बांसवाड़ा. प्रस्तावित पंचायतों पुनर्गठन को लेकर पिछले दो माह से ग्रामीण जनता कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज करवा रही है. ग्रामीणों की मुख्य समस्या यह है कि उनके गांव को दूरदराज पड़ने वाली ग्राम पंचायत में शामिल किया जा रहा है. जिससे उन्हें भविष्य में काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. नई ग्राम पंचायतों के गठन के नाम पर प्रस्तावित पुनर्गठन से न केवल उन्हें कई किलोमीटर दूर जाना होगा बल्कि उनके गांव का विकास भी प्रभावित होगा.
यह भी पढ़ें- कांग्रेस राज में बिगड़ी कानून व्यवस्थाः सांसद मनोज राजोरिया
भाजपा द्वारा समय-समय पर प्रशासन को जनता की समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है. लेकिन, कोई नतीजा नहीं निकलता देख शुक्रवार को घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, पूर्व सांसद मान शंकर निनामा पार्टी नेताओं के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे. जनप्रतिनिधियों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश वर्मा से मुलाकात कर ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन से भविष्य में जनता को होने वाली मुसीबतों से अवगत कराया. प्रदर्शनकारियों कहना था कि पुनर्गठन के नाम पर चुनावी फायदे के लिए कांग्रेसी करण किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें- धौलपुर में अवैध खनन पर कार्रवाई, पोकलैंड मशीन के साथ चालक चढ़ा पुलिस के हत्थे
एडीएम वर्मा ने आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का जिला कलेक्टर द्वारा निस्तारण किया जाएगा. एमएलए की मांग के अनुसार पंचायतों के पुनर्गठन में राजनीति की जा रही है. जिससे जनता की समस्या और बढ़ सकती है. एडीएम के अनुसार समस्या को सुना गया है और 29 अगस्त के बाद उपखंड स्तर पर कैंप लगाकर जिला कलेक्टर द्वारा ग्रामीणों की आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा.