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सरिस्का में होगी गिद्धों की गणना, वनस्पति व मवेशियों की भी गणना होगी - लाइन ट्रांजेक्ट पद्धति से वन्यजीव गणना क्या है

सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की गणना शुरू हो चुकी है. पहली बार सरिस्का प्रशासन गीदड़ो की भी गणना कर रहा है. वन्यजीवों की गणना लाइन ट्रांजेक्ट पद्धति द्वारा किया जा रहा है.

सरिस्का टाइगर रिजर्व
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Published : May 23, 2023, 6:34 AM IST

अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीव की गणना शुरू हो चुकी है. ये वार्षिक गणना का कार्य 28 मई तक चलेगी. वन्यजीव गणना में पहली बार गीदड़ों की गणना की जाएगी. साथ ही वनस्पति व मवेशियों की भी गणना होगी. वन्य कर्मी अपनी बीटों में एनटीसीए के निर्धारित फेज फॉर प्रोटोकॉल के तहत साइन सर्वे शुरू किया. गणना के लिए वन कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है.

सरिस्का के डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि 25 से 28 मई तक लाइन ट्रांजेक्ट पद्धति से वन्यजीव गणना की जाएगी. इसमें भी प्रत्येक बीट में दो- दो ट्रांजेक्ट लाइन पर शाकाहारी वन्यजीवों एवं मवेशियों की गणना की जाएगी. साथ ही सरिस्का में वनस्पति का सर्वे किया जाएगा. 24 मई तक चलने वाले साइन सर्वे में वनकर्मी प्रत्येक बीट में बाघ, तेंदुआ, जरख एवं अन्य मांसभक्षियों के चिह्नों का सर्वे करने में जुटे हैं. इस बार गिद्धों की गणना भी की जाएगी. इसमें बाघ परियोजना सरिस्का में किस प्रकार की प्रजाति के गिद्ध कहां- कहां, कितनी संख्या में पाए जाते हैं, इसका भी सर्वे किया जाएगा.

बता दें कि सरिस्का में 28 बाघ, बाघिन व शावक हैं. इसके अलावा 500 पैंथर, हिरण, नीलगाय, बारहसिंघा, भालू, जिद्द, मगरमच्छ सहित सैकड़ों तरह के वन्य जीव पशु-पक्षी मौजूद हैं. सरिस्का में 21 से 28 मई तक चलने वाली वन्यजीव गणना के लिए वनकर्मियों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है. पूर्व में दो दिनों में सरिस्का की सभी छह रेंजों के वनकर्मियों को साइन सर्वे पद्धति एवं लाइन ट्रांजेक्ट पद्धति से वन्यजीव गणना का प्रशिक्षण दिया गया था. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि मानवीय व्यवधान व भूमि आच्छादन का सर्वे वन्य प्राणियों एवं मवेशियों की लेंडी तथा गोबर का सर्वेक्षण भी किया जाएगा.

पढ़ें पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है सरिस्का, खूब हो रही बाघ की साइटिंग

अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीव की गणना शुरू हो चुकी है. ये वार्षिक गणना का कार्य 28 मई तक चलेगी. वन्यजीव गणना में पहली बार गीदड़ों की गणना की जाएगी. साथ ही वनस्पति व मवेशियों की भी गणना होगी. वन्य कर्मी अपनी बीटों में एनटीसीए के निर्धारित फेज फॉर प्रोटोकॉल के तहत साइन सर्वे शुरू किया. गणना के लिए वन कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है.

सरिस्का के डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि 25 से 28 मई तक लाइन ट्रांजेक्ट पद्धति से वन्यजीव गणना की जाएगी. इसमें भी प्रत्येक बीट में दो- दो ट्रांजेक्ट लाइन पर शाकाहारी वन्यजीवों एवं मवेशियों की गणना की जाएगी. साथ ही सरिस्का में वनस्पति का सर्वे किया जाएगा. 24 मई तक चलने वाले साइन सर्वे में वनकर्मी प्रत्येक बीट में बाघ, तेंदुआ, जरख एवं अन्य मांसभक्षियों के चिह्नों का सर्वे करने में जुटे हैं. इस बार गिद्धों की गणना भी की जाएगी. इसमें बाघ परियोजना सरिस्का में किस प्रकार की प्रजाति के गिद्ध कहां- कहां, कितनी संख्या में पाए जाते हैं, इसका भी सर्वे किया जाएगा.

बता दें कि सरिस्का में 28 बाघ, बाघिन व शावक हैं. इसके अलावा 500 पैंथर, हिरण, नीलगाय, बारहसिंघा, भालू, जिद्द, मगरमच्छ सहित सैकड़ों तरह के वन्य जीव पशु-पक्षी मौजूद हैं. सरिस्का में 21 से 28 मई तक चलने वाली वन्यजीव गणना के लिए वनकर्मियों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है. पूर्व में दो दिनों में सरिस्का की सभी छह रेंजों के वनकर्मियों को साइन सर्वे पद्धति एवं लाइन ट्रांजेक्ट पद्धति से वन्यजीव गणना का प्रशिक्षण दिया गया था. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि मानवीय व्यवधान व भूमि आच्छादन का सर्वे वन्य प्राणियों एवं मवेशियों की लेंडी तथा गोबर का सर्वेक्षण भी किया जाएगा.

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