बांसवाड़ा. साल के अंत में होने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव के मध्य नजर राज्य सरकार द्वारा बांसवाड़ा नगर परिषद में 15 वार्ड बढ़ा दिए गए हैं. परिसीमन के तहत शहर के विभिन्न वार्ड के सीमांकन का खाका जारी कर दिया गया है. ऐसे में वार्ड एरियाज में होने वाले बदलाव को लेकर कई राजनेताओं की जमीन खिसक गई है.
नगर परिषद द्वारा हर वार्ड के लिए पुनः सीमांकन की सूचियां सार्वजनिक कर दी गई हैं. इसके अंतर्गत किस वार्ड में कौन-कौन सी कॉलोनिया और गली मोहल्ले होंगे, इसका विस्तार से ब्यौरा दिया गया है. इन सूचियों पर नजर डालें तो नगर परिषद द्वारा हर एक वार्ड की सीमा में आंशिक से लेकर बड़े पैमाने पर फेरबदल किया गया है.
यह रहा परिसीमन का आधार
राज्य सरकार द्वारा परिसीमन के लिए हर नगर निकाय में मतदाताओं की संख्या का क्राइटेरिया निर्धारित कर दिया गया था. बांसवाड़ा नगर परिषद में वार्ड 45 से बढ़ाकर 60 कर दिए गए. इसके आधार पर मतदाताओं की संख्या को देखते हुए प्रतिवाद 1152 मतदाता निर्धारित किए गए यानी 1152 से अधिक संख्या वाले वार्ड दूसरे वार्ड में मिला दिए गए.
कई नेताओं की राजनीति संकट में
ऐसे में वार्डों के पुनर्गठन से कई वार्डों के राजनीतिक समीकरण बदलने के आसार हैं. जानकारी के अनुसार जातिगत समीकरण में बदलाव से कई पार्षदों की राजनीति संकट में आ सकती है. फिलहाल, वार्ड सीमांकन के बाद आरक्षण की प्रक्रिया होनी है, लेकिन वर्षों से जमे जमाए वार्ड पार्षदों को अपना धरातल फिर से मजबूत करना होगा. क्योंकि जीत हार का आधार तय करने वाले कई गली, मोहल्ले या तो पड़ोसी वार्ड या नए वार्ड के हिस्से में होंगे. बताया जाता है कि कई वार्ड पार्षद पिछले 15 से 20 साल से नगर परिषद में अपनी राजनीति चमका रहे हैं. महिला आरक्षण होने पर पत्नी को खड़ा कर दिया जाता है और पुरुष सीट होने पर खुद खड़े हो जाते हैं. इस प्रकार सालों से एक ही परिवार का दबदबा चल रहा है. ऐसे लोगों को नए सीमांकन से झटका लगने के आसार हैं.
15 जुलाई तक आपत्तियां
दरअसल, पुनर्सीमांकन की सूचियां वार्ड वाइज सार्वजनिक करने के बाद आम लोगों से 15 जुलाई तक आपत्तियां मांगी गई हैं. उसके बाद वार्ड एरियाज करीब-करीब तय हो जाएंगे. कनिष्ठ अभियंता मुकेश मधु ने बताया कि उनके तरफ से सूचना सार्वजनिक कर दी है. 15 जुलाई तक कोई भी व्यक्ति अपनी आपत्ति दे सकता है. इसके बाद वार्ड सीमांकन फाइनल कर दिया जाएगा.