बांसवाड़ा. जिला कांग्रेस के बाद गढ़ी ब्लॉक कांग्रेस में चल रही खींचतान आखिरकार जिला प्रभारी मंत्री राजेंद्र यादव के सामने सड़क पर आ गई. पंचायत राज संस्थाओं के पुनर्गठन को लेकर पार्टी कार्यालय में बैठक के बाद जैसे ही मंत्री निकले उनके सामने ही पूर्व विधायक कांता भील विरोधी खेमे के लोग पहुंच गए. मामला बढ़ता देख कर मंत्री समझाइश कर वहां से निकल गए.
कांग्रेस कार्यालय के बाहर अचानक हुए इस घटनाक्रम से कांग्रेस नेता और जनप्रतिनिधि चकित रह गए. प्रभारी मंत्री बैठक के बाद जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया के साथ कार्यालय से बाहर निकल रहे थे की बाहर खड़े अनुसूचित जनजाति विभाग के जिला अध्यक्ष जनार्दन पटेल के सामने पूर्व विधायक कांता भील विरोधियों को चेताते हुए निकले. यह सुनकर पटेल अपने समर्थकों के साथ बढ़ गए और हंगामा खड़ा कर दिया.
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एसटी सेल के जिलाध्यक्ष जनार्दन पटेल का कहना था कि पूर्व विधायक कांता भील अनावश्यक रूप से पंचायत राज संस्थाओं के पुनर्गठन में हस्तक्षेप कर रही है जिससे जनता दुखी है. पटेल ने कहा कि कांता भील दो बार विधानसभा में हार चुकी है यहां तक कि पंचायत समिति सदस्य का चुनाव भी जीत नहीं पाई और पंचायत राज संस्थाओं के पुनर्गठन में अनावश्यक रूप से दखल दे रही है. मामले में गढ़ी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप नारायण पाटीदार ने कहा कि हंगामा करने वाले वही लोग हैं जो विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में इन लोगों ने भाजपा के लिए काम किया.
प्रभारी मंत्री राजेंद्र यादव ने इस संबंध में कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है, ऐसी छोटी मोटी बातें सामने आती रहती है. उन्होंने कहा कि फिर भी हम इस मामले को दिखाएंगे और संबंधित लोगों की मांगों पर साकारात्मक कदम उठाएंगे. वहीं प्रभारी मंत्री ने पटेल और उनके समर्थकों की बात सुनते हुए मामले को देखने का आश्वासन दिया. इस दौरान पूर्व विधायक कांता भील भी वहां मौजूद थी. इस संबंध में कांता भील ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि मैं ऐसे लोगों को जवाब देना उचित नहीं समझती.