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नागौर: मकराना सीएचसी में चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर सांकेतिक धरना

नागौर में मकराना के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों की नियुक्तियां सरकार की ओर से नहीं की जा रही है. इससे हो रही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए मकराना विकास समिति के नेतृत्व में शुक्रवार को सीएचसी के बाहर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से सांकेतिक धरना दिया गया.

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सीएचसी में चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर सांकेतिक धरना
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Published : Feb 28, 2020, 9:15 PM IST

मकराना (नागौर). जिले के मकराना विकास समिति के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता शुक्रवार की सुबह करीब 9 बजे सीएचसी के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्हें धरना देने के लिए रोकते हुए टेंट नहीं लगाने को कहा गया. मकराना थानाधिकारी जितेन्द्र सिंह चारण ने धरनार्थियों से कहा कि धरना दिए जाने की स्वीकृति नहीं है और इस संबंध में किसी से भी इजाजत नहीं ली गई.

सीएचसी में चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर सांकेतिक धरना

इस पर मकराना विकास समिति के अध्यक्ष हारून रशीद चौधरी सहित अन्य जनों ने थानाधिकारी चारण को बताया कि मकराना उपखण्ड अधिकारी शीराज अली जैदी को धरना के संबंध में अवगत करवाया गया था और सांकेतिक धरने को लेकर ज्ञापन भी दिया गया था. इसके अलावा चिकित्सकों की नियुक्ति होने की स्थिति में धरना स्थागित करने की बात से भी एसडीएम को अवगत करवाई गई थी. वहीं, धरने पर बैठे लोगों से थानाधिकारी ने कहा कि धरना दिए जाने को लेकर मकराना पुलिस थाना के पास किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं है. ऐसे में यहां से धरना हटाकर एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया जाए, लेकिन धरनार्थी अस्पताल के बाहर ही धरना दिए जाने की बात पर अड़े रहे.

पढ़ें- अलवरः फार्मासिस्ट कर्मचारियों का 6 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन

मकराना विकास समिति के अध्यक्ष हारून रशीद चौधरी ने कहा कि मकराना में चिकित्सकों की कमी के कारण यहां की जनता को अनेक प्रकार की दुश्वारियां हो रही है. इस सरकारी अस्पताल में एक साल के समय में मात्र पांच महिलाओं की ही डिलीवरी हुई है, जबकि शहर की अन्य निजी अस्पतालों में एक साल में करीब 2500 डिलीवरी हुई हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि मकराना की जनता को चिकित्सा सेवाओं का लाभ पर्याप्त रूप से नहीं मिल पा रहा है. इस संबंध में मकराना विधायक रूपाराम मुरावतिया को जानकारी हुई तो वे भी धरनास्थल पर पहुंचे और धरनार्थियों की ओर से की जा रही मांगों को सही ठहराते हुए अस्पताल में शीघ्र ही चिकित्सकों की नियुक्ति किए जाने की मांग उठाई.

मुरावतिया ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा में भी गुरूवार को मकराना के सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों की कमी का मुद्दा उठाया गया था. यहां पर चिकित्सकों की नियुक्ति को लेकर सार्थक प्रयास किये जाएंगे. इसके साथ ही धरने के बारे में मकराना उपखण्ड अधिकारी को सूचित किया तो तहसीलदार दिनेश कुमार शर्मा मौके पर पहुंचे. इन्होने भी धरनार्थियों से समझाईश की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी।. कुछ देर बाद एसडीएम जैदी मौके पर पहुंचे और धरनार्थियों से वार्ता करते हुए कहा कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया गया है और आगे भी सरकार तक उनकी मांगों को पहुंचाई जाएगी, इसके बाद ये धरना समाप्त हुआ.

मकराना (नागौर). जिले के मकराना विकास समिति के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता शुक्रवार की सुबह करीब 9 बजे सीएचसी के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान उन्हें धरना देने के लिए रोकते हुए टेंट नहीं लगाने को कहा गया. मकराना थानाधिकारी जितेन्द्र सिंह चारण ने धरनार्थियों से कहा कि धरना दिए जाने की स्वीकृति नहीं है और इस संबंध में किसी से भी इजाजत नहीं ली गई.

सीएचसी में चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग को लेकर सांकेतिक धरना

इस पर मकराना विकास समिति के अध्यक्ष हारून रशीद चौधरी सहित अन्य जनों ने थानाधिकारी चारण को बताया कि मकराना उपखण्ड अधिकारी शीराज अली जैदी को धरना के संबंध में अवगत करवाया गया था और सांकेतिक धरने को लेकर ज्ञापन भी दिया गया था. इसके अलावा चिकित्सकों की नियुक्ति होने की स्थिति में धरना स्थागित करने की बात से भी एसडीएम को अवगत करवाई गई थी. वहीं, धरने पर बैठे लोगों से थानाधिकारी ने कहा कि धरना दिए जाने को लेकर मकराना पुलिस थाना के पास किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं है. ऐसे में यहां से धरना हटाकर एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया जाए, लेकिन धरनार्थी अस्पताल के बाहर ही धरना दिए जाने की बात पर अड़े रहे.

पढ़ें- अलवरः फार्मासिस्ट कर्मचारियों का 6 सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन

मकराना विकास समिति के अध्यक्ष हारून रशीद चौधरी ने कहा कि मकराना में चिकित्सकों की कमी के कारण यहां की जनता को अनेक प्रकार की दुश्वारियां हो रही है. इस सरकारी अस्पताल में एक साल के समय में मात्र पांच महिलाओं की ही डिलीवरी हुई है, जबकि शहर की अन्य निजी अस्पतालों में एक साल में करीब 2500 डिलीवरी हुई हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि मकराना की जनता को चिकित्सा सेवाओं का लाभ पर्याप्त रूप से नहीं मिल पा रहा है. इस संबंध में मकराना विधायक रूपाराम मुरावतिया को जानकारी हुई तो वे भी धरनास्थल पर पहुंचे और धरनार्थियों की ओर से की जा रही मांगों को सही ठहराते हुए अस्पताल में शीघ्र ही चिकित्सकों की नियुक्ति किए जाने की मांग उठाई.

मुरावतिया ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा में भी गुरूवार को मकराना के सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों की कमी का मुद्दा उठाया गया था. यहां पर चिकित्सकों की नियुक्ति को लेकर सार्थक प्रयास किये जाएंगे. इसके साथ ही धरने के बारे में मकराना उपखण्ड अधिकारी को सूचित किया तो तहसीलदार दिनेश कुमार शर्मा मौके पर पहुंचे. इन्होने भी धरनार्थियों से समझाईश की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी।. कुछ देर बाद एसडीएम जैदी मौके पर पहुंचे और धरनार्थियों से वार्ता करते हुए कहा कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया गया है और आगे भी सरकार तक उनकी मांगों को पहुंचाई जाएगी, इसके बाद ये धरना समाप्त हुआ.

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