बांसवाड़ा. जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रभारी अर्जुन सिंह बामनिया ने मनरेगा के अंतर्गत लोगों को रोजगार नहीं मिलने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार अपने हिस्से की राशि समय पर नहीं दे रही है, इस कारण मनरेगा लड़खड़ा रही है. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान एक सवाल पर कहा विशेषकर आदिवासी इलाके में पलायन की स्थिति रोकने के लिए बातचीत कर मनरेगा में नए काम स्वीकृत किए जाएंगे.
बता दें, कि अपने विधानसभा क्षेत्र मैं शामिल छोटी सरवन और दानपुर क्षेत्र के बारे में बताया कि, मैंने विभाग संभालने के साथ ही क्षेत्र में 17 लिफ्ट परियोजनाओं का सर्वे करवाया था. जिसमें से 6 चल रही है जबकि शेष अन्य का कार्य प्रगति पर है. पेयजल के सवाल पर कहा कि इस दिशा में हमने काम शुरू कर दिया है और पंचायत राज चुनाव आचार संहिता के कारण हैंड पंप खनन का काम नहीं हो पाया था.
अब शीघ्र ही जहां-जहां भी जरूरत है, वहां हैंड पंप लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि, हमने साल 2013 में तत्कालीन गहलोत सरकार के दौरान बांसवाड़ा और बागीदौरा के लिए साढ़े 7 सौ करोड़ रुपए की पेयजल योजना मंजूर कराई थी. उसके बूते आज इन इलाकों में कहीं पर भी पेयजल संकट की स्थिति नहीं है.
दरअसल, आगामी पंचायत राज चुनाव के दौरान पंचायत समिति और जिला परिषद मैं पार्टी का परचम फहराने का दावा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि 80 परसेंट पंच और सरपंच कांग्रेस के चुनकर आए हैं. ऐसे में बांसवाड़ा विधानसभा हो या फिर जिला प्रमुख का मामला हम फिर से प्रधान और जिला प्रमुख बनाएंगे.