बांसवाड़ा. शहर में लगातार बढ़ रही आपराधिक वारदातों के खिलाफ विभिन्न व्यापारिक संगठनों की ओर से मंगलवार को 2 घंटे के लिए संकेतिक बंद का आह्वान असफल रहा. इसके पीछे भी पुलिस को जिम्मेदार ठहराया गया. बंद के आह्वान के लिए व्यापारिक संगठनों की ओर से अन्य व्यापारियों को सूचित करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे माइक को पुलिस ने जब्त कर लिया. नतीजा यह निकला कि व्यापारियों तक संदेश ही नहीं पहुंचा और अन्य व्यापारियों ने अपनी दुकानें खोल दिए.
दरअसल, बांसवाड़ा चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के बैनर तले व्यापारियों की सोमवार को हुई बैठक में 2 घंटे के लिए बंद का निर्णय किया गया था. लेकिन आज बाजार खुले देखकर व्यापारिक संगठन भी चौंक गए. शहर के सारे मार्केट खुले हुए थे तो वहीं कुछ दुकानें ही बंद नजर आईं. क्योंकि भाजपा की ओर से भी बंद को समर्थन दिया गया था. ऐसे में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता गांधी मूर्ति चौराहे पर पहुंच गए. जहां कई व्यापारी भी मौजूद थे. यहां भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर त्रिवेदी, पूर्व मंत्री भवानी जोशी और मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष हकरू मईडा आदि भी थे. भाजपा कार्यकर्ता और व्यापारियों ने मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
पढ़ेंः बांसवाड़ा : महिला वॉलीबॉल महाकुंभ 20 अक्टूबर से होगा शुरू
नारेबाजी के बाद मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया. यहां से व्यापारी और भाजपा कार्यकर्ता रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया. बांसवाड़ा चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सुनील दोषी ने बताया कि व्यापारिक संगठनों की ओर से कल बैठक के दौरान यह निर्णय किया गया था. इस निर्णय के प्रचार-प्रसार के लिए शहर में एलान के लिए माइक की इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया. इस कारण बंद का संदेश व्यापारी तक नहीं पहुंच पाया और मार्केट खुले रह गए.