बांसवाड़ा. जिले में कोरोना वायरस को लेकर स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है और कुशलगढ़ में भी हालात नियंत्रण में बने हुए है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के अन्य हिस्सों में जिस प्रकार से संक्रमण बढ़ा है, उसे देखते हुए प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है.
कलेक्ट्रेट के पहले से ही दो द्वार बंद थे और अब बाहरी और संदिग्ध लोगों की आवाजाही को देखते हुए प्रशासन ने अब तीसरे और अंतिम प्रवेश द्वार को भी पहरे में ला दिया है. साथ ही ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग के लिए नर्सिंग कर्मचारी लगाए गए हैं. कुल मिलाकर प्रशासन किसी भी प्रकार की जोखिम लेने के मूड में नहीं है. आज से ही यह नई व्यवस्था लागू कर दी गई.
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इसके अंतर्गत शिफ्ट में आपदा राहत के गार्डों को यह जिम्मा सौंपा गया है. ये गार्ड कलेक्ट्रेट में प्रवेश करने वाले हर वाहनधारी से पूछताछ कर रहे हैं और अति आवश्यक तथा पास धारियों को ही प्रवेश की अनुमति दे रहे हैं. जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग बाहर से ही रवाना होते दिखे. पूछताछ को देखकर लोग कलेक्ट्रेट में प्रवेश करने से कतराते रहे. नतीजतन कलेक्ट्रेट परिसर यहां सुबह से लेकर शाम तक बड़ी संख्या में लोग अपने अपने कामकाज को लेकर पहुंचते थे, उनमें कमी आ गई. बता दें कि, 25 मार्च को लॉकडाउन के साथ ही मुख्य प्रवेश द्वार और गेट संख्या 2 को बंद कर दिया गया था. पिछले डेढ़ महीने से दोनों ही गेट पर ताला लगा हुआ है.