मुंडावर (अलवर). प्रदेशभर में मकर संक्राति पर कहीं दान-पुण्य, तो कहीं पतंगबाजी की गई. वहीं अलवर के मुंडावर में बड़े धार्मिक अनुष्ठान के साथ संक्राति का पर्व मनाया गया. इसके लिए 5 जनवरी से ही ऋग्वेद पारायण महायज्ञ का आयोजन किया गया है, जो बुधवार को संक्राति के दिन विधि-विधान से संपन्न किया गया.
यज्ञ के ब्रह्म-आचार्य राजकुमार शास्त्री ने बताया, कि इस महायज्ञ में 20 क्विंटल हवन सामग्री और 6 क्विंटल शुद्ध देशी घी का प्रयोग कर यज्ञ में आहुति दी गई है. वेदपाठी संजय दत्त शास्त्री पानीपत और कपिल देव शास्त्री ब्रह्म महाविद्यालय, हिसार ने बहुत ही सुन्दर विधि से वेद का पाठ किया है.
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समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए शिक्षाविद डॉ. धर्मराज शर्मा ने कहा, कि यज्ञ और वेदपाठ भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण की शुद्धता के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम समाज और देशहित में होते हैं. उन्होंने भावी पीढ़ी से अपील करते हुए कहा, कि आने वाली पीढ़ियों को संस्कारित करने के लिए यज्ञ और वेदपाठों की ओर हमें लौटना चाहिए.