बांसवाड़ा. अखिल राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ के अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के अंतर्गत गुरुवार को चौथे दिन डाटा एंट्री ऑपरेटर्स की ओर से अनूठा तरीका अपनाया गया. धरना स्थल पर अपनी मांगों के संबंध में सरकार को सद्बुद्धि दिलाने के उद्देश्य से हवन किया गया.
इसके लिए बकायदा वेदी भी तैयार की गई. जिलेभर में चिकित्सा विभाग की विभिन्न ऑनलाइन सर्विसेज और डाटा एंट्री के लिए एक सौ से अधिक कर्मचारी संविदा पर कार्यरत है. अधिकांश ऑपरेटर कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां पर बकायदा घी और अन्य सामग्री के साथ सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए हवन पर बैठ गए. इससे पूर्व ऑपरेटर्स ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. ऑपरेटर का कहना है कि वह लंबे समय से संविदा पर काम कर रहे हैं और अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की ओर से अब तक कोई स्वीकृति जारी नहीं की गई है, इससे उनके सामने सड़क पर आने का खतरा पैदा हो गया है.
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ऑपरेटर डाटा एंट्री के अलावा चिकित्सा सेवा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उनकी हड़ताल से तमाम ऑनलाइन सेवाएं ठप हो गई है. ऑपरेटर्स का आरोप है कि विभाग की ओर से एक ही काम के लिए दो-दो वेतनमान पर काम कराया जा रहा है. ऑपरेटर को 8500 रुपए प्रदान किए जा रहे हैं, जबकि आयुष विभाग में इसी काम को करने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर को 16000 प्रति माह प्रदान किए जा रहे हैं. यह उनके साथ भेदभाव है. जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा कि गुरुवार को चौथे दिन आंदोलन के क्रम में सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए संगठन की ओर से हवन किया गया. जब तक हमारी मांगों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.