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बांसवाड़ा : ठेकेदार की लापरवाही से 'बीमार' हुआ सेनावासा PHC - पीएचसी

बांसवाड़ा के घाटोल उपखण्ड के सेनावासा गांव में लाखों की लागत से बना पीएचएसी भवन धूल फांक रहा है. पीएचसी का कुछ कार्य अबतक पूरा नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. वहीं ग्रामीणों ने अधूरे निर्माण कार्य को जल्द पूरा कराने की मांग की है.

घाटोल पीएचसी, Ghatol PHC
पीएचसी का अधूरा निर्माण
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Published : Mar 1, 2020, 7:19 PM IST

Updated : Mar 16, 2020, 9:45 AM IST

घाटोल (बांसवाड़ा). घाटोल उपखंड सेनावासा ग्राम पंचायत में लाखों की लागत से सेनावासा पीएचसी का निर्माण करवाया गया था. लेकिन इस नवीनतम पीएचसी का मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

लाखों की लागत से बना पीएचसी भवन धूल फांक रहा

बता दें कि इस पीएचसी का शिलान्यास 30 नवम्बर 2017 को तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा और पंचायती राज मंत्री धनसिंह रावत ने किया था. वर्तमान में यह भवन बनकर तैयार है. लेकिन ठेकेदार की लापरवाही और घटिया निर्माण के चलते नवीन भवन में बारिश के दौरान छत से पानी टपकता रहता है.

पढ़ेंः विशेष: ऐसा पहाड़ जो ख्वाजा साहब की याद में खूब रोया...900 बरस बाद भी नहीं सूखे आंसू

इसके अलावा अभी तक अन्य दूसरे कई कार्य नियमानुसार पूर्ण नहीं होने पर चिकित्सा विभाग ने इसे ठेकेदार से हैंडओवर नहीं लिया. जिसके चलते लाखों की लागत से बना नवीन पीएचसी भवन धूल फांक रहा है.

ग्रामीणों ने बताया कि पीएचसी की चारदीवारी नहीं है, वही पीएचएसी से डॉक्टर क्वाटर तक पहुंचने के लिए मुख्य सड़क भी नहीं बनाई गई. इस वजह से पीएचसी का लाभ ग्रामिणों को नहीं मिल पा रहा है. वहीं ग्रामिणों ने अधूरे निर्माण कार्य को जल्द पूरा कराने की मांग की है.

घाटोल (बांसवाड़ा). घाटोल उपखंड सेनावासा ग्राम पंचायत में लाखों की लागत से सेनावासा पीएचसी का निर्माण करवाया गया था. लेकिन इस नवीनतम पीएचसी का मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है.

लाखों की लागत से बना पीएचसी भवन धूल फांक रहा

बता दें कि इस पीएचसी का शिलान्यास 30 नवम्बर 2017 को तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा और पंचायती राज मंत्री धनसिंह रावत ने किया था. वर्तमान में यह भवन बनकर तैयार है. लेकिन ठेकेदार की लापरवाही और घटिया निर्माण के चलते नवीन भवन में बारिश के दौरान छत से पानी टपकता रहता है.

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इसके अलावा अभी तक अन्य दूसरे कई कार्य नियमानुसार पूर्ण नहीं होने पर चिकित्सा विभाग ने इसे ठेकेदार से हैंडओवर नहीं लिया. जिसके चलते लाखों की लागत से बना नवीन पीएचसी भवन धूल फांक रहा है.

ग्रामीणों ने बताया कि पीएचसी की चारदीवारी नहीं है, वही पीएचएसी से डॉक्टर क्वाटर तक पहुंचने के लिए मुख्य सड़क भी नहीं बनाई गई. इस वजह से पीएचसी का लाभ ग्रामिणों को नहीं मिल पा रहा है. वहीं ग्रामिणों ने अधूरे निर्माण कार्य को जल्द पूरा कराने की मांग की है.

Last Updated : Mar 16, 2020, 9:45 AM IST
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