ETV Bharat / state

बांसवाड़ा कलेक्टर बोले- खुशी की बात यह है कि लोग कोरोना के घातक परिणामों को समझ रहे हैं

बांसवाड़ा में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अपनाई गई नीति फिलहाल कामयाब होती दिख रही है. खासकर कुशलगढ़ कस्बे में रोगियों की संख्या स्थिर हो चुकी है और स्वस्थ होने वाले रोगियों का ग्राफ निरंतर बढ़ रहा है.

author img

By

Published : Apr 28, 2020, 5:13 PM IST

Updated : Apr 29, 2020, 9:55 AM IST

banswara news  बांसवाड़ा में आ रहे मजदूर  kailash bairwa talks to etv bharat  banswara collector kailash bairwa  banswara collector news
बांसवाड़ा कलेक्टर की ईटीवी भारत से खास बातचीत

बांसवाड़ा. जिले में सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों को अपने घर पहुंचाने की रणनीति को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. कोरोना से निपटने और प्रवासी मजदूरों को लाए जाने की रणनीति पर ईटीवी भारत ने जिला कलेक्टर कैलाश बैरवा से विशेष बातचीत की. कुशलगढ़ में हालात धीरे-धीरे नियंत्रण में आने के सवाल पर जिला कलेक्टर ने कहा कि लोगों के साथ लगातार संदेश की गई और उन्हें बताया गया कि कोरोना वायरस के क्या दुष्परिणाम निकल सकते हैं.

बांसवाड़ा कलेक्टर की ईटीवी भारत से खास बातचीत

साथ ही हमने कुशलगढ़ में संक्रमित समुदाय विशेष के लोगों की स्क्रीनिंग और सेंपलिंग पर खासा फोकस रखा. पहली बार पॉजिटिव पाए गए रोगियों के कांटेक्ट में आने वाले सारे लोगों को चिन्हित किया गया और एक-एक कर पूरे वार्ड के लोगों की स्क्रीनिंग और संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने पर जो रखा गया, उसी का नतीजा है कि रोगियों की संख्या एक संख्या तक अटक गई है और रोगियों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आ रहा है. अब भी रेंडम सैंपल लेने का क्रम बना हुआ है.

यह भी पढ़ेंः बांसवाड़ा में कोरोना संक्रमण की दर 3.85 प्रतिशत, 50 फीसदी रोगी स्वस्थ होकर घर लौटे

प्रवासी श्रमिकों के सवाल पर जिला कलेक्टर बेरवा ने माना कि यह एक बड़ी समस्या है, लेकिन हम सरकार की पॉलिसी के अनुसार अपना काम कर रहे हैं. इन व्यवस्थाओं के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉक्टर भंवरलाल को बांसवाड़ा भेजा गया है और हम दोनों ही मिलकर 24 घंटे इस दिशा में काम कर रहे हैं. इसके लिए जहां-जहां भी हमारे श्रमिक फंसे हुए हैं. संबंधित जिला कलेक्टरों से कांटेक्ट कर समन्वय स्थापित किया जा रहा है, ताकि हमारे श्रमिकों को सुरक्षित कर लाया जा सके.

कलेक्टर ने कहा कि कल तक मोना डूंगर बॉर्डर से 437 श्रमिकों को लाया जा चुका है. जो भी श्रमिक आ रहे हैं, उनकी पहले स्क्रीनिंग की जा रही है. उसके बाद ही उन्हें बांसवाड़ा डिपो से लगाई गई गाड़ियों के जरिए अपने घर भेजा जा रहा है. प्रवासी श्रमिकों के आगमन के बाद स्थिति विस्फोटक होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा हरगिज़ नहीं होगा. हम बॉर्डर से उन्हीं लोगों को ला रहे हैं, जिनके पास पहले से क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा करने का दस्तावेज हैं. साथ ही उनकी फिर से स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की गई है. बॉर्डर पर जांच के दौरान कोई भी संदिग्ध रोगी पाए जाने की स्थिति में सैंपल लेने की भी व्यवस्था की गई है.

बांसवाड़ा. जिले में सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिकों को अपने घर पहुंचाने की रणनीति को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. कोरोना से निपटने और प्रवासी मजदूरों को लाए जाने की रणनीति पर ईटीवी भारत ने जिला कलेक्टर कैलाश बैरवा से विशेष बातचीत की. कुशलगढ़ में हालात धीरे-धीरे नियंत्रण में आने के सवाल पर जिला कलेक्टर ने कहा कि लोगों के साथ लगातार संदेश की गई और उन्हें बताया गया कि कोरोना वायरस के क्या दुष्परिणाम निकल सकते हैं.

बांसवाड़ा कलेक्टर की ईटीवी भारत से खास बातचीत

साथ ही हमने कुशलगढ़ में संक्रमित समुदाय विशेष के लोगों की स्क्रीनिंग और सेंपलिंग पर खासा फोकस रखा. पहली बार पॉजिटिव पाए गए रोगियों के कांटेक्ट में आने वाले सारे लोगों को चिन्हित किया गया और एक-एक कर पूरे वार्ड के लोगों की स्क्रीनिंग और संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने पर जो रखा गया, उसी का नतीजा है कि रोगियों की संख्या एक संख्या तक अटक गई है और रोगियों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आ रहा है. अब भी रेंडम सैंपल लेने का क्रम बना हुआ है.

यह भी पढ़ेंः बांसवाड़ा में कोरोना संक्रमण की दर 3.85 प्रतिशत, 50 फीसदी रोगी स्वस्थ होकर घर लौटे

प्रवासी श्रमिकों के सवाल पर जिला कलेक्टर बेरवा ने माना कि यह एक बड़ी समस्या है, लेकिन हम सरकार की पॉलिसी के अनुसार अपना काम कर रहे हैं. इन व्यवस्थाओं के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉक्टर भंवरलाल को बांसवाड़ा भेजा गया है और हम दोनों ही मिलकर 24 घंटे इस दिशा में काम कर रहे हैं. इसके लिए जहां-जहां भी हमारे श्रमिक फंसे हुए हैं. संबंधित जिला कलेक्टरों से कांटेक्ट कर समन्वय स्थापित किया जा रहा है, ताकि हमारे श्रमिकों को सुरक्षित कर लाया जा सके.

कलेक्टर ने कहा कि कल तक मोना डूंगर बॉर्डर से 437 श्रमिकों को लाया जा चुका है. जो भी श्रमिक आ रहे हैं, उनकी पहले स्क्रीनिंग की जा रही है. उसके बाद ही उन्हें बांसवाड़ा डिपो से लगाई गई गाड़ियों के जरिए अपने घर भेजा जा रहा है. प्रवासी श्रमिकों के आगमन के बाद स्थिति विस्फोटक होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा हरगिज़ नहीं होगा. हम बॉर्डर से उन्हीं लोगों को ला रहे हैं, जिनके पास पहले से क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा करने का दस्तावेज हैं. साथ ही उनकी फिर से स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी की गई है. बॉर्डर पर जांच के दौरान कोई भी संदिग्ध रोगी पाए जाने की स्थिति में सैंपल लेने की भी व्यवस्था की गई है.

Last Updated : Apr 29, 2020, 9:55 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.