अलवर. कोरोना के चलते हजारों लाखों लोगों से रोजगार छीन गया. ऐसे में राजस्थान सरकार ने सभी श्रमिकों को 'पूरा काम पूरा दाम' देने की योजना बनाई है. मनरेगा योजना के तहत श्रमिकों को ज्यादा ज्यादा काम मिलेगा. साथ ही उनको पूरा पैसा मिले, इसकी व्यवस्था प्रशासन की तरफ से की जाएगी. साथ ही मॉनिटरिंग के लिए अलग से अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा.
अलवर में मनरेगा योजना (MNREGA) के तहत 'पूरा काम पूरा दाम' अभियान (Complete work and full price campaign in Alwar) शुरू किया गया है. यह अभियान 4 सप्ताह तक चलेगा. इसके तहत जिले को अब तक 22 लाख 79 हजार 639 लोगों को काम देने का टारगेट दिया गया था. जबकि जिले में 40 लाख 76 हजार 56 लोगों को अब तक काम दिया जा चुका है. टारगेट की तुलना में 101.32 प्रतिशत काम दिया गया है. इसमें पानी से जुड़े हुए 324 काम का टारगेट मिला था. इसकी एवज में जिले में 710 काम हुए हैं. जबकि पेड़ लगाने संबंधित 204 का टारगेट मिला था. इसकी तुलना में 151 काम पूरे हुए हैं.
जिला परिषद के अधिकारियों ने बताया कि मनरेगा के तहत निर्धारित मानदेय 220 रुपए है. जबकि अलवर में 183 रुपए के हिसाब से लोगों को मानदेय दिया गया है. वहीं राजस्थान में 165 का रेट चल रहा है. मनरेगा योजना के तहत लोगों को ज्यादा ज्यादा काम मिले और लोगों को पूरा पैसा मिले. इसके लिए 4 सप्ताह के दौरान विशेष मॉनिटरिंग व्यवस्था की जाएगी.
BDO सहित अन्य करेंगे मॉनिटरिंग
बीडीओ, जिला परिषद अधिकारी, एईएन सहित तमाम वो अधिकारी जो इस पूरी प्रक्रिया में लगे रहते हैं, वो लगातार मॉनिटरिंग करेंगे. अधिकारी का कहना है कि लोगों को जागरूक किया जाएगा कि एक व्यक्ति कितना काम कर सकता है. उसको बताया जाएगा कि किस काम के तहत उसको कितना पैसा दिया जाएगा. इसके अलावा विभाग के अधिकारियों की माने तो इसका सीधा लाभ आम लोगों को मिलेगा.
यह भी पढ़ें. कोरोना में भी रीको ने अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों में ई-ऑक्शन से बेचे प्लॉट
कोरोना वायरस से लगातार लोगों के रोजगार छूटे है. लोग वापस अपने घर लौटे है. ऐसे में यह योजना लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित होगी. जिला परिषद के सीईओ ने बताया कि इस समय पूरा फोकस मनरेगा योजना पर है. लोगों और श्रमिकों को उसका पूरा लाभ मिले, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है. इसके लिए पूरा योजना बंद करें, जिले में काम होगा.