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Exclusive: MANREGA में समय पर अपना हिस्सा नहीं दे रहा केंद्र : बामनिया - जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग

बांसवाड़ा में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रभारी अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है.

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मनरेगा में समय पर अपना हिस्सा नहीं दे रहा केंद्र
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Published : Jan 28, 2020, 12:28 PM IST

बांसवाड़ा. जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रभारी अर्जुन सिंह बामनिया ने मनरेगा के अंतर्गत लोगों को रोजगार नहीं मिलने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार अपने हिस्से की राशि समय पर नहीं दे रही है, इस कारण मनरेगा लड़खड़ा रही है. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान एक सवाल पर कहा विशेषकर आदिवासी इलाके में पलायन की स्थिति रोकने के लिए बातचीत कर मनरेगा में नए काम स्वीकृत किए जाएंगे.

मनरेगा में समय पर अपना हिस्सा नहीं दे रहा केंद्र

बता दें, कि अपने विधानसभा क्षेत्र मैं शामिल छोटी सरवन और दानपुर क्षेत्र के बारे में बताया कि, मैंने विभाग संभालने के साथ ही क्षेत्र में 17 लिफ्ट परियोजनाओं का सर्वे करवाया था. जिसमें से 6 चल रही है जबकि शेष अन्य का कार्य प्रगति पर है. पेयजल के सवाल पर कहा कि इस दिशा में हमने काम शुरू कर दिया है और पंचायत राज चुनाव आचार संहिता के कारण हैंड पंप खनन का काम नहीं हो पाया था.

अब शीघ्र ही जहां-जहां भी जरूरत है, वहां हैंड पंप लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि, हमने साल 2013 में तत्कालीन गहलोत सरकार के दौरान बांसवाड़ा और बागीदौरा के लिए साढ़े 7 सौ करोड़ रुपए की पेयजल योजना मंजूर कराई थी. उसके बूते आज इन इलाकों में कहीं पर भी पेयजल संकट की स्थिति नहीं है.

पढ़ेंः बांसवाड़ा: नहीं थम रहा विकास अधिकारी हरिकेश मीणा और भाजपा नेता राजेंद्र प्रसाद पंचाल के बीच का विवाद, सौंपा ज्ञापन

दरअसल, आगामी पंचायत राज चुनाव के दौरान पंचायत समिति और जिला परिषद मैं पार्टी का परचम फहराने का दावा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि 80 परसेंट पंच और सरपंच कांग्रेस के चुनकर आए हैं. ऐसे में बांसवाड़ा विधानसभा हो या फिर जिला प्रमुख का मामला हम फिर से प्रधान और जिला प्रमुख बनाएंगे.

बांसवाड़ा. जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रभारी अर्जुन सिंह बामनिया ने मनरेगा के अंतर्गत लोगों को रोजगार नहीं मिलने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार अपने हिस्से की राशि समय पर नहीं दे रही है, इस कारण मनरेगा लड़खड़ा रही है. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान एक सवाल पर कहा विशेषकर आदिवासी इलाके में पलायन की स्थिति रोकने के लिए बातचीत कर मनरेगा में नए काम स्वीकृत किए जाएंगे.

मनरेगा में समय पर अपना हिस्सा नहीं दे रहा केंद्र

बता दें, कि अपने विधानसभा क्षेत्र मैं शामिल छोटी सरवन और दानपुर क्षेत्र के बारे में बताया कि, मैंने विभाग संभालने के साथ ही क्षेत्र में 17 लिफ्ट परियोजनाओं का सर्वे करवाया था. जिसमें से 6 चल रही है जबकि शेष अन्य का कार्य प्रगति पर है. पेयजल के सवाल पर कहा कि इस दिशा में हमने काम शुरू कर दिया है और पंचायत राज चुनाव आचार संहिता के कारण हैंड पंप खनन का काम नहीं हो पाया था.

अब शीघ्र ही जहां-जहां भी जरूरत है, वहां हैंड पंप लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि, हमने साल 2013 में तत्कालीन गहलोत सरकार के दौरान बांसवाड़ा और बागीदौरा के लिए साढ़े 7 सौ करोड़ रुपए की पेयजल योजना मंजूर कराई थी. उसके बूते आज इन इलाकों में कहीं पर भी पेयजल संकट की स्थिति नहीं है.

पढ़ेंः बांसवाड़ा: नहीं थम रहा विकास अधिकारी हरिकेश मीणा और भाजपा नेता राजेंद्र प्रसाद पंचाल के बीच का विवाद, सौंपा ज्ञापन

दरअसल, आगामी पंचायत राज चुनाव के दौरान पंचायत समिति और जिला परिषद मैं पार्टी का परचम फहराने का दावा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि 80 परसेंट पंच और सरपंच कांग्रेस के चुनकर आए हैं. ऐसे में बांसवाड़ा विधानसभा हो या फिर जिला प्रमुख का मामला हम फिर से प्रधान और जिला प्रमुख बनाएंगे.

Intro:बांसवाड़ा। जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रभारी अर्जुन सिंह बामनिया ने मनरेगा के अंतर्गत लोगों को रोजगार नहीं मिलने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार अपने हिस्से की राशि समय पर नहीं दे रही है इस कारण मनरेगा लड़खड़ा रही है। ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान एक सवाल पर कहा विशेषकर आदिवासी इलाके में पलायन की स्थिति रोकने के लिए बातचीत कर मनरेगा में नए काम स्वीकृत किए जाएंगे।


Body:अपने विधानसभा क्षेत्र मैं शामिल छोटी सरवन और दानपुर क्षेत्र के बारे में बताया कि मैंने विभाग संभालने के साथ ही क्षेत्र में 17 लिफ्ट परियोजनाओं का सर्वे करवाया था जिसमें से 6 चल रही है जबकि शेष अन्य का कार्य प्रगति पर है। पेयजल के सवाल पर कहा कि इस दिशा में हमने काम शुरू कर दिया है और पंचायत राज चुनाव आचार संहिता के कारण हेडपंप खनन का काम नहीं हो पाया था। अब शीघ्र ही जहां-जहां भी जरूरत है वहां हैंडपंप लगाए जाएंगे। हमने वर्ष 2013 में तत्कालीन गहलोत सरकार के दौरान बांसवाड़ा और बागीदौरा के लिए साढे 7 सौ करोड़ रुपए की पेयजल योजना मंजूर कराई थी। उसके बूते आज इन इलाकों में कहीं पर भी पेयजल संकट की स्थिति नहीं है। इसके बावजूद भी जहां कहीं भी पेयजल संकट की स्थिति होगी वहां पर हैंड पंप स्वीकृत किए जाएंगे।


Conclusion:आगामी पंचायत राज चुनाव के दौरान पंचायत समिति और जिला परिषद मैं पार्टी का परचम फहराने का दावा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि 80 परसेंट पंच और सरपंच कांग्रेस के चुनकर आए हैं। ऐसे में बांसवाड़ा विधानसभा हो या फिर जिला प्रमुख का मामला हम फिर से प्रधान और जिला प्रमुख बनाएंगे। आर्थिक तंगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता के हित में जो भी काम होगा हम जनजाति विभाग के साथ-साथ पंचायत राज विभाग की मदद से जरूर पूरा करवाएंगे। नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू नहीं करने को पार्टी नेता कपिल सिब्बल और शशि थरूर द्वारा असंवैधानिक बताए जाने के सवाल से किनारा करते हुए उन्होंने कहा कि उसके लिए हाईकमान है। मैं इस सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।

121...... अर्जुन सिंह बामनिया मंत्री जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग राजस्थान सरकार
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