अलवर. अलवर के सरिस्का और बाला किला बफर जोन में सफारी करना अब महंगा (Safari became expensive in Sariska) होगा. वन विभाग ने एक अप्रैल यानी आज से सफारी के चार्ज में बढ़ोतरी की है. सरिस्का में साल भर देसी विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. सरिस्का में बड़ी संख्या में लोग बाघों की साइटिंग देखने आते हैं. अभी तक प्रत्येक पर्यटक को जिप्सी और गाइड फीस के 114 रुपए देने पड़ते थे. लेकिन अब इसे बढ़ाकर 125 रुपए कर दिया गया है. इसी तरह से कैंटर और गाइड फीस प्रति पर्यटक 39 रुपए थी. इसे भी बढ़ाकर 43 रुपए कर दिया गया है.
पहले वाहन किराया जिप्सी 422 रुपए प्रति पर्यटक था. जिसको बढ़ाकर 485 रुपए प्रति पर्यटक किया गया है. वाहन किराया कैंटर 368 रुपए प्रति पर्यटक था. जिसको बढ़ाकर 400 रुपए किया गया है. इसके अलावा अगर पर्यटक हाफ डे सफारी वाहन किराए पर लेना चाहते हैं. तो अभी उनको 3190 रुपए देने पड़ते थे. लेकिन अब उनको 3690 रुपए देने होंगे. इसी तरह से फुल डे सफारी वाहन किराया 5390 रुपए था, जिसको बढ़ाकर 6150 रुपए किया गया है. जिप्सी और कैंटर की रेट आज यानी 1 अप्रैल से लागू की गई है.
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हर साल अप्रैल में होती है बढ़ोत्तरी: सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि प्रवेश चार्ज अलग से देना पड़ेगा. इसके अलावा भी कुछ शुल्क प्रेरकों को देने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में हर साल बढ़ोतरी की जाती है. सरिस्का की तुलना में रणथंभौर में रेट ज्यादा थे. ऐसे में लंबे समय से जिप्सी और कैंटर चालक रेट बढ़ाने की मांग कर रहे थे. जिसको देखते हुए वन विभाग ने सफारी के रेट को बढ़ा दिया है. सफारी के रेट बढ़ने से सफारी चालकों को फायदा मिलेगा. क्योंकि पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और लंबे समय से सफारी के रेट नहीं बढ़े थे. अलवर के बाला किला व सरिस्का क्षेत्र में करीब 80 के आसपास जिप्सी और 18 कैंटर हैं.