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मानदेय बढ़ोतरी नहीं होने पर सरकार के खिलाफ रोष, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने निकाली रैली - बांसवाड़ा

लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से कर्मचारी आंदोलन शुरू हो गए हैं. केंद्र सरकार की ओर से घोषित मानदेय को लागू किए जाने की मांग को लेकर सोमवार को बांसवाड़ा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया.

बांसवाड़ा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रैली निकाल दिया ज्ञापन
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Published : Jun 17, 2019, 5:08 PM IST

बांसवाड़ा. शहर सहित जिलेभर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और आशा सहयोगिनियां सोमवार को जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुई. भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले भारतीय मजदूर संघ कार्यालय से रैली के रूप में कार्यकर्ता रवाना हुई और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची. कार्यकर्ताओं की मांग थी की उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए. इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹18000, सहायिका को 9000 तथा आशा सहयोगिनियों को ₹9000 प्रतिमाह न्यूनतम मानदेय का भुगतान सुनिश्चित किया जाए.

बांसवाड़ा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रैली निकाल दिया ज्ञापन

इसके अलावा ग्राम साथियों को न्यूनतम ₹12000 का मानदेय भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए. कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए सामाजिक सुरक्षा के तहत पीएफ, पेंशन, ग्रेच्युटी एवं चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की मांग की.

बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने संरक्षक सबल सिंह सजवान, जिला प्रभारी अरुण सिंह चारण, प्रदेश उपाध्यक्ष हीरा देवी मकवाना, जिला महामंत्री ज्योति व्यास और जिलाध्यक्ष प्रवीणा कलाल के नेतृत्व में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. रैली में करीब 1000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल थीं.

संघ के संरक्षक सबल सिंह सजवान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि साल 1975 से कई महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों में सेवाएं दे रही है, लेकिन उनका मानदेय न्यूनतम वेतन से भी बहुत कम है. उनका कहना रहा कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार उनका मानदेय बढ़ाया जाए. जिलाध्यक्ष प्रवीणा कलाल के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा मानदेय में बढ़ोतरी के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार उन्हें दबाए हुए हैं. इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में सरकार के खिलाफ रोष है.

बांसवाड़ा. शहर सहित जिलेभर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और आशा सहयोगिनियां सोमवार को जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुई. भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले भारतीय मजदूर संघ कार्यालय से रैली के रूप में कार्यकर्ता रवाना हुई और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची. कार्यकर्ताओं की मांग थी की उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए. इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹18000, सहायिका को 9000 तथा आशा सहयोगिनियों को ₹9000 प्रतिमाह न्यूनतम मानदेय का भुगतान सुनिश्चित किया जाए.

बांसवाड़ा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने रैली निकाल दिया ज्ञापन

इसके अलावा ग्राम साथियों को न्यूनतम ₹12000 का मानदेय भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए. कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए सामाजिक सुरक्षा के तहत पीएफ, पेंशन, ग्रेच्युटी एवं चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की मांग की.

बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने संरक्षक सबल सिंह सजवान, जिला प्रभारी अरुण सिंह चारण, प्रदेश उपाध्यक्ष हीरा देवी मकवाना, जिला महामंत्री ज्योति व्यास और जिलाध्यक्ष प्रवीणा कलाल के नेतृत्व में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. रैली में करीब 1000 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल थीं.

संघ के संरक्षक सबल सिंह सजवान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि साल 1975 से कई महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों में सेवाएं दे रही है, लेकिन उनका मानदेय न्यूनतम वेतन से भी बहुत कम है. उनका कहना रहा कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार उनका मानदेय बढ़ाया जाए. जिलाध्यक्ष प्रवीणा कलाल के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा मानदेय में बढ़ोतरी के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार उन्हें दबाए हुए हैं. इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में सरकार के खिलाफ रोष है.

Intro:बांसवाड़ाl लोकसभा चुनाव के बाद फिर से कर्मचारी आंदोलन शुरू हो गए हैंl केंद्र सरकार द्वारा घोषित मानदेय की मांग को लेकर सोमवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कियाl


Body:बांसवाड़ा शहर सहित जिलेभर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और आशा सहयोगिनियां सोमवार को जिला मुख्यालय पर एकत्र हुई। भारतीय आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले भारतीय मजदूर संघ कार्यालय से रैली के रूप में कार्यकर्ता रवाना हुई और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। कार्यकर्ताओं की मांग की की उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹18000 साहिका को 9000 कथा आशा सहयोगिनियों को ₹9000 प्रतिमाह न्यूनतम मानदेय का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा ग्राम साथियों को न्यूनतम ₹12000 का मानदेय भुगतान करना सुनिश्चित किया जाए। कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए सामाजिक सुरक्षा के तहत पीएफ पेंशन ग्रेच्युटी एवं चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराने की मांग की।


Conclusion:बाद में एक प्रतिनिधिमंडल ने संरक्षक सबर सिंह सजवान जिला प्रभारी अरुण सिंह चारण प्रदेश उपाध्यक्ष हीरा देवी मकवाना जिला महामंत्री ज्योति व्यास और जिलाध्यक्ष प्रवीणा कलाल के नेतृत्व में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। रैली में करीब 1000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल थी। संरक्षक सबल सिंह सजवान ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि 1975 से कई महिलाएं आंगनवाड़ी केंद्रों में सेवाएं दे रही है लेकिन उनका मांडे न्यूनतम वेतन से भी बहुत कम है केंद्र सरकार के आदेशानुसार उनका मानदेय बढ़ाया जाए। जिला अध्यक्ष प्रवीण कलाल के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा मानदेय में बढ़ोतरी के आदेश जारी किए गए हैं लेकिन राज्य सरकार आत्मा से उन्हें दबाए हुए हैं। इससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में सरकार के खिलाफ रोष है।

बाइट......... सबल सिंह सजवान

प्रवीणा कलाल
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