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खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान के तहत 13 दिन में अलवर में लगे 5 लाख बच्चों को टीके - अलवर खसरा-रूबेला टीकाकरण

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चलाए गए खसरा और रूबेला अभियान के तहत अलवर जिले में 12 लाख बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इसके तहत अब तक 13 दिनों में 5 लाख से अधिक बच्चों के टीके लग चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकाकरण अभियान में सभी का सहयोग मिल रहा है.

खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान
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Published : Aug 8, 2019, 12:10 PM IST

अलवर. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खसरा और रूबेला को रोकने से बचाव के लिए प्रदेश भर में टीकाकरण अभियान चल रहा है. जिसके तहत अलवर जिले में 12 लाख बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जिले में अब तक 13 दिनों में लगभग 5 लाख से अधिक बच्चों को टीका लगाया जा चुका है. ऐसा सभी लोगों के सहयोग मिलने के कारण संभव है. टीकाकरण कार्यक्रम अन्य जिलों की तुलना में अलवर में बेहतर चल रहा है.

खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान के तहत 13 दिन में अलवर में लगे 5 लाख बच्चों को टीके

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अलवर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ओपी मीणा ने बताया है कि शुरुआत में अलवर में टीकाकरण को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैलने का खतरा लग रहा था. लेकिन लोगों को मदरसों व मस्जिदों में जाकर जागरूक किया गया. जिसके बाद लोगों ने इस अभियान का समर्थन करने व इसके तहत टीकाकरण करवाने सहमति दी. उसके बाद से सभी लोग टीकाकरण में लगातार हिस्सा ले रहे हैं.

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मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि टीकाकरण अभियान के लिए पहले सरकारी और प्राइवेट स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जाकर बच्चों को टीके लगा रही हैं. इसके बाद क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को टीके लगाए जाएंगे. उसके बाद भी टीकाकरण से वंचित बच्चों को घर-घर जाकर टीके लगाए जाएंगे.

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टीकाकरण करते समय स्कूलों में सावधानी बरती जा रही है. एक बच्चा दूसरे बच्चे को टीका लगते न देख पाए इसका ध्यान रखा जा रहा है, क्योंकि सुई लगते देखने से बच्चे टीका लगवाने से डरते हैं. अभी तक टीकाकरण के बाद होने वाली परेशानी के मामले सामने नहीं आए हैं. मुख्य चिकित्साधिकारी ओपी मीणा ने साथ ही कहा कि टीका पूरी तरह से सुरक्षित व बेहतर है. एक भी बच्चा न छूटने पाए इसलिए स्वास्थ्य विभाग पूरी जागरूकता के साथ टीकाकरण कर रहा है.

अलवर. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खसरा और रूबेला को रोकने से बचाव के लिए प्रदेश भर में टीकाकरण अभियान चल रहा है. जिसके तहत अलवर जिले में 12 लाख बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जिले में अब तक 13 दिनों में लगभग 5 लाख से अधिक बच्चों को टीका लगाया जा चुका है. ऐसा सभी लोगों के सहयोग मिलने के कारण संभव है. टीकाकरण कार्यक्रम अन्य जिलों की तुलना में अलवर में बेहतर चल रहा है.

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अलवर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ओपी मीणा ने बताया है कि शुरुआत में अलवर में टीकाकरण को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैलने का खतरा लग रहा था. लेकिन लोगों को मदरसों व मस्जिदों में जाकर जागरूक किया गया. जिसके बाद लोगों ने इस अभियान का समर्थन करने व इसके तहत टीकाकरण करवाने सहमति दी. उसके बाद से सभी लोग टीकाकरण में लगातार हिस्सा ले रहे हैं.

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मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि टीकाकरण अभियान के लिए पहले सरकारी और प्राइवेट स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने जाकर बच्चों को टीके लगा रही हैं. इसके बाद क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को टीके लगाए जाएंगे. उसके बाद भी टीकाकरण से वंचित बच्चों को घर-घर जाकर टीके लगाए जाएंगे.

