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डूंगरपुर हिंसा, गहलोत सरकार की विफलताः बीजेपी

भारतीय जनता पार्टी ने डूंगरपुर में हिंसक आंदोलन के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया है. जिसपर बीजेपी जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह राव ने अपने एक बयान में कहा है कि यह मामला लंबे समय से उठ रहा था. जिसके बाद सरकार की बेरुखी का नतीजा हिंसक आंदोलन के रूप में सामने आया.

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डूंगरपुर हिंसक आंदोलन में बीजेपी के तीखे वार
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Published : Sep 29, 2020, 7:28 PM IST

बांसवाड़ा. डूंगरपुर में हिंसक आंदोलन के लिए भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि उनकी अनदेखी के कारण क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है, जिसके बाद करोड़ों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है. जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह राव ने अपने एक बयान में कहा है कि यह मामला लंबे समय से उठ रहा था जिसके बाद सरकार की बेरुखी का नतीजा हिंसक आंदोलन के रूप में सामने आया है.

डूंगरपुर हिंसक आंदोलन में बीजेपी के तीखे वार

इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र में शिक्षक भर्ती 2018 की अनारक्षित 1167 सीटों को जनजाति वर्ग से भरने की मांग को लेकर वागड़ अंचल में जिस प्रकार का तांडव सामने आया है. इसके लिए पूरी तरह से राज्य की अशोक गहलोत सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी पिछले 18 दिनों से काकड़ा डूंगरी पर डेरा जमाए हुए थे लेकिन उनकी मंशा को सरकारी तंत्र भाप नहीं पाया.

साथ ही उन्होंने कहा कि समय रहते अगर आंदोलनकारियों से बातचीत की जाती तो इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता था. पार्टी जिलाध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार नींद में सोई रही और क्षेत्र के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया. जनता की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया गया, जिसके कारण असामाजिक तत्वों की हिम्मत बढ़ गई.

पढ़ें: टोंक: बीसलपुर बांध से पानी की मांग को लेकर प्रदर्शन, आंदोलन की चेतावनी

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने सचिन पायलट की बगावत के दौरान अपनी सरकार को बचाने के लिए तत्परता दिखाई थी. ठीक उसी प्रकार से आंदोलनकारियों से बातचीत की जाती तो संभवतः इस घटना को रोका जा सकता था. उन्होंने आगे से इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए समाज के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

बांसवाड़ा. डूंगरपुर में हिंसक आंदोलन के लिए भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि उनकी अनदेखी के कारण क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है, जिसके बाद करोड़ों रुपयों का नुकसान उठाना पड़ा है. जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह राव ने अपने एक बयान में कहा है कि यह मामला लंबे समय से उठ रहा था जिसके बाद सरकार की बेरुखी का नतीजा हिंसक आंदोलन के रूप में सामने आया है.

डूंगरपुर हिंसक आंदोलन में बीजेपी के तीखे वार

इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जनजाति उपयोजना क्षेत्र में शिक्षक भर्ती 2018 की अनारक्षित 1167 सीटों को जनजाति वर्ग से भरने की मांग को लेकर वागड़ अंचल में जिस प्रकार का तांडव सामने आया है. इसके लिए पूरी तरह से राज्य की अशोक गहलोत सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी पिछले 18 दिनों से काकड़ा डूंगरी पर डेरा जमाए हुए थे लेकिन उनकी मंशा को सरकारी तंत्र भाप नहीं पाया.

साथ ही उन्होंने कहा कि समय रहते अगर आंदोलनकारियों से बातचीत की जाती तो इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सकता था. पार्टी जिलाध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार नींद में सोई रही और क्षेत्र के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया. जनता की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया गया, जिसके कारण असामाजिक तत्वों की हिम्मत बढ़ गई.

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उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने सचिन पायलट की बगावत के दौरान अपनी सरकार को बचाने के लिए तत्परता दिखाई थी. ठीक उसी प्रकार से आंदोलनकारियों से बातचीत की जाती तो संभवतः इस घटना को रोका जा सकता था. उन्होंने आगे से इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम के लिए समाज के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

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