अलवर. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है. ऐसे में वैक्सीन लगवाने के लिए केंद्रों पर लंबी कतार लगने लगी है. लेकिन बीते कुछ समय से पर्याप्त वैक्सीन नहीं मिलने के कारण वैक्सीनेशन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. कई बार वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया को बंद करना पड़ता है, जबकि कुछ जगहों पर वैक्सीन की डोज कम होने के कारण लोगों को वैक्सीन नहीं लग पा रही है. राजस्थान में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा वैक्सीन अलवर में लोगों को लग रही है.
जिले में अब तक 10 लाख 45 हजार 534 लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है. प्रथम डोज 8 लाख 58 हजार 736 लोगों को लगी है, जबकि एक लाख 86 हजार 798 लोगों को दूसरी डोज लगी है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो 18 साल से 44 साल तक के लोगों के वैक्सीन लगाने के लिए 16 लाख 6 हजार 911 का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत अब तक 1 लाख 27 हजार 841 लोगों को पहली डोज लगी है, जबकि 2405 लोगों को कोरोना की दूसरी डोज लगाई गई है. इस हिसाब से अब तक 1 लाख 3 हजार 246 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी है.
इसी तरह से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए 10 लाख 68 हजार 562 लोगों का प्रथम चरण में वैक्सीन लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. इसके तहत 6 लाख 54 हजार 314 लोगों को पहली डोज लगी है. इसके अलावा 1 लाख 51 हजार 299 लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई है. 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की बात करें तो 4 लाख 43 हजार 289 लोगों को अब तक कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है. राजस्थान में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया अलवर में चल रही है. सरकार की तरफ से सबसे ज्यादा वैक्सीन भी जयपुर के बाद अलवर को ही दी जा रही है.
जिले में 9 लाख 94 हजार 923 को कोविशिल्ड वैक्सीन लोगों को लगाई गई है, जबकि 54 हजार 611 लोगों को कोवैक्सीन लगाई गई है. फ्रंटलाइन वर्कर तथा अन्य लोगों पर नजर डालें तो एफएलडब्लू श्रेणी में आने वाले 52 हजार 550, एचकेडब्ल्यू 50 हजार 930, 18 से 44 साल में 1 लाख 31 हजार 177 लोगों को वैक्सीन लगी है. 44 साल से 60 साल की उम्र में 3 लाख 68 हजार 128 लोगों को कोरोना की वैक्सीन अब तक जिले में लग चुकी है.
अलवर में वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन स्लॉट हमेशा बुक रहता है, ऐसे में लोग खासे परेशान हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी अलग-अलग जगहों पर शिविर लगाकर लोगों को ऑफलाइन वैक्सीन भी लगाई जा रही है, जिससे लोगों को वैक्सीन में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो.