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52 लाख के GST घोटाले में फर्म को वाणिज्य कर विभाग ने पेनल्टी सहित 1 करोड़ 17 लाख का नोटिस भेजा

बांसवाड़ा में सोयाबीन की खरीद के नाम पर सरकार को करीब 52 लाख रुपए की चपत लगाई गई है. टैक्स चोरी के इस खेल में कोटा के एक व्यापारी का नाम आ रहा है. वहीं, गणपति ट्रेडिंग नामक फर्म पर वाणिज्य कर विभाग ने पेनल्टी सहित करीब 1 करोड़ 17 लाख का नोटिस भेजा है.

Tax evasion in Banswara, Input tax credit, GST evasion
वाणिज्य कर विभाग ने फर्म को भेजा नोटिस
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Published : Jul 7, 2020, 8:18 PM IST

बांसवाड़ा. जिले में GST चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है. बांसवाड़ा से लेकर कोटा तक की कई फर्मों के फर्जी बिल लगाकर सरकार को करीब 52 लाख रुपए की चपत लगाई गई है. इस फर्जीवाड़े को किस प्रकार अंजाम दिया गया. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर की एक फर्म ने न तो कोई सोयाबीन खरीदा और ना ही किसी को बेचा.

लेकिन फर्जी बिलों के जरिए 100 ट्रक की कोटा से बांसवाड़ा तक की एंट्री दिखाई गई. गनीमत रही कि फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद फरवरी में शहर की गणपति ट्रेडिंग नामक फर्म वाणिज्य कर विभाग के रडार पर आ गई. जांच के दौरान जब फर्जीवाड़े की परत खुलती गई तो अधिकारी भी दंग रह गए.

टैक्स चोरी का मामला लाखों रुपए का है. अब तक की जांच में 52 लाख रुपए की टैक्स चोरी सामने आने के बाद वाणिज्य कर विभाग ने पेनल्टी सहित फर्म को करीब 1 करोड़ 17 लाख का नोटिस भेजा है. जिस प्रकार से कोटा की कई व्यापारिक संस्थाओं का नाम सामने आ रहा है, विस्तृत जांच में टैक्स चोरी का मामला करोड़ों तक पहुंच सकता है. प्रदेश में सोयाबीन खरीद टैक्स चोरी का यह सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है.

पढ़ें- जोधपुर की IIT रिसर्च टीम का कमाल, राजस्थानी मिट्टी और आर्गेनिक वेस्ट को मिलाकर बनाया Biofuel

टैक्स चोरी के तार वागड़ तक

मामले की जांच से जुड़े अधिकारियों से पता चला है कि फर्जी तरीके से अलग-अलग फर्मों से खरीद बताकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के इस रैकेट को कोटा से संचालित किया जा रहा है, जो जीएसटी नियमों की आड़ में टैक्स चोरी कर सरकार को चपत लगा रहे हैं.

डूंगरपुर बांसवाड़ा में इस रैकेट को चलाने वाला कोटा का ही एक व्यापारी बताया जा रहा है, जो कि बांसवाड़ा जिले के बड़ोदिया, तलवाड़ा, आसपुर, सलूंबर के व्यापारियों से डील कर रहा है. इस प्रकार के फर्जीवाड़े में कोटा की और भी कई फर्मों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.

पढ़ें- कोरोना से जंग: लोगों को जागरूक करने के लिए नागौर में प्रदर्शनी का आगाज

पैर पसार रहे हैं टैक्स चोर

बांसवाड़ा जिले में बड़े पैमाने पर सोयाबीन की खेती की जाती है. कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले, तो जिले में करीब 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की खेती होती है. प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल तक पैदावार मानी गई है. इसकी कंपनी में सर्वाधिक मांग है और खरीदारी पर केवल 5 पर्सेंट जीएसटी है.

अधिकारियों के अनुसार यहां अधिकांश किसान पंजीकृत हैं. इसलिए व्यापारियों से माल खरीदते हैं तो उन्हें बिलिंग नहीं होने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ नहीं मिलता. ऐसे में व्यापारी खरीदे माल को बेचने के वक्त टैक्स भुगतान कम करने के लिए अलग-अलग कंपनियों से बिक्री दर्शाते हैं. जिससे हर खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलता जाए.

वाणिज्य कर विभाग जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर रविंद्र जैन ने बताया कि जांच के बाद हमने गणपति ट्रेडिंग को 52 लाख रुपए की टैक्स चोरी के साथ पेनल्टी सहित करीब एक करोड़ 17 लाख रुपए का नोटिस भेजा है. वहीं, इसे समय पर जमा नहीं कराने की स्थिति में राशि और भी बढ़ती जाएगी. जरूरत पड़ने पर हम डिमांड क्रिएट का विकल्प अपनाकर पीरियड में भी कार्रवाई कर सकते हैं.

बांसवाड़ा. जिले में GST चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है. बांसवाड़ा से लेकर कोटा तक की कई फर्मों के फर्जी बिल लगाकर सरकार को करीब 52 लाख रुपए की चपत लगाई गई है. इस फर्जीवाड़े को किस प्रकार अंजाम दिया गया. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर की एक फर्म ने न तो कोई सोयाबीन खरीदा और ना ही किसी को बेचा.

लेकिन फर्जी बिलों के जरिए 100 ट्रक की कोटा से बांसवाड़ा तक की एंट्री दिखाई गई. गनीमत रही कि फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद फरवरी में शहर की गणपति ट्रेडिंग नामक फर्म वाणिज्य कर विभाग के रडार पर आ गई. जांच के दौरान जब फर्जीवाड़े की परत खुलती गई तो अधिकारी भी दंग रह गए.

टैक्स चोरी का मामला लाखों रुपए का है. अब तक की जांच में 52 लाख रुपए की टैक्स चोरी सामने आने के बाद वाणिज्य कर विभाग ने पेनल्टी सहित फर्म को करीब 1 करोड़ 17 लाख का नोटिस भेजा है. जिस प्रकार से कोटा की कई व्यापारिक संस्थाओं का नाम सामने आ रहा है, विस्तृत जांच में टैक्स चोरी का मामला करोड़ों तक पहुंच सकता है. प्रदेश में सोयाबीन खरीद टैक्स चोरी का यह सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है.

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टैक्स चोरी के तार वागड़ तक

मामले की जांच से जुड़े अधिकारियों से पता चला है कि फर्जी तरीके से अलग-अलग फर्मों से खरीद बताकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के इस रैकेट को कोटा से संचालित किया जा रहा है, जो जीएसटी नियमों की आड़ में टैक्स चोरी कर सरकार को चपत लगा रहे हैं.

डूंगरपुर बांसवाड़ा में इस रैकेट को चलाने वाला कोटा का ही एक व्यापारी बताया जा रहा है, जो कि बांसवाड़ा जिले के बड़ोदिया, तलवाड़ा, आसपुर, सलूंबर के व्यापारियों से डील कर रहा है. इस प्रकार के फर्जीवाड़े में कोटा की और भी कई फर्मों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.

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पैर पसार रहे हैं टैक्स चोर

बांसवाड़ा जिले में बड़े पैमाने पर सोयाबीन की खेती की जाती है. कृषि विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले, तो जिले में करीब 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की खेती होती है. प्रति हेक्टेयर 15 क्विंटल तक पैदावार मानी गई है. इसकी कंपनी में सर्वाधिक मांग है और खरीदारी पर केवल 5 पर्सेंट जीएसटी है.

अधिकारियों के अनुसार यहां अधिकांश किसान पंजीकृत हैं. इसलिए व्यापारियों से माल खरीदते हैं तो उन्हें बिलिंग नहीं होने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ नहीं मिलता. ऐसे में व्यापारी खरीदे माल को बेचने के वक्त टैक्स भुगतान कम करने के लिए अलग-अलग कंपनियों से बिक्री दर्शाते हैं. जिससे हर खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलता जाए.

वाणिज्य कर विभाग जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर रविंद्र जैन ने बताया कि जांच के बाद हमने गणपति ट्रेडिंग को 52 लाख रुपए की टैक्स चोरी के साथ पेनल्टी सहित करीब एक करोड़ 17 लाख रुपए का नोटिस भेजा है. वहीं, इसे समय पर जमा नहीं कराने की स्थिति में राशि और भी बढ़ती जाएगी. जरूरत पड़ने पर हम डिमांड क्रिएट का विकल्प अपनाकर पीरियड में भी कार्रवाई कर सकते हैं.

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