अलवर. सरिस्का के जंगलों में लगी भीषण आग अब आबादी क्षेत्र की तरफ तेजी से (Sariska Tiger Reserve Forest Fire) बढ़ने लगी है. ऐसे में लगातार पुलिस, प्रशासन और वन विभाग की टीम लोगों को जागरूक करने में लगी है. गांव-गांव घूमकर सभी को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. साथ ही जंगली जानवर दिखने पर उनकी सूचना तुरंत देने के लिए कहा गया है. दअरसल आग लगने के कारण जानवर जंगल से बाहर निकल रहे हैं. ऐसे में लोगों को खतरा हो सकता है. सरिस्का के जंगल में आग लगभग 15 से 20 किलोमीटर तक फैल चुका है. हवा के कारण आग लगातार बढ़ती जा रही है.
सरिस्का के जंगल क्षेत्र में करीब 23 गांव बसे हुए हैं. इसके अलावा जंगल के आसपास करीब 50 गांव हैं, जिनमें हजारों लोग रहते हैं. आग लगने पर गर्मी ज्यादा होने के कारण वन्यजीव जंगल से निकल कर बाहर की तरफ भाग रहे हैं. ऐसे में गांव के मवेशी और खेतों में खड़ी फसल पर भी संकट बना हुआ है. इसके चलते पुलिस, जिला प्रशासन और सरिस्का प्रशासन की टीम ग्रामीणों को जागरूक कर रही है. ग्रामीणों की माने तो शुरुआत में सरिस्का (police and administration awaring people in alwar) प्रशासन की तरफ से आग बुझाने की प्रक्रिया में लापरवाही बरती गई. जिसके चलते आग ज्यादा बढ़ गई. तो वहीं दूसरी तरफ आग लगने के कारण भी अभी तक साफ नहीं हुए हैं. आग लगने के कारणों में भी वन विभाग की लापरवाही का मामला सामने आ सकता है. हालांकि वन विभाग के (sariska forest fire reason unknown) अधिकारियों ने कहा कि जांच पड़ताल चल रही है.
सरिस्का क्षेत्र में बने हुए होटल ढाबे: सरिस्का के जंगल क्षेत्र में खुलेआम निर्माण कार्य चल रहा है. क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध होटल और ढाबे चल रहे हैं. ऐसे में हमेशा सरिस्का के जंगल में वन्यजीवों पर खतरा मंडराता रहता है. सरिस्का के जंगल से बाघ ST-13 गायब है. एक माह से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला है. इसके अलावा सरिस्का प्रशासन अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं लगा सका है. सरिस्का के जंगल में भीषण आग कैसे लगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. इस पर प्रशासन के सभी जिम्मेदार अधिकारी चुप हैं.