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टीकाकरण करते समय स्कूलों में सावधानी बरती जा रही है. एक बच्चा दूसरे बच्चे को टीका लगते न देख पाए इसका ध्यान रखा जा रहा है, क्योंकि सुई लगते देखने से बच्चे टीका लगवाने से डरते हैं. अभी तक टीकाकरण के बाद होने वाली परेशानी के मामले सामने नहीं आए हैं. मुख्य चिकित्साधिकारी ओपी मीणा ने साथ ही कहा कि टीका पूरी तरह से सुरक्षित व बेहतर है. एक भी बच्चा न छूटने पाए इसलिए स्वास्थ्य विभाग पूरी जागरूकता के साथ टीकाकरण कर रहा है.

Intro:अलवर।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अलवर सहित प्रदेश भर में खसरा और रूबेला टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था। इसके तहत अलवर में 12 लाख से अधिक बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके तहत अब तक अलवर में 500000 से अधिक बच्चों के टीके लग चुके हैं। तो वही स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कहा टीकाकरण में सभी का सहयोग मिल रहा है। इसलिए कार्यक्रम अन्य जिलों की तुलना में बेहतर तरह से चल रहा है।


Body:अलवर जिला टीकाकरण के मामले में हमेशा बदनाम रहा है। अलवर के मेवात क्षेत्रों में टीकाकरण को सही नहीं माना जाता है। टीकाकरण को लेकर आम तौर पर कई तरह की भ्रांतियां फैलती है। कुछ समय पहले टीकाकरण से नपुंसकता होने का खतरा की अफवाह फैली थी। इस पर लोगों ने टीके लगवाने से मना कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम को देखकर बच्चे उनके परिजन भाग जाते थे। इसके चलते टीके से नहीं होने वाली बीमारियों के आए दिन मरीज मिलते हैं। उनका इलाज किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खसरा रूबेला अभियान शुरू किया है। 13 दिनों में अलवर जिले में इस अभियान के तहत 500000 से अधिक बच्चों को टीका लगाया जा चुका है। सरकारी स्कूलों, प्राइवेट स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्र को चिन्हित किया है। उसके तहत स्वास्थ्य टीम जगह जगह जाकर बच्चों के टीके लगा रही है। इसके बाद क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। उसके बाद भी टीकाकरण से वंचित बच्चों को घर-घर जाकर टीके लगाए जाएंगे।


Conclusion:अलवर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी मीणा ने बताया अन्य जिलों की तुलना में अलवर में यह अभियान बेहतर चल रहा है। महज 13 दिनों में स्वास्थ्य विभाग ने पांच लाख से अधिक के टीके लगाए जा चुके हैं। इस अभियान के तहत अलवर में 12 लाख से अधिक बच्चों के टीके लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। जिसके तहत तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में अलवर में कई तरह की भ्रांतियां फैलने का खतरा लग रहा था। लेकिन लोगों को मदरसों व मस्जिदों में जाकर जागरूक किया गया। जिसके बाद लोगों ने इस अभियान का समर्थन करने व इसके तहत टीकाकरण करवाने सहमति दी। उसके बाद से लगातार सभी लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं

टीकाकरण करते समय सभी स्कूल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि एक बच्चे को टीका लगते हुए दूसरा बच्चा नहीं देख सके। दरसअल बच्चों में सुई को लेकर थोड़ा डर रहता है। वैसे तो अलवर जिले में अभी तक टीकाकरण के बाद होने वाली परेशानी के मामले सामने नहीं आए हैं। लेकिन बुखार सहित थोड़ी बहुत परेशानी की शिकायतें मिली हैं। इसलिए टीकाकरण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह टीका पूरी तरीके से सुरक्षित व बेहतर है। इसके तहत शत-प्रतिशत बच्चों को टीकाकरण होना जरूरी है। एक बच्चा भी अगर रहा तो आने वाले समय में अन्य बच्चों को भी परेशानी हो सकती है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग पूरी जागरूकता से बच्चों के टीकाकरण कर रहा है।

बाइट-डॉ ओपी मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
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