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बांसवाड़ा की घाटोल पंचायत समिति में 20 लाख के टेंडर में हुई हेराफेरी

घाटोल पंचायत समिति टेण्डर प्रक्रिया को लेकर फिर विवादों में आ गई है. गुपचुप तरीके से 20 लाख के टेण्डर के हेर-फेर का खेल सामने आया है. वहीं, इसको लेकर पंचायत समिति के अधिकारियों ने कोई भी जानकारी नहीं दी है.

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Published : Aug 24, 2019, 12:03 PM IST

घाटोल (बांसवाड़ा). पंचायत समिति टेण्डर प्रक्रिया को लेकर फिर विवादों में आ गई है. शुक्रवार को 20 लाख की गुपचुप तरीके से नियमों को ताक में रख निविदा कर टेण्डर कराने का खेल सामने आया है. इस निविदा की दिलचस्प बात यह है की यह 22 अगस्त को जारी होकर 23 अगस्त अवकाश के दिन अख़बार में प्रकाशित हुई. निविदा प्राप्त करने की दिनांक और समय भी अवकाश के दिन यानी 23 अगस्त शाम 5 बजे और 5.30 बजे का दिया गया.

घाटोल पंचायत समिति में 20 लाख की निविदा का बड़ा खेल

इस निविदा के लिए कोई धरोहर राशि व शुल्क भी तय नहीं किया गया. ऐसे में इस 10 लाख की निविदा ने घाटोल पंचायत समिति के लिए कई सवाल खडे़ कर दिये. अखबार में निविदा प्रकाशित होने के बाद निविदा प्राप्त करने और क्षेत्र से कुछ टेंडर में हिस्सा लेने ठेकेदार पंचायत समिति पहुँचे. लेकिन शाम 6 बजे तक पंचायत समिति में दो टेंडर की कॉपी जमा हुई थी. जिसके बाद पंचायत समिति के कार्मिक बिना टेंडर खोले व निरस्त किये पंचायत समिति पर कुण्डी लगाकर चले गए. जिसके बाद देर शाम तक कुछ ठेकेदार समय सीमा समाप्त होने के बाद भी निविदा जमा करवाने व टेण्डर खुलवाने के लिए घाटोल पंचायत समिति के चक्कर काटते रहे.

पढ़ें - नागौर: कोर्ट आई विवाहिता को शोहर ने दिया तीन तलाक

टेण्डर को लेकर पंचायत समिति के अधिकारियो से सम्पर्क नहीं हो पाया है. लेकिन ईटीवी भारत ने इस संबंध में कुछ ठेकेदार से सम्पर्क किया तो टेण्डर में 3 निविदा जमा होना बताया गया. साथ ही कुछ ने अकाउंटेंट के हाथ में निविदा की कॉपी देना बताया. इस टेण्डर प्रक्रिया में ठेकेदार पुल बनाने के फिराक में थे. लेकिन कुछ ठेकेदारों की सहमति नहीं बन पाने से पंचायत समिति ने तय समय सीमा पर टेण्डर खोले और निरस्त किये चले गए.ऐसे में यह पूरी टेण्डर प्रक्रिया संदेह के घेरे में है.

घाटोल (बांसवाड़ा). पंचायत समिति टेण्डर प्रक्रिया को लेकर फिर विवादों में आ गई है. शुक्रवार को 20 लाख की गुपचुप तरीके से नियमों को ताक में रख निविदा कर टेण्डर कराने का खेल सामने आया है. इस निविदा की दिलचस्प बात यह है की यह 22 अगस्त को जारी होकर 23 अगस्त अवकाश के दिन अख़बार में प्रकाशित हुई. निविदा प्राप्त करने की दिनांक और समय भी अवकाश के दिन यानी 23 अगस्त शाम 5 बजे और 5.30 बजे का दिया गया.

