार्च को कुशलगढ़ की जिस महिला की मौत हुई थी, उसके लक्षण पॉजिटिव रोगियों के ही लग रहे थे. लेकिन उसकी मौत के बाद जो रिपोर्ट आई वह निगेटिव थी. अब यदि रोगियों की रिकवरी पर ध्यान दे तो बांसवाड़ा का प्रतिशत बेहतरीन कहा जा सकता है. जहां 62 में से 31 रोगी स्वस्थ होकर उदयपुर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो चुके हैं. अर्थात रोगियों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है और अगले कुछ दिनों में शेष रोगियों के भी डिस्चार्ज होने की उम्मीद है.
उदयपुर में भर्ती 31 मरीजों की हालत में तेजी से सुधार होने की बात सामने आ रही है. सीएमएचओ डॉक्टर एच एल ताबीयार के अनुसार अब हमारा जिला तेजी से ग्रीन जोन की ओर बढ़ रहा है. हमने संक्रमित रोगियों की हिस्ट्री पर ध्यान दिया और उसके संपर्क में जो भी व्यक्ति आए उनकी न केवल क्लीनिंग की. बल्कि संदिग्ध रोगियों के सैंपल लेने में भी कोई कोताही नहीं की. उसी का परिणाम है कि बल्क में अब कोई नए रोगी नहीं आ रहे हैं और संख्या स्थिर हो चुकी है. वहीं 50 फ़ीसदी रोगी उदयपुर से डिस्चार्ज होकर महात्मा गांधी चिकित्सालय बांसवाड़ा क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा कर रहे हैं. अन्य जो पॉजिटिव रोगी हैं, उनके स्वास्थ्य में भी तेजी से सुधार आने की सूचनाएं मिल रही हैं.