अलवर. जिले में शुक्रवार को शाम के समय अचानक आसमान से तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि होने लगी. अलवर ग्रामीण, थानागाजी व आसपास के क्षेत्रों में करीब आधे घंटे तक ओलावृष्टि हुई. इससे खेतों में गेहूं व सरसों की फसल शत-प्रतिशत खराब हो गई. ऐसे में अलवर जिले का किसान बर्बाद हो गया. चारों तरफ सड़क व खेत पर ओले की चादर नजर आई.
इससे पहले भी दो बार अलवर जिले में ओलावृष्टि हो चुकी है. सरकार ने ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन करने के जिला कलेक्टर को आदेश दिए थे. अलवर में हो रही बिना मौसम की बारिश ने किसान, आम आदमी, व्यापारी सभी को परेशान कर दिया है. शुक्रवार को अचानक मौसम में बदलाव हुआ व दोपहर के समय तेज बारिश हुई. तो बारिश के साथ करीब आधे घंटे तक सरिस्का, थानागाजी, मालाखेड़ा सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 30 मिनट तक लगातार चने के आकार के ओले गिरे. सड़क व खेत में ओले की चादर बिछ गई. एक इंच ओले की चादर देखकर किसान व लोग भी दंग नजर आए.
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लोगों ने कहा कि पहली बार इस तरह के हालात देखने को मिले हैं. ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा नुकसान किसान को उठाना पड़ रहा है. गेहूं व सरसों की फसल चौपट हो गई. बीते दिनों हुई ओलावृष्टि के कारण 60 से 70 प्रतिशत फसल खराब हो गई थी. तो इस बार हुई ओलावृष्टि के बाद शत प्रतिशत फसल खराब हो चुकी है. किसान पर लाखों का कर्जा हो गया है. ऐसे में अलवर का किसान बर्बाद हो गया है. किसानों ने कहा कि पैसे ब्याज पर लेकर किसान खेती करता है. बीज व खाद खरीदता है. अलवर जिले में पानी भी खरीद कर खेत में फसल की पैदावार करनी पड़ती है.
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पूरा जिला डार्क जोन में है. जिले में पीने का पानी भी नहीं है. ऐसे में खेती करने में किसान को खासी परेशानी होती है. लाखों रुपए खर्च होते हैं. बारिश और ओलावृष्टि ने किसान की कमर तोड़ दी है. बीते दिनों हुई ओलावृष्टि के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टर को खराबे का आंकलन कराने के आदेश दिए थे. तो वहीं जिला कलेक्टर ने राजगढ़ सहित ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. किसानों से मुलाकात की व गिरदावरी कराकर सरकार को रिपोर्ट भेजी. शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि में तेज बारिश से जिले में होने वाली फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी है. ऐसे में आने वाले दिनों में सरसों के भाव में तेजी आने की संभावना है, तो गेहूं के दामों में भी बढ़ोतरी हो सकती है.