घाटोल पंचायत समिति में 20 लाख की निविदा का बड़ा खेल

इस निविदा के लिए कोई धरोहर राशि व शुल्क भी तय नहीं किया गया. ऐसे में इस 10 लाख की निविदा ने घाटोल पंचायत समिति के लिए कई सवाल खडे़ कर दिये. अखबार में निविदा प्रकाशित होने के बाद निविदा प्राप्त करने और क्षेत्र से कुछ टेंडर में हिस्सा लेने ठेकेदार पंचायत समिति पहुँचे. लेकिन शाम 6 बजे तक पंचायत समिति में दो टेंडर की कॉपी जमा हुई थी. जिसके बाद पंचायत समिति के कार्मिक बिना टेंडर खोले व निरस्त किये पंचायत समिति पर कुण्डी लगाकर चले गए. जिसके बाद देर शाम तक कुछ ठेकेदार समय सीमा समाप्त होने के बाद भी निविदा जमा करवाने व टेण्डर खुलवाने के लिए घाटोल पंचायत समिति के चक्कर काटते रहे.

पढ़ें - नागौर: कोर्ट आई विवाहिता को शोहर ने दिया तीन तलाक

टेण्डर को लेकर पंचायत समिति के अधिकारियो से सम्पर्क नहीं हो पाया है. लेकिन ईटीवी भारत ने इस संबंध में कुछ ठेकेदार से सम्पर्क किया तो टेण्डर में 3 निविदा जमा होना बताया गया. साथ ही कुछ ने अकाउंटेंट के हाथ में निविदा की कॉपी देना बताया. इस टेण्डर प्रक्रिया में ठेकेदार पुल बनाने के फिराक में थे. लेकिन कुछ ठेकेदारों की सहमति नहीं बन पाने से पंचायत समिति ने तय समय सीमा पर टेण्डर खोले और निरस्त किये चले गए.ऐसे में यह पूरी टेण्डर प्रक्रिया संदेह के घेरे में है.

Intro:घाटोल (बांसवाड़ा ) - घाटोल पंचायत समिति टेण्डर प्रक्रिया को लेकर फिर विवादों में, शुक्रवार को 20 लाख की गुपचुप तरीके से नियमों को ताक में रख निविदा कर टेण्डर कराने का खेल सामने आया| Body:दरअसल घाटोल पंचायत समिति ने दिनांक 23 अगस्त को समाचार पत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 में पंचायत समिति हेतु मनरेगा एवं पंचायती राज विभाग की योंजनाओ के लिए मोहरबंद निविदाए आमंत्रित की गई| इस निविदा की ख़ास दिलचस्प बात यह है की यह निविदा 22 अगस्त को जारी होकर 23 अगस्त को निविदा अवकाश के दिन अख़बार में प्रकाशित हुई और निविदा प्राप्त करने की दिनांक व समय भी अवकाश के दिन 23 अगस्त शाम 5 बजे व 5.30 दिया गया और इस निविदा के लिए कोई धरोहर राशि व शुल्क भी तय नहीं किया गया| ऐसे में इस 10 लाख की निविदा ने घाटोल पंचायत समिति के लिए कई सवाल खडे कर दिये|{
अखबार में निविदा प्रकाशित होने के बाद निविदा प्राप्त करने की दिनांक व समय पर घाटोल व आसपास क्षेत्र से कुछ ठेकेदार टेंडर में हिस्सा लेने पंचायत समिति पहुँचे, लेकिन शाम 6 बजे तक पंचायत समिति में दो टेंडर की कॉपी जमा हुई थी जिसके बाद पंचायत समिति के कार्मिक बिना टेंडर खोले व निरस्त किये पंचायत समिति पर कुण्डी लगाकर चले गए | जिसके बाद देर शाम तक कुछ ठेकेदार समय सीमा समाप्त होने के बाद भी निविदा जमा करवाने व टेण्डर खुलवाने के लिए घाटोल पंचायत समिति के चक्कर काटते रहे |Conclusion:टेण्डर को लेकर पंचायत समिति के अधिकारियो से सम्पर्क नहीं हों पाया लेकिन etv भारत के रिपोर्टर ने इस संबंध में कुछ ठेकेदार से सम्पर्क किया तो टेण्डर में 3 निविदा जमा होना बताया गया और कुछ ने अकाउंटेंट के हाथ में निविदा की कॉपी देना बताया| इस टेण्डर प्रक्रिया में ठेकेदार पुल बनाने के फिराक में थे लेकिन कुछ ठेकेदारों की सहमति नहीं बन पाने से पंचायत समिति ने तय समय सीमा पर टेण्डर खोले और निरस्त किये चले गए| ऐसे में यह पूरी टेण्डर प्रक्रिया संदेह के घेरे में है जो की जाँच का विषय है |
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