अलवर. अवैध खनन के लिए अलवर देशभर में बदनाम हो चुका है. यहां आए दिन अवैध खनन की घटनाएं होती है. वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला करने के मामले भी सामने आ चुके हैं. इन घटनाओं की सूचना समय रहते विभाग के अधिकारियों को नहीं मिल पाती थी. कई सालों से अलवर में वन विभाग का वायरलेस सिस्टम खराब पड़ा हुआ था.
जिले में वन विभाग के करीब 14 नाके हैं, जरूरत के हिसाब से वन विभाग के अधिकारियों ने अलवर में वायरलेस सिस्टम शुरू कराया गया है. उसके लिए सभी वायरलेस सेट को ठीक कराया गया और उनमें जरूरी उपकरण डलवाए गए. विभाग के अधिकारियों की मानें तो जल्द ही यह सिस्टम काम करने लगेगा. इसका कंट्रोल रूम नयाबास के ऑफिस में बनाया गया है.
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प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में अलवर भौगोलिक दृष्टि से भिन्न है. जिले की एक सीमा उत्तर प्रदेश तो दूसरी सीमा हरियाणा राज्य से लगती है. अलवर में रामगढ़ भिवाड़ी, तिजारा टपूकड़ा सहित दर्जनों अवैध खनन के जगह बन चुके हैं. जहां पर खुलेआम अवैध खनन की शिकायत होती हैं. ऐसे में पूरे जिले पर अब बेहतर तरह से मॉनिटरिंग हो सकेगी. सालों से बंद पड़ा वायरलेस सिस्टम जल्द ही शुरू होने जा रहा है.