बांसवाड़ा. संविधान बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर देशव्यापी बंद के तहत मंगलवार को बांसवाड़ा में बंद तो नहीं हुआ लेकिन विभिन्न संगठनों ने एकता दिखाते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया. हालांकि समिति द्वारा 11:00 बजे जुलूस निकालकर बंद का आह्वान किया गया था लेकिन दोपहर 1:00 बजे तक लोग नहीं जुट पाए.
इसे देखते हुए कार्यक्रम में तब्दीली करते हुए संरक्षक कचरू लाल के नेतृत्व मे अनुसूचित जाति जनजाति अल्पसंख्यक संगठनों के कार्यकर्ता कुशल बाग से जुलूस के रूप में अंबेडकर चौराहा पहुंचे. यहां डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ सभा को विभिन्न संगठनों के नेताओं द्वारा संबोधित करते हुए आर्थिक आधार पर आरक्षण की खिलाफत करते हुए कहा कि आरक्षण का मूल जातिगत भेद भाव है.
आर्थिक आधार पर आरक्षण मनु वादियों की चाल है जिसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस बीच सभा स्थल पर बड़ी संख्या में भारतीय ट्राइबल पार्टी बीटीपी के कार्यकर्ता भी पहुंच गए. नाचते गाते हुए यह लोग जैसे ही सभा में शामिल हुए मौजूद लोगों में नया जोश आ गया और जय जोहार आदि के जरिए जल जंगल और जमीन पर अपना एकाधिकार का दावा करते हुए भाजपा और कांग्रेस को खूब कोसा गया. भील मुक्ति मोर्चा और बीटीपी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार मणिलाल गरासिया, कमल कांत कटारा आदि ने भाजपा और कांग्रेस को एक ही थाली का चट्टा बट्टा करार दिया.
पूर्व प्रोफेसर मणिलाल ने सभा के दौरान आदिवासी लोगों के अधिकारों की हिमायत करते हुए जय हिंद के स्थान पर जय भारत बोलने की तरफदारी की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आदि पर निशाना साधते हुए कहा कि आरक्षण से छेड़छाड़ कांग्रेस और भाजपा की चाल है. यहां से सभा के बाद समिति समर्थक जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां गेट के बाहर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया गया.
मणिलाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर 13 पॉइंट रोस्टर प्रणाली को खत्म करने, ईवीएम से चुनाव कराने पर रोक लगाने तथा एससी एसटी और ओबीसी समाज को आबादी के अनुभव आरक्षण दिए जाने सहित 8 सूत्री मांगों की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया. ज्ञापन देने के बाद मणिलाल गरासिया ने आरक्षण को लेकर दोनों ही पार्टियों को सबक सिखाने का ऐलान किया.